अयोध्या। भगवान राम के दर्शन का सपना लेकर निकले भक्तों का सफर बीच रास्ते में ही काल का ग्रास बन गया। अचानक बोलेरो कार का ड्राइवर झपकी ले लेने से वो ट्रैक्टर-ट्रॉली से जा टकराई, जिसमें सवार 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी 11 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। ये हादसा इतना भयानक था कि सड़क पर खून ही खून बह गया। आइए, जानते हैं इस दुखद घटना की पूरी कहानी – कौन, क्या, कब, कहां, क्यों और कैसे हुआ ये सब।
कौन थे हादसे का शिकार?
ये हादसा उन भक्तों के साथ हुआ, जो रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जा रहे थे। बोलेरो में सवार लोग मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के दूर-दराज इलाकों से आए थे। मरने वालों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं – एक 45 साल की महिला, उनकी 12 साल की बेटी और एक 50 साल की उम्र के बुजुर्ग। घायलों में बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल हैं, जिन्हें तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया। परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। एक परिजन ने बताया, “हम राम जी के दर्शन करने जा रहे थे, लेकिन मौत ने बीच में ही छीन लिया।” पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
क्या हुआ सड़क पर?
सड़क हादसा इतना जबरदस्त था कि बोलेरो कार पूरी तरह चूर-चूर हो गई। ट्रैक्टर-ट्रॉली पर फसल लादकर जा रहा था, जो अचानक सामने आ गया। टक्कर इतनी तेज थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और ट्रैक्टर भी पलट गया। मौके पर चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने किसी तरह घायलों को बाहर निकाला। दमकल और एम्बुलेंस की टीमों ने घंटों की मशक्कत के बाद हालात संभाले। ये घटना रामनगरी की पवित्र यात्रा को दागदार बना गई।
कब और कहां मचा कोहराम?
ये दर्दनाक हादसा सोमवार सुबह करीब 8 बजे अयोध्या के सिविल लाइन क्षेत्र में बाबरपुर रोड पर हुआ। अयोध्या शहर से महज 10 किलोमीटर दूर ये जगह है, जहां रोज सैकड़ों भक्त आते-जाते हैं। सुबह का वक्त था, जब ट्रैफिक कम होता है, लेकिन इसी का फायदा उठाकर ड्राइवर ने गाड़ी तेज चला रखी थी। आसपास के गांवों में खबर फैलते ही लोग दौड़े चले आए। अयोध्या प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया।
क्यों लिया किसी की जान?
पुलिस जांच में सामने आया कि हादसे की मुख्य वजह ड्राइवर की लापरवाही थी। रात भर यात्रा करने के बाद सुबह झपकी आ गई, जिससे बोलेरो अनियंत्रित होकर सामने आ रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई। ड्राइवर ने खुद कबूल किया कि थकान की वजह से आंख लग गई। इसके अलावा सड़क पर स्पीड लिमिट का पालन न करना और वाहनों की खराब हालत भी वजह बनी। अयोध्या में भक्तों की भीड़ बढ़ने से ऐसे हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी ड्राइव के दौरान ब्रेक लेना जरूरी है, वरना ये सब होता है।
कैसे संभाला गया ये संकट?
हादसे की खबर लगते ही स्थानीय पुलिस, एसएसआई टीम और 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची। घायलों को प्राथमिक उपचार देकर अयोध्या के जिला अस्पताल और लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर शिफ्ट किया गया। 11 में से 6 घायल खतरे से बाहर हैं, लेकिन बाकी की हालत गंभीर बनी हुई है। ट्रैक्टर चालक बाल-बाल बच गया, लेकिन उसके वाहन को जब्त कर लिया गया। ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज हो गया है। प्रशासन ने परिवारों को 5-5 लाख की सहायता राशि देने का ऐलान किया। साथ ही, सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चेकिंग अभियान शुरू कर दिया।
अयोध्या की सड़कों पर खतरे की घंटी
ये हादसा अयोध्या की सड़कों पर बढ़ते खतरे की याद दिलाता है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों की संख्या दोगुनी हो गई है, लेकिन सड़कें उतनी ही संकरी हैं। पिछले एक साल में यहां 20 से ज्यादा ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें 50 से अधिक लोगों की जान गई। स्थानीय लोग कहते हैं, “राम जी के शहर में दर्शन तो ठीक, लेकिन रास्ते में मौत नहीं आनी चाहिए।” प्रशासन ने वादा किया है कि साइन बोर्ड लगवाएंगे, स्पीड ब्रेकर बनवाएंगे और ड्राइवरों की ट्रेनिंग पर जोर देंगे।
भक्तों का सफर, सबक सबके लिए
रामलला दर्शन का सपना टूटा तो परिवारों का दर्द बढ़ गया, लेकिन ये घटना पूरे देश के लिए सबक है। लंबी यात्रा पर निकलें तो थकान न होने दें, गाड़ी चेक करवाएं और स्पीड पर काबू रखें। अयोध्या पुलिस ने अपील की है कि भक्त हेलमेट, सीट बेल्ट बांधें और शराब न पिएं। फिलहाल, घायलों की सर्जरी चल रही है और जांच पूरी होने पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। राम भक्तों की ये त्रासदी हमें सतर्क करती है – भक्ति तो ठीक, लेकिन जिंदगी की कीमत पर नहीं।