स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताई इस्तीफा देने की बढ़ी वजह, इस बात से थे नाराज

 
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लखनऊ। नेटवर्क


यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है। किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था की स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा को छोड़ देंगे। उनके करीबियों और पार्टी के विधायकों की मानें तो वह संगठन में तवज्जो न मिलने के कारण नाराज थे। शायद यही वजह रही कि उन्होंने कहा कि सीएम योगी, पीएम मोदी, अमित शाह व जेपी नड्डा आदि से उन्हें कोई नाराजगी नहीं है। मेरी नाराजगी गलत नीतियों के कारण थी। 


जानकारों के माने तो उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य समेत समाज के कुछ लोगों के टिकट की चाह को वाजिब राह न मिलने से भी वह भीतर ही भीतर खिन्न थे। वह क्यों नाराज हो गए? उनकी नाराजगी की क्या वजहें थी? इनका खुलासा अब उनके इस्तीफे के बाद धीरे-धीरे होने लगा है। सियासी जानकारों की मानें तो वह संगठन में अहमियत न दिए जाने के कारण तो नाराज थे।

मौर्य बसपा सरकार में मायवती, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा के बाद चौथे नंबर के नेता थे। बसपा में वह सहकारिता मंत्री रहे। माना जाता है कि वह श्रम विभाग जैसा महत्वहीन विभाग दिए जाने से खिन्न थे। उन्होंने इस बारे में पार्टी स्तर पर कई बार अपना विरोध भी जताया। हाल में गठित भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति में भी उन्हें शामिल नहीं किया गया जबकि भाजपा में आए उनसे कई जूनियर नेता इस समिति में शामिल किए गए। 


वहीं कुछ दिन पहले पार्टी के लखनऊ में हुए पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में उनकी बेटी को मंच से न बोलने देने पर कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की थी। तब से ही बात साफ हो गई थी कि कहीं कुछ गड़बड़ जरूर चल रही है, जो उनके इस्तीफे के साथ ही साफ हो गई।

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