Pitru Paksha 2023:पितृ पक्ष के दौरान क्या नया काम और कोई नई चीज खरीद सकते हैं? जानें नियम

Pitru Paksha 2023 :  श्राद्ध के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके वंशज श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करते हैं। इस अवधि में कोई भी नई वस्तु नहीं खरीदना चाहिए। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखते हैं उनसे पितर प्रसन्न होते हैं और वो अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
 
Pitru Paksha 2023

नई दिल्ली, 29 September 2023 :श्राद्ध के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके वंशज श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करते हैं। इस अवधि में कोई भी नई वस्तु नहीं खरीदना चाहिए। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखते हैं उनसे पितर प्रसन्न होते हैं और वो अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह 16 दिनों की वह अवधि है जब पूर्वज अपने बच्चों से मिलने और उनका हालचाल जानने के लिए धरती पर आते हैं। श्राद्ध के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके वंशज श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करते हैं। इस अवधि में कोई भी नई वस्तु नहीं खरीदना चाहिए। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखते हैं उनसे पितर प्रसन्न होते हैं और वो अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 16 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष के दौरान कोई भी नई वस्तु  खरीदना वर्जित माना गया है। इस दौरान मृत पूर्वजों की आत्माएं मृत्युलोक में भटकती रहती हैं। यही वह समय है जब आप अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए पिंडदान, दान, भक्ति और तर्पण करना चाहिए। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान घर, कार, कपड़े, सोना आदि नई चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। पितृ पक्ष के दौरान कोई भी नया काम शुरू करना वर्जित माना जाता है। इस समय कुछ भी नया खरीदने से व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान नई चीजें खरीदना या खरीदारी करना शुभ नहीं माना जाता है और इस दौरान ऐसे कार्य न ही करें तो बेहतर है।

क्या पितृ पक्ष में सोना खरीद सकते हैं?

इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण किया जाता है। इन 16 दिनों के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ, मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। इस दौरान सोना, चांदी या अन्य चीजें खरीदना वर्जित होता है। श्राद्ध पक्ष के दौरान लोग कोई भी शुभ कार्य नहीं करते और न ही कोई सामान खरीदते हैं। ऐसे में आप पितृ पक्ष शुरू होने से पहले सोना या कोई नई वस्तुओं की खरीददारी कर लें।

कौए को जरूर कराएं भोजन

हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में कौए को भरपेट भोजन खिलाने से पितृों को तृप्ति मिलती है। यहा भी कहा जाता है कि बिना कौए को भोजन कराए पितृों को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। कई मान्यताएं के मुताबिक, कौओं को पितरों का रूप माना गया है। ऐसे में जब कौए तृप्त होते हैं तो माना जाता है कि हमारे पूर्वज भी तृप्त हो गए हैं। 

इस दिन से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष?

इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023, शुक्रवार से प्रारंभ हो रहा है। इस दिन पूर्णिमा श्राद्ध और प्रतिपदा श्राद्ध है। पितृ पक्ष का समापन 14 अक्टूबर, शनिवार को होगा।

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