‘कुछ लोग निराशा में डूबे हैं, देश के विकास को स्वीकार नहीं कर रहे’: PM Modi

 
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PM Modi In Lok Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में  कहा कि इस बार मैं धन्यवाद के साथ-साथ राष्ट्रपति जी का अभिनंदन भी करना चाहता हूं। गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक तो है ही, देश की कोटि-कोटि बेटियों के लिए यह बहुत बड़ा प्रेरणा का अवसर भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां चर्चा में हर किसी ने अपने अपने आंकड़े और तर्क दिए… अपनी रुचि, प्रवृत्ति और प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखीं और जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं तो यह भी ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता और इरादा है। देश इन सभी का मूल्यांकन करता है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने दूरदर्शी संबोधन में हमारा और करोड़ों भारतीयों का मार्गदर्शन किया। गणतंत्र के प्रमुख के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक होने के साथ-साथ देश की बेटियों और बहनों के लिए प्रेरक भी है। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने आदिवासी समुदाय का गौरव बढ़ाया है। आज आजादी के कई वर्षों के बाद आदिवासी समुदाय में गर्व की भावना है और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। यह देश और सदन इसके लिए उनका आभारी है।

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक…उछल रहे थे और खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है… ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं…।


पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए। एक बड़े नेता महामहिम राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखाई दी है और हमारे जनजातीय समाज के प्रति उनकी सोच क्या है, लेकिन जब इस प्रकार की बातें टीवी के सामने कही गईं तो भीतर पड़ा हुआ जो नफरत का भाव था, वो सच बाहर आ ही गया।

पीएम मोदी ने कहा कि जब राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा मैं सुन रहा था, तो मुझे लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। यानी, राष्ट्रपति जी के भाषण के प्रति किसी को ऐतराज नहीं है। राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में कहा था, जो भारत अपनी अधिकांश समस्याओं के लिए दूसरों पर निर्भर था, वो आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है।

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