Evergreen Old Hit Song : मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए गाने के फैंस में आज भी नहीं हुए कम

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Evergreen Old Hit Song : बॉलीवुड की दुनिया में कुछ गाने ऐसे होते हैं जो समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं और पीढ़ियों को जोड़ते हैं। ‘मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए’ ऐसा ही एक सदाबहार गाना है जो 1971 की फिल्म ‘मेरा गांव मेरा देश’ से लिया गया है। इस गाने में धर्मेंद्र, आशा पारेख और लक्ष्मी छाया जैसे दिग्गज कलाकारों की मौजूदगी ने इसे अमर बना दिया। लता मंगेशकर की मधुर आवाज, आनंद बख्शी के भावपूर्ण बोल और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की संगीत रचना ने इसे क्लासिक बना दिया।

यह गाना एक मुजरा स्टाइल का डांस नंबर है जो फिल्म की कहानी में महत्वपूर्ण मोड़ लाता है। अगर आप ‘मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए lyrics’ सर्च कर रहे हैं या ‘Maar Diya Jaye HD New Lyrical’ वीडियो देखना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। हम यहां गाने की पूरी कहानी, उसके बोल, संगीत और प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह लेख एसईओ फ्रेंडली है, जिसमें कीवर्ड्स जैसे ‘धर्मेंद्र आशा पारेख गाना’, ‘लक्ष्मी छाया डांस’ और ‘मेरा गांव मेरा देश सॉन्ग’ शामिल हैं, ताकि आप आसानी से इसे ढूंढ सकें। आइए जानते हैं इस गाने की अनसुनी कहानियां जो आपको हैरान कर देंगी!

गाने की पृष्ठभूमि और फिल्म की कहानी

‘मेरा गांव मेरा देश’ 1971 में रिलीज हुई एक एक्शन-ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन राज खोसला ने किया था। फिल्म की कहानी एक गांव के इर्द-गिर्द घूमती है जहां डाकू जब्बर सिंह (विनोद खन्ना) आतंक मचाता है। धर्मेंद्र फिल्म में अजीत की भूमिका में हैं, जो एक पूर्व अपराधी है जो गांव की रक्षा के लिए वापस आता है। आशा पारेख अंजू के रूप में उसकी प्रेमिका हैं, जबकि लक्ष्मी छाया मुन्नीबाई की भूमिका में हैं, जो एक तवायफ है।

यह गाना फिल्म में उस समय आता है जब मुन्नीबाई (लक्ष्मी छाया) डाकूओं के बीच परफॉर्म करती है। यह एक व्यंग्यात्मक और भावुक मुजरा है जो प्यार, धोखे और बदले की भावनाओं को दर्शाता है। फिल्म की सफलता में इस गाने का बड़ा योगदान था, क्योंकि यह न केवल मनोरंजक था बल्कि कहानी को आगे बढ़ाता था।

  • फिल्म की मुख्य थीम्स: ग्रामीण भारत, डकैती, प्यार और न्याय।
  • रिलीज डेट: 1971।
  • निर्माता: बी. एस. खोसला।
  • बॉक्स ऑफिस: सुपरहिट, उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक।

इस गाने ने फिल्म को एक अलग आयाम दिया, जहां लक्ष्मी छाया का डांस लोगों को आज भी याद है। अगर आप ‘मेरा गांव मेरा देश full movie’ सर्च करते हैं, तो यह गाना आपको जरूर मिलेगा।

बोल और उनके गहरे अर्थ

आनंद बख्शी द्वारा लिखे गए इस गाने के बोल बेहद गहरे और व्यंग्यपूर्ण हैं। पूरा गाना एक तवायफ की पीड़ा को व्यक्त करता है जो अपने प्रेमी के धोखे से त्रस्त है। यहां कुछ मुख्य लाइन्स हैं:

  • मार दिया जाए कि छोड़ दिया जाए, बोल तेरे साथ क्या सुलूक किया जाए: यह लाइन मुख्य हुक है, जो दुविधा और क्रोध को दर्शाती है।
  • दुनिया ने हमको जो दर्द दिए हैं, उन दर्दों की कोई दवा नहीं: प्यार के दर्द की गहराई को बताती है।
  • तेरी बेवफाई की सजा क्या होगी, मार दिया जाए कि छोड़ दिया जाए: व्यंग्य से भरी, जो बदले की भावना जगाती है।

बोलों का विश्लेषण:

  • भावनात्मक गहराई: गाना प्यार की जटिलताओं को छूता है, जहां बदला और माफी के बीच संतुलन है।
  • सांस्कृतिक संदर्भ: 70 के दशक में मुजरा गाने आम थे, लेकिन यह गाना अपनी अनोखी लिरिक्स से अलग था।
  • आधुनिक प्रासंगिकता: आज भी रिलेशनशिप ब्रेकअप्स में लोग इन लाइन्स को कोट करते हैं।

पूर्ण लिरिक्स ढूंढने के लिए ‘Maar Diya Jaye lyrics in Hindi’ सर्च करें। यह गाना भावुकता और हास्य का मिश्रण है, जो इसे यादगार बनाता है।

संगीतकार और गायक की भूमिका

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने इस गाने को संगीतबद्ध किया, जो उस समय की सबसे सफल संगीतकार जोड़ी थी। उन्होंने पारंपरिक भारतीय संगीत को वेस्टर्न टच दिया, जिसमें सितार, तबला और ऑर्केस्ट्रा का मिश्रण है। गाने की शुरुआत में 43 सेकंड का इंट्रो म्यूजिक बेहद प्रभावशाली है, जो दर्शकों को बांध लेता है।

लता मंगेशकर की आवाज ने गाने को अमर बना दिया। उनकी मधुरता और भावुकता ने मुन्नीबाई के चरित्र को जीवंत किया।

  • संगीत की खासियतें:
    • लय: मध्यम गति, मुजरा स्टाइल।
    • इंस्ट्रूमेंट्स: सितार, सरोद, ढोलक।
    • अवार्ड्स: हालांकि कोई स्पेसिफिक अवार्ड नहीं, लेकिन फिल्म का संगीत हिट था।

‘लक्ष्मीकांत प्यारेलाल सॉन्ग्स’ की लिस्ट में यह टॉप पर है।

अभिनेताओं का शानदार प्रदर्शन

धर्मेंद्र फिल्म में अजीत के रूप में मजबूत किरदार निभाते हैं, जबकि आशा पारेख की मासूमियत दिल जीत लेती है। लेकिन इस गाने में लक्ष्मी छाया का डांस मुख्य आकर्षण है। लक्ष्मी छाया एक मशहूर डांसर थीं, जिन्होंने कई फिल्मों में कैमियो किए। उनका एक्सप्रेसिव डांस और एक्सप्रेशंस ने गाने को आइकॉनिक बना दिया।

  • धर्मेंद्र: एक्शन हीरो, लेकिन रोमांटिक सीन में भी कमाल।
  • आशा पारेख: 60-70 के दशक की टॉप हीरोइन, उनकी जोड़ी धर्मेंद्र के साथ हिट थी।
  • लक्ष्मी छाया: डांस स्पेशलिस्ट, इस गाने से फेमस हुईं।

‘धर्मेंद्र आशा पारेख मूवीज’ में यह फिल्म टॉप है।

गाने का निर्माण और पीछे की कहानी

गाने की रचना की कहानी रोचक है। निर्देशक राज खोसला ने आनंद बख्शी से कहा कि एक ऐसा गाना चाहिए जो दुविधा दिखाए। बख्शी ने तुरंत ‘मार दिया जाए कि छोड़ दिया जाए’ लाइन सुझाई, और गाना बन गया। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने इसे 43 सेकंड के इंट्रो के साथ कंपोज किया।

शूटिंग के दौरान लक्ष्मी छाया ने कई रीटेक लिए ताकि डांस परफेक्ट हो। यह गाना फिल्म की शूटिंग में एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जो डाकूओं के अड्डे पर फिल्माया गया।

  • निर्माण चुनौतियां: 70 के दशक में टेक्नोलॉजी सीमित थी, लेकिन क्रिएटिविटी से इसे हिट बनाया।
  • अनसुनी फैक्ट्स: यह गाना ‘शोले’ जैसी फिल्मों को इंस्पायर किया, जहां इसी तरह के एलिमेंट्स थे।