Titanic के मलबे में ही टाइटन पनडुब्बी फंसी, 5 लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं
Titanic News: लंदन/वॉशिंगटन: दुनिया के सबसे गहरे समुद्रों में से एक अटलांटिक की गहराई में स्थित टाइटैनिक जहाज के मलबे तक कई बचाव जहाज अब पहुंच गए हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि टाइटैनिक के मलबे में ही टाइटन पनडुब्बी फंसी हुई जिसमें पाकिस्तानी मूल के अरबपति दाऊद समेत 5 लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक इस पनडुब्बी में अब केवल 5 घंटे का ही ऑक्सीजन बचा हुआ है। यही नहीं अगर बचावकर्मी टाइटन पनडुब्बी की तलाश कर भी लेते हैं, तो उसे सतह पर लाने में भी करीब 2 घंटे लग जाएंगे।
यह पूरी पनडुब्बी चारों ओर से नट बोल्ट से सील है ताकि किसी भी तरह से पानी उसके अंदर नहीं जाने पाए। यही वजह है कि उसमें बैठे लोग उसे खोल नहीं सकते हैं। ऐसे में उसे सतह पर लाकर ही लोगों को निकाला जा सकता है। यह सबमरीन रविवार को रवाना हुई थी और करीब एक घंटे के बाद ही उसका संपर्क टूट गया था। अब पिछले 4 दिन से अटलांटिक समुद्र में विशाल इलाके को दुनियाभर के जहाज छान रहे हैं। इस बीच ताजा रिपोर्ट के मुताबिक केवल 5 घंटे का ही ऑक्सीजन सबमरीन में बचा हुआ है।
पनडुब्बी को लेकर अब क्या होगा चमत्कार ?
मंगलवार को बचाव दल को कुछ आवाजें सुनाई दी थीं लेकिन बाद में तलाश करने पर कुछ भी नहीं मिला। इस पनडुब्बी पर पाकिस्तानी अरबपति शहजादा और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, स्टोकटोन रश, हामिश हार्डिंग, पॉल हेनरी सवार हैं। बुधवार को होरिजोन मैरिटाइम के सह संस्थापक सीन लीट ने कहा था कि होरिजन ऑर्कटिक जहाज टाइटैनिक के मलबे तक पहुंच जाएगा। इस 21 फुट की सबमरीन के अंदर यात्रियों के लिए बहुत ही कम जगह है। यही नहीं चालक दल के पास बहुत कम खाना और पानी है।
अमेरिकी कोस्ट गार्ड के कैप्टन और बचाव की निगरानी कर रहे जेमी फ्रेड्रिक ने बुधवार को कहा, 'हमें आशावादी बने रहना चाहिए और सकारात्मक सोचना चाहिए।' अब इस पनडुब्बी की तलाश में रिमोट से चलने वाले अंडर वॉटर प्रोब वीकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और ज्यादा जहाजों को लगाया जाएगा। यह तलाशी अभियान समुद्र में ढाई मील नीचे चलाया जा रहा है जो अपने आप में बहुत ही मुश्किल है। इस सबमरीन में पहले 96 घंटे का ऑक्सीजन था।
टाइटर को बचाने के लिए झोंकी पूरी ताकत
नडुब्बी को निकालने के लिए जिन जहाजों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे करीब 20 हजार फुट की गहराई तक जा सकते हैं। इस बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि राहत और बचाव कार्य को उतना तेजी से किया जा रहा है जितना की संभव है। विशेषज्ञों की पूरी फौज इस पनडुब्बी को तलाश करने में लगी हुई है। कई बचाव उपकरण बहुत भारी हैं, इस वजह से उन्हें टाइटैनिक के मलबे तक पहुंचने में बहुत टाइम लग रहा है। इन सबके बीच दुनिया में दुआओं का दौर जारी है और किसी चमत्कार की उम्मीद दुनिया लगाए बैठी है।