Vaishno Katha : माँ वैष्णो की यह चमत्कारी कथा सुनने से सभी मनोकामना हो जाती है पूर्ण
Vaishno Katha :माता वैष्णो देवी हिन्दू धर्म की एक मुख्य देवी हैं। मान्यता है कि पहाड़ों पर बसने वाली मां वैष्णो देवी की साधना से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। प्रति साल लाखों भक्त माता की दर्शन करने के लिये जाते है। मान्यता है कि एक बार माता के दर्शन होने के बाद सभी दूखों का निवारण हो जाता है। और सभी मनोकामना पूरी होती है। वैसे तो प्रति दिन माता के दर्शन के लिये लोग जाते है। नवरात्र के मौके पर ज्यादा लोग पहुंचते है। माना जाता है कि जो मनोकामना मांगते है पूरी हो जाती है। माना जाता की मन ज्याद परेशान हो या किसी बात को लेकर परेशान हो तो माता वैष्णो देवी की कथा सुने से सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते है।
वैष्णो देवी के मंत्र Vaishno Devi Mantras
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए माता वैष्णो देवी को पाद्य(जल) समर्पण करना चाहिए-
ॐ सर्वतीर्थ समूदभूतं पाद्यं गन्धादि-भिर्युतम्
अनिष्ट-हर्ता गृहाणेदं भगवती भक्त-वत्सला
ॐ श्री वैष्णवी नमः
पाद्योः पाद्यं समर्पयामि
इस मंत्र के द्वारा माता वैष्णो देवी को दक्षिणा अर्पण करना चाहिए-
हिरण्यगर्भ-गर्भस्थं हेम बीजं विभावसोः
अनन्तं पुण्यफ़ल दमतः शान्ति प्रयच्छ मे
माता वैष्णो देवी की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन समर्पण करना चाहिए-
ॐ श्रीखण्ड-चन्दनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम्
विलेपन मातेश्वरी चन्दनं प्रति-गृहयन्ताम्
इस मंत्र के द्वारा माता वैष्णो देवी का दधि स्नान करना चाहिए-
पयस्तु वैष्णो समुद-भूतं मधुराम्लं शशि-प्रभम्
दध्या-नीतं मया स्नानार्थ प्रति-गृहयन्ताम्
माता वैष्णो देवी की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें वस्त्र समर्पण करना चाहिए-
शीत-शीतोष्ण-संत्राणं लज्जाया रक्षणं परम्
देहा-लंकारण वस्त्रमतः शान्ति प्रयच्छ मे
इस मंत्र को पढ़ते हुए माता वैष्णो देवी को पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए-
माल्या दीनि सुगन्धीनि माल्यादीनि वै देवी
मया-हृताणि-पुष्पाणि गृहायन्ता पूजनाय भो
Vaishno Devi Mantras
माता वैष्णो देवी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें बिल्वपत्र एवं पुष्प समर्पण करना चाहिए-
बन्दारूज-नाम्बदार मन्दार प्रिये धीमहि
मन्दार जानि पुष्पाणि रक्त-पुष्पाणि-पेहि भो
माता वैष्णो देवी की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करते हुए उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए-
ॐ वैष्णो देवी नमस्ते-स्तु गृहाण करूणाकरी
अर्घ्य च फ़लं संयुक्तं गंधमाल्या-क्षतैयुतम्
इस मंत्र को पढ़ते हुए माता वैष्णो देवी की पूजा में उन्हें आसन समर्पण करना चाहिए-
ॐ विचित्र रत्न्-खचितं दिव्या-स्तरण-संयुक्तम्
स्वर्ण-सिंहासन चारू गृहिष्व वैष्णो माँ पूजितः
माता वैष्णो देवी की पूजा में उनका आवाहन इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरूषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र-पातस-भूमिग्वं सव्वेत-स्तपुत्वा यतिष्ठ दर्शागुलाम्
आगच्छ वैष्णो देवी स्थाने-चात्र स्थिरो भव