रोहित कुमार, संवाददाता
अमरोहा। श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में कुछ ऐसा हुआ जो पूरे देश को झकझोर गया! अखंड भारत के असली हीरो, भारत रत्न और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ थीम वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी का धमाकेदार आयोजन किया गया। देशभर से आए बड़े-बड़े शिक्षाविद और साहित्यकारों ने एक स्वर में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए भारत को टुकड़ों में बंटने से बचाकर एक तिरंगे के नीचे लाने और अखंड भारत बनाने में पटेल का योगदान किसी चमत्कार से कम नहीं। सबने उन्हें ‘आधुनिक अखंड भारत’ का ‘शिल्पकार’ कहा।
संगोष्ठी का शानदार शुभारंभ: फूलों की बारिश और जोरदार तालियां
श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान के पटेल सभागार में लौह पुरुष वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ वाली इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत बेहद धूमधाम से हुई। संस्थापक अध्यक्ष सुधीर गिरि, प्रति कुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. कृष्ण कान्त दवे, जिला अभियोजन अधिकारी कृष्ण कान्त तिवारी, मशहूर महाकवियत्री डॉ. मधु चतुर्वेदी, प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राहुल अवस्थी, कुलसचिव प्रो. पीयूष कुमार पाण्डेय समेत कई दिग्गजों ने सरदार पटेल के चित्र पर फूल चढ़ाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। हर कोई उत्साह से भरा था, मानो पटेल खुद वहां मौजूद हों!
सुधीर गिरि का जोरदार संबोधन: पटेल ने 562 टुकड़ों को जोड़ा, आजादी से लेकर एकता तक
अपने संबोधन में संस्थापक अध्यक्ष सुधीर गिरि ने सबको हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि चाहे आजादी की लड़ाई हो या आजाद भारत की कहानी, लौह पुरुष सरदार पटेल ने अंग्रेजों को भगाने का काम किया तो दूसरी तरफ 562 टुकड़ों में बंटे देश को एकजुट करके तिरंगे के नीचे खड़ा कर दिया। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, अनुशासन और चरित्र उन्हें सबसे महान बनाते हैं। गिरि जी के शब्द सुनकर सभागार में सन्नाटा छा गया, फिर तालियां बजने लगीं। प्रति कुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी ने तो और जोश भरा! उन्होंने कहा कि अगर भारत का युवा सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाए, तो भारत को विश्व गुरु बनने से दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। आज हम सब उनके सिद्धांतों पर चलने की शपथ लेते हैं। जिला अभियोजन अधिकारी कृष्ण कान्त तिवारी ने अखंड भारत में नए कानूनों के योगदान को विस्तार से समझाया, जिससे सबको नई रोशनी मिली।
दिग्गजों के संबोधन: पटेल के आदर्शों से भारत बनेगा सुपरपावर?
सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर इस राष्ट्रीय संगोष्ठी को कुलपति प्रो. कृष्ण कान्त दवे, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल नारसन, प्रो. पीयूष कुमार पाण्डेय, थानाध्यक्ष कोमल तोमर समेत कई लोगों ने संबोधित किया। हर स्पीकर ने पटेल की एकता की मिसालें दीं, जो सुनकर लगता है कि भारत का भविष्य कितना明るा है। इस मौके पर डायरेक्टर एकेडमिक प्रो. राजेश सिंह, डॉ. योगेश्वर शर्मा, डॉ. थॉमस, डॉ. मोहित शर्मा, डॉ. एस.एन. साहू, डॉ. नीतू पंवार, डॉ. ओमप्रकाश गोसाई, डॉ. आशुतोष, डॉ. स्नेहलता गोस्वामी, डॉ. अंजलि भारद्वाज, डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. अश्वनी सक्सेना, डॉ. एस.के. श्रीवास्तव, डॉ. सुमन, मेरठ कैंपस से निदेशक डॉ. प्रताप, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा जैसे कई लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डीन स्कूल ऑफ लॉ डॉ. राजवर्द्धन सिंह ने इतनी शानदार तरीके से किया कि कोई बोर नहीं हुआ। कुल मिलाकर, ये संगोष्ठी न सिर्फ श्रद्धांजलि थी बल्कि एकता का संदेश देने वाली मिसाल बन गई। पटेल के सपनों को पूरा करने का संकल्प यहीं से शुरू हुआ!