मनोज ठाकुर, संवाददाता
अमरोहा/मुरादाबाद -चौधरपुर से असमोली तक का 25 किलोमीटर का हाईवे इन दिनों मौत का दूसरा नाम बन चुका है। गन्ने से लदे ओवरलोड ट्रक इस कदर सड़क घेर लेते हैं कि बाइक, कार या एम्बुलेंस तक को निकलने की जगह नहीं बचती। ट्रक इतने भारी होते हैं कि ब्रेक फेल होने पर सीधे सामने वाले वाहन को रौंद देते हैं। सबसे दुखद बात ये है कि शासन-प्रशासन सब देखकर भी चुप है।
कौन है जिम्मेदार?
ये हाल सिर्फ़ ट्रक ड्राइवरों का नहीं है। गन्ना मिलों के मालिक, ठेकेदार, चीनी मिल के वजन कांटे वाले और रोड पर खड़े पुलिसकर्मी – सबकी मिलीभगत से ये खेल चल रहा है। ट्रक में 25-30 टन तक गन्ना लाद दिया जाता है जबकि परमिट सिर्फ़ 12-15 टन का होता है। ऊपर से ट्रक की दोनों तरफ़ लोहे की रॉड लगा कर गन्ना इतना फैलाकर लादा जाता है कि पूरी सड़क कब्ज़ा हो जाती है।
क्या हुआ?
हर रोज़ सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक दर्जनों ओवरलोड ट्रक कतार में चलते हैं। एक ट्रक के पीछे दूसरा, फिर तीसरा… ऐसा लगता है जैसे लंबी दीवार चल रही हो। अगर कोई बाइक वाला या कार वाला ओवरटेक करना चाहे तो सामने से आ रहा दूसरा ट्रक उसे कुचल देता है। पिछले 6 महीने में इस रोड पर 14 लोगों की जान जा चुकी है, दर्जनों घायल हुए हैं – लेकिन कोई स्थायी कार्रवाई नहीं हुई।
कब-कब हो चुकी हैं बड़ी दुर्घटनाएँ?
सिर्फ़ पिछले महीने ही तीन बड़े हादसे हुए:
- 12 नवंबर की रात: बाइक सवार दो युवक ट्रक से टकराए, दोनों की मौके पर मौत
- 25 अक्टूबर की सुबह: स्कूली वैन को ट्रक ने टक्कर मारी, 8 बच्चे घायल
- 5 नवंबर की शाम: एम्बुलेंस को रास्ता न मिलने से मरीज़ की साँस रास्ते में टूट गई
फिर भी ट्रकों की रफ्तार और ओवरलोडिंग आज भी जारी है।
कहाँ बन चुकी है सबसे खतरनाक पट्टी?
चौधरपुर, बहजोई, कुंदरकी, असमोली के बीच का पूरा स्ट्रेच सबसे ज्यादा खतरनाक है। खासकर नारंगपुर पुल, हयातनगर मोड़ और असमोली चीनी मिल के सामने तो ट्रक पूरी सड़क पर कब्ज़ा कर लेते हैं। यहाँ दिन में 300 से ज्यादा ओवरलोड गन्ना ट्रक गुजरते हैं।
कैसे लगेगा इस पर अंकुश?
स्थानीय लोगों की माँग है कि:
- हर ट्रक का वजन चेक करने के लिए रोड पर मोबाइल वेट मशीन लगाई जाए
- ओवरलोड ट्रक को सीधे जब्त किया जाए, सिर्फ़ चालान न काटा जाए
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक गन्ना ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगे
- हाईवे पर डिवाइडर और स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएँ
- चीनी मिलों के गेट पर ही वजन मशीन लगे और ओवरलोड गन्ना स्वीकार न किया जाए
फिलहाल एसडीएम और सीओ को शिकायतें भेजी गई हैं। देखना ये है कि इस बार प्रशासन कितनी जल्दी एक्शन लेता है, वरना ये रोड जल्द ही “डेथ वैली” बन जाएगा।
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