मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
Local news–मुरादाबाद। शहर में उस रात सब सो रहे थे, लेकिन तड़के 3 बजे मझोला थाना क्षेत्र में एक एक्सपोर्टर के घर में जो हुआ, उसने पूरे मुरादाबाद को हिला कर रख दिया। घर के अंदर घुसकर बदमाशों ने लूटपाट की और चंद मिनटों में फरार हो गए। दिनदहाड़े जैसी यह वारदात रात के अंधेरे में हुई थी, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। लेकिन मुरादाबाद पुलिस ने जिस तेजी से एक्शन लिया, वो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। महज कुछ घंटों में ही पुलिस ने तीनों लूटेरों को धर दबोचा, जिसमें मास्टरमाइंड को तो मुठभेड़ में गोली मारकर पकड़ा गया।
मुठभेड़ में गोली लगी, फिर भी नहीं छोड़ा बदमाश
दोपहर करीब डेढ़ बजे नए मुरादाबाद इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया जब पुलिस और बदमाशों के बीच सीधी मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर रखी थी। जैसे ही मुख्य आरोपी नरेंद्र सिंह चौहान दिखा, उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी। गोली लगते ही वह गिर पड़ा और पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसके दो साथी भी मौके से पकड़े गए। घायल नरेंद्र को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
सबसे बड़ा खुलासा – घर का पुराना कर्मचारी ही था मास्टरमाइंड!
पुलिस की पूछताछ में जो बात सामने आई, वो सुनकर हर कोई हैरान रह गया। लूट की पूरी साजिश रचने वाला कोई और नहीं, बल्कि एक्सपोर्टर मलिक साहब का पुराना ड्राइवर और घरेलू कर्मचारी नरेंद्र सिंह चौहान ही था। नरेंद्र को घर की हर छोटी-बड़ी जानकारी थी – घर का नक्शा, तिजोरी कहां है, सिक्योरिटी कैसे काम करती है, परिवार कब सोता है, सब पता था। इसी जानकारी का फायदा उठाकर उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर लूट की पूरी प्लानिंग की थी। महीनों से वह इस मौके की ताक में था।
रात के अंधेरे में इसलिए चुना समय
लूटेरों ने जानबूझकर रात के 3 बजे का वक्त चुना था, जब पूरा घर गहरी नींद में होता है। घर में रखी नकदी और कीमती ज्वेलरी ही उनका टारगेट थी। अंदरूनी जानकारी की वजह से वे बिना किसी शोर के अंदर घुसे, लूट मचाई और चुपचाप निकल गए। लेकिन वे ये भूल गए कि आजकल हर गली में सीसीटीवी लगे हैं।
पुलिस की फुर्ती, कुछ ही घंटों में केस सॉल्व
सूचना मिलते ही सिविल लाइंस सीओ कुलदीप गुप्ता खुद भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। घर का बारीकी से मुआयना किया, फोरेंसिक टीम बुलाई, आसपास के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। पूरे इलाके में कॉम्बिंग शुरू हुई और देखते-ही-देखते पुलिस को सफलता मिल गई।
कर्ज का बोझ इतना कि करनी पड़ी लूट!
मुठभेड़ के बाद जब नरेंद्र से पूछताछ हुई तो उसने रुला देने वाला सच बताया। उसने कहा, “साहब, कर्ज इतना हो गया था कि 500 रुपये में भी घर नहीं चल रहा था। मजबूरी और लालच में ये कदम उठा लिया।” उसने अपने एक साथी का नाम संजू बताया, जबकि तीसरे साथी का नाम उसे अभी याद नहीं आ रहा।
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