अपनी किस्मत में तरक्की पाने के लिये करें इन मंत्रों का जाप
नई दिल्ली। नेटवर्क
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय के रूप में माना जाता है. सभी पूजा अनुष्ठानों में सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है. भगवान गणेश अपने भक्तों के विघ्न हर के उन्हें शुभ आशीर्वाद देते हैं. ऐसा माना जाता है कि बुधवार के दिन पूरे विधि-विधान से लांबोदर की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और शुभ आशीष देते हैं. हिंदू धर्म पुराणों के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा में कई प्रकार के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. बुधवार के दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए...
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को सिंदूर अर्पित किया जाता है. ऐसा माना गया है कि भगवान गणेश को सिंदूर अति प्रिय है, इसलिए भगवान गणेश की पूजा के दौरान उन्हें सिंदूर चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करें.
मंत्र
‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्
शुभदं कामदं चौव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः’
-भगवान गणेश को चावल या अक्षत चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’
दृ भगवान गणेश का मूल मंत्र इस प्रकार है-
ऊं श्रीं ह्रीं क्लें ग्लौम गं गणपतये वर वरद सर्वजन जनमय वाशमनये स्वाहा तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुंडाय धिमहि तन्नो दंति प्रचोदयत ओम शांति शांति शांतिः
इन सभी मंत्रों के अलावा कुछ और मंत्र भी हैं, जिनका जाप भगवान गणेश की पूजा करते समय किया जा सकता है. वे मंत्र इस प्रकार हैं-
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात.
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति करो दूर क्लेश।
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
सुमुखश्च एकदंतश्च कपिलो गजकर्णक
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायक
धुम्रकेतुर गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजानन
द्वादशैतानि नामानि यरू पठेचशृणुयादपि ..
‘ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा’