Hariyali Teej 2025: हरियाणा के मुख्यमंत्री आवास, संत कबीर कुटीर, में तीज का त्योहार 25 जुलाई 2025 को पारंपरिक उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। यह उत्सव हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया, जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशभर से आई महिलाओं को शगुन की कोथली भेंट कर शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल की धर्मपत्नी मित्रा घोष, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती सुमन सैनी, और कैबिनेट मंत्री आरती राव सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
Hariyali Teej 2025: तीज का त्योहार: हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर
हरियाणा में तीज का त्योहार एक विशेष स्थान रखता है, जो न केवल सावन मास की हरियाली का उत्सव है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक एकता का प्रतीक भी है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की कहानी से जुड़ा है, जिसे महिलाएं श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाती हैं।
Hariyali Teej 2025: तीज के मुख्य आकर्षण:
- पारंपरिक परिधान: महिलाएं हरे रंग की साड़ियां, लहंगे, और आभूषण पहनकर उत्सव में शामिल होती हैं।
- झूला झूलना: सावन की हरियाली में झूले का आनंद तीज का अभिन्न हिस्सा है।
- लोक गीत और नृत्य: हरियाणवी लोक गीत और नृत्य उत्सव को और रंगीन बनाते हैं।
- व्रत और पूजा: महिलाएं पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
हरियाणा में तीज का उत्सव सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देता है, जैसा कि संत कबीर कुटीर में आयोजित इस कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
Hariyali Teej 2025: संत कबीर कुटीर: आयोजन का केंद्र
संत कबीर कुटीर, जो हरियाणा के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास है, इस बार तीज उत्सव का मुख्य केंद्र बना। चंडीगढ़ में स्थित यह स्थान हरियाणा की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का प्रतीक है। इस आयोजन ने न केवल स्थानीय महिलाओं को एक मंच प्रदान किया, बल्कि पूरे प्रदेश से आई महिलाओं को एकजुट किया।
Hariyali Teej 2025: संत कबीर कुटीर की विशेषताएं:
- सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र: यह स्थान विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए जाना जाता है।
- आधुनिक और पारंपरिक का संगम: कुटीर का डिज़ाइन हरियाणा की परंपराओं और आधुनिकता का मिश्रण है।
- महिलाओं के लिए प्रेरणा स्थल: इस तरह के आयोजन महिलाओं को सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का काम करते हैं।
25 जुलाई 2025 को आयोजित तीज उत्सव ने संत कबीर कुटीर को हरियाणा की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में और मजबूत किया।
Hariyali Teej 2025: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का योगदान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल कार्यक्रम में सक्रिय भाग लिया, बल्कि प्रदेशभर से आई महिलाओं को शगुन की कोथली भेंट कर उनकी खुशी को दोगुना किया।
Hariyali Teej 2025: नायब सिंह सैनी के प्रयास:
- महिलाओं का सम्मान: शगुन की कोथली वितरण के माध्यम से उन्होंने हरियाणा की महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
- सांस्कृतिक संरक्षण: तीज जैसे पारंपरिक उत्सवों को बढ़ावा देकर उन्होंने हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखा।
- सामाजिक एकता: उनके नेतृत्व में यह आयोजन सभी वर्गों की महिलाओं को एक मंच पर लाया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “तीज का पर्व हरियाणा में त्योहारों के आरंभ का प्रतीक है। मैं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती से सभी के लिए सुख-समृद्धि की कामना करता हूं।”
Hariyali Teej 2025: महिलाओं की भागीदारी और शगुन की कोथली
इस आयोजन की सबसे खास बात थी प्रदेशभर से आई महिलाओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी। संत कबीर कुटीर में महिलाओं का स्वागत श्रीमती सुमन सैनी ने आत्मीयता के साथ किया, जिससे कार्यक्रम में घरेलू और पारिवारिक माहौल बना।
शगुन की कोथली का महत्व:
- पारंपरिक उपहार: शगुन की कोथली में मेहंदी, चूड़ियां, मिठाई, और अन्य पारंपरिक वस्तुएं शामिल होती हैं।
- सांस्कृतिक प्रतीक: यह कोथली तीज के उत्सव में खुशी और समृद्धि का प्रतीक है।
- महिलाओं के लिए सम्मान: मुख्यमंत्री द्वारा कोथली वितरण ने महिलाओं के योगदान को सराहा।
महिलाओं ने लोक गीत गाए, झूले झूले, और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए, जिससे आयोजन और भी रंगीन हो गया।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस आयोजन में कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया। हरियाणा के राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती मित्रा घोष, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती सुमन सैनी, और कैबिनेट मंत्री श्रीमती आरती राव ने अपनी मौजूदगी से आयोजन को विशेष बनाया।
विशिष्ट अतिथियों की भूमिका:
- श्रीमती मित्रा घोष: उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया और तीज की सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित किया।
- श्रीमती सुमन सैनी: उन्होंने महिलाओं का स्वागत किया और आयोजन की व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- श्रीमती आरती राव: उन्होंने हरियाणा सरकार की महिलाओं के लिए योजनाओं पर प्रकाश डाला।
इन अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन को न केवल सांस्कृतिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बनाया।
तीज उत्सव का सांस्कृतिक महत्व
तीज का त्योहार हरियाणा में सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक बंधनों को मजबूत करने में भी सहायक है।
तीज के सांस्कृतिक पहलू:
- महिला सशक्तिकरण: तीज महिलाओं को अपनी पहचान और सामाजिक भूमिका को व्यक्त करने का अवसर देता है।
- पारंपरिक कला और शिल्प: मेहंदी, चूड़ियां, और लोक गीत तीज के उत्सव में स्थानीय कला को बढ़ावा देते हैं।
- सामाजिक एकता: विभिन्न समुदायों की महिलाएं एक साथ मिलकर उत्सव मनाती हैं, जिससे सामाजिक एकता बढ़ती है।
संत कबीर कुटीर में आयोजित यह उत्सव हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक शानदार उदाहरण है।