अमित शाह बोले आने वाले 4 साल में मुस्लिम समझ जाएंगे बिल के फायदे

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, वक्फ में पहले तो कोई गैर इस्लामिक सदस्य आएगा ही नहीं। ना मुतवल्लिक गैर इस्लामिक होगा और ना ही कोई दूसरा गैर इस्लामी होगा। अमित शाह ने इसपर आगे कहा कि वक्फ धार्मिक हुआ, वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद धार्मिक नहीं है। विरोधी दलों द्वारा वोटबैंक के लिए मुसलमानों को भड़काया जा रहा है। आप लोग (विपक्षी दल) देश को तोड़ दोगे। मैं मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि आपके वक्फ में कोई भी गैर मुसलमान नहीं आएगा। लेकिन जो वक्फ बोर्ड है और वक्फ परिषद है, उसे लेकर हम प्रावधान लेकर आए हैं, ताकि वक्फ के नाम पर औने-पौने दाम में संपत्तियों को 100-100 साल के लिए किराए पर देने वालों को पकड़ना और उन्हें निकालना इस बिल का उद्देश्य है। वक्फ का पैसा जो चोरी होता है ना उसे पकड़ने का काम वक्फ परिषद करेगा। ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चल रही थी, वो चलती रहे। लेकिन ये नहीं चलने देंगे हम।

कांग्रेस ने रातों-रात बदला वक्फ का नियम

अमित शाह ने कहा कि 2013 में वक्फ का जो संशोधन आया। अगर वो नहीं किया गया होता तो ये बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ती। 2014 में चुनाव आने वाला था और 2013 में रातों रात वक्फ कानून को एक्स्ट्रीम बनाया गया। इसके कारण हुआ ये कि दिल्ली लुटियन की 123 वीवीआई संपत्ति कांग्रेस सरकार ने जब चुनाव मुहाने पर थे, 25 दिन दूर था तो वक्फ को देने का काम किया। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने उत्तरी रेलवे की भूमि वक्फ के नाम घोषित कर दी। 250 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले 12 गावों पर वक्फ का स्वामित्व हो गया। तमिलनाडु के 1500 पुरानी तिरुचेंदुरई मंदिर की 400 एकड़ संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दी गई। कर्नाटक मणिपट्टी समिति की रिपोर्ट कहती है कि 29 हजार एकड़ भूमि वक्फ भी, बिजनेस के उपयोग के लिए किराए पर दे दी गई।

मुसलमानों के फायदे का है बिल

अमित शाह ने आगे कहा कि बेंगलुरू में 602 एकड़ भूमि को जब्त करने से रोकने के लिए न्यायालय को बीच में पड़ना पड़ा। इसके अलावा 500 करोड़ रुपये जिस भूमि की कीमत है, वहां 5 स्टार होटल को महीने का 12 हजार रुपये लेकर किराए पर जमीन दे दी गई है। ये जमीन चोरी के लिए नहीं है। इसे हम रोकेंगे और जो इसके ठेकेदार बैठे हैं, उनको लगता है कि इससे वो जीत जाएंगे। आज देश के कई चर्च और चर्च के समूह वक्फ बिल का समर्थन कर रहे हैं। उनको लगता है कि इसका विरोध करके हम मुस्लिम भाईयों का सिंपथी जीतकर अपना वोटबैंक पक्का करेंगे। क्योंकि 4 साल में मुस्लिम भाईयों को मालूम पड़ जाएगा कि ये कानून उनके ही फायदे का है। ये वही लोग हैं जो अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में चर्चों को नाराज कर रहे हैं।

लालू यादव के बयान को अमित शाह ने किया याद

अमित शाह ने कहा कि वक्फ जो कि मुस्लिम भाईयों की धार्मिक क्रियाकलाप है, उसमें सरकार कोई दखल नहीं करना चाहती है। मुतवल्ली, वाकिफ सब उनका होगा। लेकिन वक्फ की संपत्ति इसका रखरखाव ठीक से हो रहा है या नहीं, ये देखना इस बिल का काम होगा। इतनी भूमि वक्फ के पास है लेकिन इसका रेवेन्यू है मात्र 126 करोड़। लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि सारी जमीनें वक्फ को गईं, चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी, पटना में ही डाक बंगले की जितनी प्रॉपर्टी थी, सबपर अपार्टमेंट बन गए। इस तरह से काफी लूट खसोट किया गया है। लेकिन मैं चाहता हूं कि भविष्य में आप कड़ा कानून लाइए और चोरी करने वाले लोगों को सजा दी जाए।

अपनी संपत्ति को वक्फ कर सकते हैं, दूसरों के संपत्ति को नहीं

अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद का कोई ऑर्डर, हम ऐसा नहीं कर रहे हैं कि कोर्ट नहीं जा सकते हैं। आपने तो कर दिया था कि इसे कोई कोर्ट में चौलेंज ही नहीं कर सकता है। इस देश में संविधान का राज है। 2013 में जिसकी भूमि हड़पी उसके मालिकों को भी कोर्ट से बाहर निकालने का पाप कांग्रेस ने किया है। अगर किसी मंदिर के लिए जमीन खरीदनी है तो जमीन की मालिकी किसकी ये देश में कौन तय करेगा। तो अगर वक्फ की भूमि जो वक्फ कर रहा है, उसकी जमीन वह है या नहीं, इसकी जांच अगर कलेक्टर करे तो इसमें क्या बुराई है। दान अपनी संपत्ति का किया जा सकता है दूसरी की संपत्ति का नहीं। कोई अमेरिका घूमने गया है, कोई कारोबार करने के लिए दिल्ली गया है। पता चला वह गांव वापस आया तो उसकी जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दी गई।

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