Haryana में BJP को इस लिये मिली जीत, जानें
हरियाणा में सामने आ रहे रुझानों में कांग्रेस की सीटें घटतीं और BJP की सीटें बढ़ती चली गईं। दोपहर दो बजे तक हरियाणा में BJP 50 सीटों से आगे और कांग्रेस केवल 35 पर सिमटती नजर आई। जानें वो कौन से कारण रहे कि भाजपा को एग्जिट पोल के आंकड़े निराश नहीं कर पाए और वह हरियाणा में हैट्रिक लगाने में कामयाब हो गई।

Jagruk Youth News, 8 october 2024, BJP Victory in Haryana: एक बार तो BJP 20-22 सीटों पर निपटती नजर आई। स्पष्ट बहुमत मिलता देख कांग्रेसियों ने जश्न मनाना भी शुरू कर दिया। खुशी ज्यादा देर तक चेहरे पर न टिकी। वक्त की सुईयों के साथ हरियाणा में सामने आ रहे रुझानों में कांग्रेस की सीटें घटतीं और BJP की सीटें बढ़ती चली गईं। दोपहर दो बजे तक हरियाणा में BJP 50 सीटों से आगे और कांग्रेस केवल 35 पर सिमटती नजर आई। जानें वो कौन से कारण रहे कि भाजपा को एग्जिट पोल के आंकड़े निराश नहीं कर पाए और वह हरियाणा में हैट्रिक लगाने में कामयाब हो गई।
खर्ची-पर्ची का मुद्दा
हरियाणा में कांग्रेस ने बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दे पर खूब बवाल किया। इस बवाल के जवाब में भाजपा ने खर्ची-पर्ची का दांव खेला, जो कांग्रेस को महंगा पड़ा और वह उभर नहीं पाई। भाजपा के सभी दिग्गज नेताओं ने इस मुद्दे को भुनाने को कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा ने आरोप लगाया कि हरियाणा में 10 साल कांग्रेस की हुड्डा सरकार रही। हुड्डा राज में बेरोजगारों को नौकरी खर्ची और पर्ची के दम पर मिलती थी, लेकिन भाजपा की सरकार आते ही खर्ची-पर्ची बंद हो गई। इस मोर्चे पर कांग्रेस पिछड़ गई।
कांग्रेस में आपसी गुटबाजी
भाजपा की जीत का एक कारण कांग्रेस की आपसी गुटबाजी का कहा जा सकता है। हरियाणा में कांग्रेस में काफी समय से गुटबाजी चल रही है। एक ओर भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा का गुट था और दूसरी ओर कुमारी सैलजा का गुट था। दोनों ही गुट मुख्यमंत्री पद के दावेदारी ठोक रहे थे। इस गुटबाजी में रणदीप सिंह सुरजेवाला भी कूद गए और उन्होंने भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक दी। इस आपसी खींचतान ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया।
किसानों की नाराजगी दूर की
भाजपा का जीत का एक कारण किसानों की नाराजगी दूर करना रहा। दरअसल, भाजपा पर किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश करने के आरोप लगे थे। चुनाव से ठीक पहले इस मुद्दे पर दांव खेला और नायब सिंह सैनी की सरकार ने 24 फसलों पर MSP लागू करने का ऐलान कर दिया। यह ऐलान करने वाला देश का पहला राज्य हरियाणा बन गया।