Ethiopia volcano ash India-पूरी दुनिया इन दिनों ज्वालामुखियों की गुस्से में है। कभी जापान का सकुराजिमा फटता है, तो कभी इंडोनेशिया के माउंट मेरापी में हलचल शुरू हो जाती है। लेकिन अब जो खबर आई है, वो सचमुच हैरान करने वाली है। पूर्वी अफ्रीका के देश इथियोपिया में एक ऐसा ज्वालामुखी फटा है, जिसकी राख हवा के रास्ते हजारों किलोमीटर दूर भारत तक पहुँच सकती है। जी हाँ, मंगलवार तक दिल्ली और जयपुर के आसमान में भी ये राख दिखाई दे सकती है!
10 हजार साल बाद जागा ‘राक्षस’
इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हेली गुब्बी ज्वालामुखी पिछले 10,000 साल से शांत पड़ा था। वैज्ञानिक इसे “सुप्त” ज्वालामुखी मानते थे, यानी जिसके फिर से सक्रिय होने की उम्मीद बहुत कम थी। लेकिन अचानक रविवार को इसमें जबरदस्त विस्फोट हुआ। राख और धुआं 10 से 15 किलोमीटर तक ऊपर आसमान में पहुँच गया। इतनी ऊँचाई पर पहुँचने वाली राख हवा के तेज बहाव के साथ बहुत दूर तक जा सकती है।
लाल सागर के ऊपर से भारत की ओर बढ़ रही राख
मौसम वैज्ञानिकों और सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक यह राख का बादल पहले लाल सागर के ऊपर पहुँचा, फिर यमन और ओमान की तरफ बढ़ा। अब हवा का रुख ऐसा है कि ये बादल उत्तर-पश्चिम की ओर खिसक रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि मंगलवार तक यह दिल्ली, राजस्थान और पंजाब-हरियाणा के कुछ हिस्सों तक पहुँच सकता है। हालांकि ये राख बहुत हल्की मात्रा में होगी, लेकिन आसमान में हल्की धुंध और सूरज का रंग कुछ लाल-नारंगी दिख सकता है।
हवाई जहाजों के लिए खतरा
ज्वालामुखी की राख विमानों के लिए बेहद खतरनाक होती है। ये बारीक कांच जैसे कण इंजन में घुसकर उसे खराब कर सकते हैं। मध्य पूर्व के कई व्यस्त हवाई रूट इस राख के प्रभाव क्षेत्र में आ रहे हैं। इसलिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने सभी एयरलाइंस को अलर्ट जारी कर दिया है। पायलटों को सलाह दी गई है कि वो राख वाले इलाके से बचकर उड़ान भरें या ऊँचाई बदल लें।
अफार क्षेत्र: धरती का सबसे गर्म और रहस्यमयी कोना
इथियोपिया का अफार इलाका दुनिया के सबसे गर्म और दुर्गम स्थानों में से एक है। यहाँ साल भर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। यहाँ की जमीन लगातार फटती-जुड़ती रहती है क्योंकि तीन टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकरा रही हैं। इसी वजह से यहाँ दर्जनों सक्रिय और सुप्त ज्वालामुखी हैं। हेली गुब्बी भी इन्हीं में से एक था, जो अब अचानक जाग उठा।
क्या भारत में कोई बड़ा खतरा है?
अच्छी बात ये है कि जिस ऊँचाई पर राख भारत तक पहुँचेगी, वो जमीन के बहुत करीब नहीं होगी। यानी साँस लेने या सेहत पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर राख की मात्रा थोड़ी ज्यादा हुई तो सुबह-शाम हल्की धुंध छा सकती है और सूर्योदय-सूर्यास्त का नजारा कुछ अलग और खूबसूरत दिखेगा। कई लोग इसे “ब्लड रेड सन” या “ऑरेंज स्काई” कहते हैं, जैसा 2019 में इंडोनेशिया के राक दज्जाल विस्फोट के समय भारत के कुछ हिस्सों में दिखा था।
दुनिया में क्यों बढ़ रहे हैं ज्वालामुखी विस्फोट?
वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के अंदर हमेशा से हलचल होती रहती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में बड़े विस्फोट ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। क्लाइमेट चेंज भी इसका एक कारण हो सकता है क्योंकि ग्लेशियर पिघलने से ऊपर का दबाव कम होता है और ज्वालामुखियों को फटने में आसानी हो जाती है।
तो अगले दो-तीन दिन दिल्ली-जयपुर वाले आसमान की तरफ जरूर देखिएगा। हो सकता है आपको इथियोपिया के 10,000 साल पुराने ज्वालामुखी की राख का हल्का सा नमस्ते मिल जाए!
- Bjp-new-president-पंकज चौधरी ने संभाली यूपी BJP की कमान, योगी के बने विजय रथ का सारथी
- SIR फार्म भरने गया मृत युवक हुआ जिन्दा, पत्नी ने लगा दिया था डेथ सर्टिफिकेट
- संभल में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर बनवा दिया पति का डेथ सर्टिफिकेट
- मुरादाबाद में इंस्टाग्राम स्टोरी ने बचा ली युवक की जान, रेलवे ट्रैक पर पहुंचा था सुसाइड करने
- अमरोहा के इस स्कूल की स्पोर्ट्स मीट में छात्रों ने रचा इतिहास