मुरादाबाद में पुलिसवालों के लिए लगा हेल्थ कैंप

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता 

मुरादाबाद : रविवार को एक ऐसा कार्यक्रम हुआ जो पुलिसवालों और उनके परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ। नारी एवं बाल उत्थान समिति ने रिजर्व पुलिस लाइन्स में पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में स्वास्थ्य जांच से लेकर परामर्श तक सब कुछ मुफ्त था, और इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) परिक्षेत्र जी मुनिराज और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सतपाल अंतिल ने दीप प्रज्ज्वलित करके शिविर की शुरुआत की। ये दोनों अधिकारी खुद आगे आए और अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर बाकी पुलिसकर्मियों को एक बड़ा संदेश दिया – स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए। इस तरह के आयोजन से न सिर्फ पुलिसवालों का मनोबल बढ़ता है, बल्कि उनके परिवार भी खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।

शिविर में क्या-क्या हुआ?

शिविर में पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों की भारी भीड़ उमड़ी। हर कोई उत्साह से हिस्सा ले रहा था। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सामान्य स्वास्थ्य जांच, नेत्र परीक्षण, परामर्श और अन्य जरूरी मेडिकल सुविधाएं प्रदान कीं। लोग लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, और डॉक्टरों की टीम हर किसी की समस्या को ध्यान से सुन रही थी। इस पूरे कार्यक्रम में नारी एवं बाल उत्थान समिति, मुरादाबाद के अध्यक्ष मुकुल अग्रवाल (एडवोकेट) का खास योगदान रहा। उनके प्रयासों से ही यह शिविर संभव हो पाया। मुकुल अग्रवाल ने बताया कि ऐसे आयोजन से समाज के रक्षकों को सहारा मिलता है, जो दिन-रात हमारी सुरक्षा में लगे रहते हैं। शिविर खत्म होने के बाद डीआईजी, एसएसपी और अन्य अधिकारियों ने पुलिस लाइन परिसर में हरिशंकरी वृक्ष, पाकड़, पीपल और बरगद जैसे पेड़ लगाए। यह पर्यावरण संरक्षण का एक शानदार संदेश था, जो बताता है कि स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी जरूरी है। अधिकारियों ने खुद हाथ में कुदाल लेकर पेड़ लगाए, जिससे मौके पर मौजूद हर कोई प्रेरित हुआ।

कौन-कौन से अधिकारी थे मौजूद?

कार्यक्रम में कई बड़े अधिकारी शामिल हुए। पुलिस अधीक्षक यातायात, क्षेत्राधिकारी यातायात, क्षेत्राधिकारी लाइन, क्षेत्राधिकारी कोतवाली समेत अन्य अधिकारी वहां थे। इन सभी ने न सिर्फ कार्यक्रम में हिस्सा लिया, बल्कि खुद भी स्वास्थ्य जांच कराई। इससे पुलिस विभाग में एक सकारात्मक माहौल बना। शिविर में डॉक्टरों की टीम ने दिन भर अपनी सेवाएं दीं। डॉक्टर आशी खुराना, डॉ. राज कपूर, डॉ. विनम्र सिंघल, डॉ. ईरम परवीन जैसे विशेषज्ञों ने लोगों की मदद की। इन डॉक्टरों ने अपनी-अपनी फील्ड में मरीजों को सलाह दी और जरूरी टेस्ट करवाए।

डॉक्टरों की पूरी टीम और उनकी स्पेशलिटी

शिविर को सफल बनाने में डॉक्टरों की भूमिका सबसे अहम रही। यहां सेवाएं देने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों की लिस्ट इस प्रकार है: डॉ. आशी खुराना (नेत्र सर्जन), डॉ. राज कपूर (हृदय रोग विशेषज्ञ), डॉ. विनम्र सिंघल (न्यूरो सर्जन), डॉ. ओवैस मेहबूब (ऑर्थोपेडिक सर्जन), डॉ. ईरम परवीन (नेत्र सर्जन), डॉ. यूसुफ खान (क्रिटिकल केयर कंसल्टेंट/फिजिशियन), डॉ. प्रतीक गर्ग (बाल रोग विशेषज्ञ), डॉ. अर्जुन टोंडन (बाल रोग विशेषज्ञ), डॉ. रिचा अग्रवाल (स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ. सुकृति मालवीय (स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ. गरिमा शर्मा (एंडोडॉन्टिस्ट), डॉ. रचित मेहरोत्रा (डेंटल सर्जन), डॉ. कुलदीप शर्मा (होम्योपैथिक), डॉ. दीपक गर्ग (फिजियोथेरेपिस्ट), डॉ. हिमांशु गुप्ता (मनोचिकित्सक), डॉ. आर.के. सिंह, और डॉ. आबिदा (स्किन केयर)। इन सभी ने अपनी सेवाएं बिना किसी शुल्क के दीं, जिससे पुलिस परिवारों को बड़ा फायदा हुआ।

इस शिविर का महत्व क्या है?

ऐसे स्वास्थ्य शिविर पुलिस जैसे व्यस्त विभाग के लिए बहुत जरूरी हैं। पुलिसकर्मी दिन-रात ड्यूटी पर रहते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता है। परिवार भी अक्सर चिंता में रहते हैं। नारी एवं बाल उत्थान समिति जैसे संगठन इनकी मदद करके समाज में एक अच्छा उदाहरण पेश कर रहे हैं। मुकुल अग्रवाल जैसे लोगों का योगदान सराहनीय है, जो बिना किसी स्वार्थ के ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं। शिविर के दौरान अधिकारियों ने जो पेड़ लगाए, वह भी एक बड़ा कदम है। आजकल पर्यावरण की समस्या बढ़ रही है, और ऐसे छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं। पुलिस लाइन परिसर अब और हरा-भरा हो जाएगा, जो वहां रहने वालों के लिए सुखद होगा।

समाज पर असर

यह आयोजन सिर्फ स्वास्थ्य जांच तक सीमित नहीं था। इससे पुलिस और आम लोगों के बीच का रिश्ता मजबूत हुआ। जब बड़े अधिकारी खुद आगे आकर स्वास्थ्य जांच कराते हैं, तो नीचे के कर्मचारी भी प्रेरित होते हैं। नारी एवं बाल उत्थान समिति की यह पहल महिलाओं और बच्चों के उत्थान के साथ-साथ पुलिस परिवारों की मदद भी कर रही है। मुरादाबाद जैसे शहर में जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं, ऐसे फ्री कैंप बड़ा सहारा बनते हैं। लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसे आयोजन नियमित रूप से हों। डीआईजी और एसएसपी जैसे अधिकारियों की मौजूदगी से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ी।

आगे की योजनाएं

नारी एवं बाल उत्थान समिति भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है। मुकुल अग्रवाल ने कहा कि पुलिस के अलावा अन्य विभागों के लिए भी शिविर लगाए जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए और पेड़ लगाने की मुहिम चलाई जाएगी। यह आयोजन एक शुरुआत है, जो आगे चलकर बड़े स्तर पर फैलेगा। पुलिस विभाग भी ऐसे सहयोग का स्वागत कर रहा है।

कुल मिलाकर, यह शिविर न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित हुआ। मुरादाबाद के लोगों के लिए यह एक यादगार दिन था, जहां मदद और जागरूकता का संदेश फैला।