UP सरकार ने लगाई प्रदेश में एस्मा एक्ट, उल्लंघन करने पर बिना वारंट के होगी गिरफ्तारी

यूपी सरकार ने छह महीने के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया था.
 
AIIMSA Act

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (UP Government) ने प्रदेश में एक बार फिर एस्मा एक्ट (ESMA- Essential Services Maintenance Act) लागू कर दिया है. जिसके तहत यूपी में छह माह के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लग गया है (Ban on Strike in UP). अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश कुमार चतुर्वेदी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.

अधिसूचना में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के राज्य क्रिया कलापों से संबंधित किसी लोक सेवा, निगमों और स्थानीय प्राधिकरणों में हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इसके बाद भी हड़ताल करने वालों के खिलाफ विधिक व्यवस्था के तहत कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले भी कोरोना के चलते प्रदेश में एस्मा लगाया गया था.


नवंबर 2020 में लगाया गया था एस्मा एक्ट (ESMA Act was imposed in November 2020)
 

 कोरोना महामारी के बीच 25 नवंबर 2020 को यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून को 6 महीने के लिए लागू किया था. इस दौरान राज्य में किसी भी तरह की हड़ताल पर पूरी तरह से पांबदी थी. एस्मा के तहत जरूरी सेवाओं से जुड़े सरकारी कर्मचारी तय समय तक किसी भी तरह की हड़ताल पर नहीं जा सकते. अगर कोई भी कर्मचारी नियमों की अनदेखी करता है तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.


इसके बाद फिर इसी साल मई में यूपी सरकार ने छह महीने के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया था. सीएम योगी ने कोविड की समस्याओं को देखते हुए एम्सा एक्ट लागू करके हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया था. तब सरकार ने कोरोना की रोकथाम और वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के लिए यह कदम उठाया था.

क्या है एम्सा एक्ट ? (What is AIIMSA Act)


एम्सा एक्ट प्रदर्शन और हड़ताल करने वालों के लिए बनाया है. इसके लागू होने के बाद प्रदेश में कहीं भी प्रदर्शन या हड़ताल पूरी तरह बैन कर दिए जाते हैं. इस एक्ट को पिछले साल यूपी सरकार ने लागू किया था. एस्मा एक्ट लगने के बाद भी अगर कोई कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करते पाया जाता है तो हड़ताल करने वालों को एक्ट का उल्लंघन के आरोप सरकार की ओर से बिना वारंट के गिरफ्तार करके कानूनी कार्रवाई की जाती है.

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