मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद : यूपी के कोने-कोने तक फैले राइस मिलर्स के चेहरे पर आज मुस्कान आ गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान क्रय नीति जारी करते हुए मिलर्स को एक प्रतिशत धान की रिकवरी में बड़ी राहत दे दी है। यह फैसला मिलिंग इंडस्ट्री के लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं। लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए सीएम ने तुरंत इस व्यवस्था को लागू करने का आदेश दिया है। यू पी राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष एकांश गुप्ता ने अपनी पूरी टीम की ओर से योगी जी को दिल से धन्यवाद दिया है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने इस खुशखबरी को ट्विटर पर भी शेयर किया, जिसे देखते ही हजारों लोग लाइक और शेयर करने लगे।
यह राहत क्यों इतनी खास है? दरअसल, धान मिलिंग में रिकवरी रेट यानी धान से कितना चावल निकलता है, यह तय करता है कि मिलर को कितना मुनाफा होगा। पहले सख्त नियमों की वजह से मिलर्स को ज्यादा नुकसान हो जाता था। लेकिन अब एक प्रतिशत की छूट से उनकी लागत घट जाएगी। इससे न सिर्फ मिलर्स का कारोबार आसान होगा, बल्कि किसानों को भी बेहतर दाम मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। मुरादाबाद जैसे जिलों में जहां सैकड़ों राइस मिलें चल रही हैं, वहां यह खबर तेजी से फैल गई। मिलर्स का कहना है कि यह कदम उनके सेक्टर को नई जिंदगी देगा।
धान क्रय नीति का नया ट्विस्ट: मिलर्स की जेब खुलेगी, किसानों का भला होगा
धान क्रय नीति के तहत यह नया नियम लागू होते ही असर दिखने लगा है। मिलर्स अब बिना डर के धान खरीद सकेंगे, क्योंकि रिकवरी में एक फीसदी की छूट से उनका नुकसान कम हो जाएगा। योगी सरकार का यह फैसला किसान-मिलर के बीच की खाई को पाटने वाला है। एक तरफ किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अच्छा दाम मिलेगा, तो दूसरी तरफ मिलर्स को प्रोसेसिंग में आसानी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे यूपी का चावल उत्पादन और निर्यात बढ़ेगा। मुरादाबाद में राइस मिलर्स एसोसिएशन की मीटिंग में एकांश गुप्ता ने कहा, “यह हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है। सीएम जी का शुक्रिया, हम उनकी हर अपेक्षा पर खरे उतरेंगे।”
ट्विटर पर योगी जी का पोस्ट वायरल हो गया। उन्होंने लिखा कि यह निर्णय मिलिंग इंडस्ट्री को मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। पोस्ट पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई – कोई किसानों की तारीफ कर रहा था, तो कोई मिलर्स की राहत पर खुश। एकांश गुप्ता ने भी रीट्वीट करते हुए कहा कि एसोसिएशन की पूरी टीम सीएम के प्रति कृतज्ञ है। यह सोशल मीडिया का कमाल है कि खबर मिनटों में पूरे प्रदेश तक पहुंच गई।
राइस मिलर्स एसोसिएशन का धन्यवाद: ‘योगी जी ने सुनी हमारी पुकार’
यू पी राइस मिलर्स एसोसिएशन ने औपचारिक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष एकांश गुप्ता ने बताया कि लंबे समय से वे इस छूट की मांग कर रहे थे। “यह फैसला न सिर्फ आर्थिक राहत देगा, बल्कि हमारे सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा,” उन्होंने कहा। एसोसिएशन की टीम ने कहा कि वे अब धान प्रोसेसिंग को और कुशल बनाएंगे। मुरादाबाद में स्थानीय मिलर्स ने जश्न मनाया। एक मिलर ने बताया, “पहले रिकवरी कम होने पर घाटा होता था, अब हम ज्यादा धान खरीद सकेंगे।”
यह राहत पूरे प्रदेश के लिए मील का पत्थर है। उत्तर प्रदेश धान का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, और राइस मिलिंग यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रीढ़ है। योगी आदित्यनाथ का यह कदम किसान कल्याण योजना का हिस्सा लगता है। इससे नौकरियां बढ़ेंगी, क्योंकि मिलिंग यूनिट्स में ज्यादा काम होगा। मजदूरों को भी फायदा मिलेगा। विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे चावल की कीमतें स्थिर रहेंगी, जो उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है।
क्या होगा आगे? मिलिंग इंडस्ट्री को नई उड़ान मिलेगी
अब सवाल यह है कि यह नीति कैसे लागू होगी। सरकारी आदेश के मुताबिक, सभी जिला मजिस्ट्रेट्स को इसे तुरंत अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं। मुरादाबाद में अफसरों ने मीटिंग बुलाई है ताकि मिलर्स को गाइड किया जा सके। एसोसिएशन ने वादा किया कि वे स्वच्छ और पारदर्शी तरीके से काम करेंगे। योगी जी की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बनेगी।