लापरवाही करने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं, अभियान के तहत परखी जायेगी शिक्षा की गुणवता
लखनऊ: प्राइमरी स्कूलों के निरीक्षण का अभियान एक से 30 नवम्बर तक फिर चलाया जाएगा। अब भी लगभग 3805 विद्यालयों में निरीक्षण नहीं किया जा सका है। अभियान में इन स्कूलों का निरीक्षण विशेष तौर पर किया जाएगा। इससे पहले जुलाई से 20 अक्तूबर के बीच कई बार विशेष अभियान चलाया गया और इसमें 20696 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
महानिदेशक विजय किरन आनंद ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि विद्यालयों के निरीक्षण का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाना है। निरीक्षण के दौरान जिन अध्यापकों / कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनका अन्तिम निस्तारण भी 30 नवम्बर तक किया जाए। इस संबंध में यह सुनिश्चित किया जाए कि यह कार्रवाई उनके शोषण का आधार न बने। स्कूलों के विशेष निरीक्षण अभियान में अधिकारियों की सकारात्मक भूमिका के फलस्वरूप निरीक्षित नहीं होने वाले स्कूलों की संख्या में आशातीत कमी हुई है, जिसे पूरा कराए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा है कि जिन स्कूलों का निरीक्षण नहीं किया गया है उन स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर देखा जाए। इससे पहले चलाए गए विशेष निरीक्षण अभियान के तहत सुबह छह बजे खण्ड शिक्षा अधिकारियों व जिला समन्वयकों को चार दूरस्थ विकास खण्डों के निरीक्षण के निर्देश दिए गए थे। इस अभियान के तहत लगभग 20 हजार शिक्षकों का एक दिन का वेतन रोका गया या फिर उनके खिलाफ अन्य कार्रवाई की गई।