Local news- मुरादाबाद में पंचर जोड़ते वक्त अचानक हुआ कुछ ऐसा कि युवक की थम गई सांसें

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता 

Local news- मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में उस वक्त दिल दहला देने वाला हादसा हो गया जब एक शख्स ट्रैक्टर की ट्रॉली का पंचर जोड़ने के दौरान जैक टूटने से उसकी कुचलकर मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना कटघर थाना क्षेत्र के रामपुर चौराहे पर हुई, जहां मृतक अपनी पंचर की छोटी सी दुकान चलाकर किसी तरह परिवार का पेट पाल रहा था।

मृतक की पहचान राकेश सिंह पुत्र रामऔतार सिंह के रूप में हुई है। राकेश मूल रूप से पाकबड़ा थाना क्षेत्र के नानकबाड़ी गांव के रहने वाले थे। रोज की तरह गुरुवार को भी वह सुबह से अपनी दुकान पर बैठे थे। एक ट्रैक्टर चालक ट्रॉली का पंचर ठीक कराने आया। राकेश ने ट्रॉली को जैक से उठाया और पंचर जोड़ने का काम शुरू कर दिया। लेकिन किसे पता था कि यही काम उनकी जिंदगी का आखिरी काम बन जाएगा।

लोगों ने बताया कि जैसे ही राकेश नीचे झुककर पंचर में ट्यूब डालने लगे, अचानक जैक जोर की आवाज के साथ टूट गया। भारी-भरकम ट्रैक्टर ट्रॉली सीधे राकेश पर जा गिरी। देखते ही देखते वह ट्रॉली के नीचे दब गया। आसपास के लोगों ने चीख-पुकार मचाई और किसी तरह ट्रॉली को हटाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राकेश की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

परिवार में छाया मातम का माहौल

हादसे की खबर जैसे ही नानकबाड़ी गांव पहुंची, पूरे परिवार में कोहराम मच गया। राकेश की पत्नी, बच्चे और बूढ़े माता-पिता रो-रोकर बेहाल हो गए। घर का इकलौता कमाने वाला चला गया। छोटे-छोटे बच्चे बार-बार पापा-पापा चिल्ला रहे थे, लेकिन अब उनकी पुकार कोई जवाब नहीं दे सकता। पड़ोसियों ने बताया कि राकेश बहुत मेहनती इंसान था। सुबह से शाम तक पंचर दुकान पर बैठता था और जो भी कमाई होती, उसी से घर चलाता था।

मौके पर पहुंची पुलिस, शव को भेजा पोस्टमॉर्टम

सूचना मिलते ही कटघर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह एक दुखद दुर्घटना मानी जा रही है।

रोजी-रोटी के लिए जान जोखिम में डालते मजदूर

यह हादसा एक बार फिर उन मजदूर भाइयों की जिंदगी की कड़वी सच्चाई सामने ला रहा है जो दो वक्त की रोटी के लिए रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं। सस्ते और पुराने जैक, सुरक्षा उपकरणों का अभाव और भारी वाहनों के नीचे काम करना – ये सब जानलेवा साबित हो रहा है। कई बार तो मजदूरों के पास दूसरा कोई रास्ता ही नहीं बचता।

रामपुर चौराहा मुरादाबाद का व्यस्त इलाका है। यहां दिनभर ट्रैक्टर-ट्रॉली और भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। पंचर की दुकानों की कतार है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं। आज राकेश के साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ भी हो सकता है।

आखिरी सफर पर राकेश

शाम तक जैसे ही पोस्टमॉर्टम पूरा हुआ, राकेश का शव गांव पहुंचा। पूरे गांव में मातम फैल गया। सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। राकेश की अर्थी को कंधा देने वालों की आंखें नम थीं। छोटे-छोटे बच्चे अभी समझ भी नहीं पाए कि उनके पापा अब कभी घर नहीं लौटेंगे।