मुरादाबाद में 2 नंबरों से 122 फर्जी कंपनियां चला रहे थे धंधेबाज, SSP ने की SIT गठित

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता

मुरादाबाद :  GST विभाग ने एक धमाकेदार छापेमारी की है, जो टैक्स चोरों के लिए बुरे सपने जैसी साबित हो रही है। ये कार्रवाई इतनी बड़ी है कि पुलिस भी कूद पड़ी है। एसएसपी सतपाल अंतिल ने फौरन एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी। अब पुलिस के तीन अफसरों की ये टीम पूरी जांच संभालेगी। अभी तक पुलिस ने अलग-अलग आठ मुकदमे दर्ज कर लिए हैं। बात यहीं खत्म नहीं हुई – इस घोटाले में 341 करोड़ रुपये की GST चोरी पकड़ी गई है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि सिर्फ दो मोबाइल नंबरों के जरिए 122 बोगस कंपनियां खोल ली गई थीं। इन फर्जी फर्मों से कुल 1811 करोड़ रुपये का कागजी कारोबार चला रहा था। ये सब सुनकर तो दिमाग घूम जाता है ना? आइए, इस पूरे मामले को स्टेप बाय स्टेप समझते हैं, ताकि आप भी जान सकें कि टैक्स चोर कैसे लाखों को बेवकूफ बनाते हैं।

GST विभाग की टीम ने लंबे समय से इस नेटवर्क पर नजर रखी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, ये चोरगंग फर्जी बिलिंग और शेल कंपनियों के जाल बुनकर काम कर रहे थे। एक छोटा सा मोबाइल नंबर, बस उसी से ईमेल, पते और दस्तावेज बनाकर दर्जनों कंपनियां रजिस्टर कर ली जातीं। इन कंपनियों का कोई असली कारोबार नहीं होता, बस कागजों पर करोड़ों का टर्नओवर दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाया जाता। मतलब, बिना कुछ बेचे-खरीदे टैक्स रिफंड के नाम पर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा था। 122 ऐसी बोगस फर्मों से निकला 1811 करोड़ का फर्जी बिजनेस – ये आंकड़े देखकर कोई भी चौंक जाए। और ऊपर से 341 करोड़ की सीधी GST चोरी! विभाग ने छापों में दस्तावेज, लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए हैं, जो इस पूरे रैकेट को उजागर करने में मदद करेंगे।

एसएसपी सतपाल अंतिल ने SIT गठित की  

जैसे ही GST विभाग को इस घोटाले की भनक लगी, उन्होंने मुरादाबाद के एसएसपी सतपाल अंतिल से मदद मांगी। बिना देर किए, एसएसपी ने एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का ऐलान कर दिया। ये टीम तीन पुलिस अधिकारियों से बनी है – एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल लेवल का अफसर। इनका काम है कि GST चोरी के अलावा अगर कोई बड़ा क्रिमिनल एंगल निकले, तो उसे भी कवर करें। मुरादाबाद पुलिस ने कहा है कि ये जांच तेजी से चलेगी और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सोचिए, एक छोटे से शहर में इतना बड़ा स्कैम चल रहा था, और अब SIT इसे जड़ से उखाड़ फेंकेगी। स्थानीय लोग भी खुश हैं, क्योंकि इससे टैक्स सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा।

पुलिस विभाग के 3 अधिकारियों की टीम करेगी जांच  

तीन अफसरों वाली ये SIT अब हर कोने को छान रही है। उनका फोकस है उन दो मोबाइल नंबरों पर, जिनसे 122 फर्जी कंपनियां बनीं। जांच में पता चला कि ये नंबर किसी बड़े सिंडिकेट से जुड़े हैं। हो सकता है कि दिल्ली, नोएडा या किसी मेट्रो सिटी से ये ऑपरेशन चलाया जा रहा हो। टीम दस्तावेजों को स्कैन कर रही है, बैंक अकाउंट्स चेक कर रही है और उन लोगों को ट्रेस कर रही है जो इन कंपनियों के डायरेक्टर बने थे। नाममात्र के लिए ये लोग साइन करते थे और बदले में कमीशन लेते थे। पुलिस का कहना है कि जांच में और भी लोग फंस सकते हैं। अगर आप भी बिजनेस करते हैं, तो ये खबर आपके लिए सबक है – हमेशा असली दस्तावेज रखें।

पुलिस ने अलग-अलग 8 मुकदमे दर्ज किए हैं  

अभी तक पुलिस ने आठ अलग-अलग FIR दर्ज की हैं। हर मुकदमा एक खास पहलू पर है – जैसे एक फर्जी बिलिंग पर, दूसरा इनपुट क्रेडिट फ्रॉड पर। ये स्टेप्स इसलिए लिए गए ताकि जांच आसान हो और कोर्ट में मजबूत केस बने। हर FIR में IPC की धाराओं के साथ IT एक्ट और GST कानून की धाराएं लगाई गई हैं। इससे चोरों को सजा मिलना तय है। विभाग ने कहा कि ये सिर्फ शुरुआत है, और आने वाले दिनों में और मुकदमे हो सकते हैं। मुरादाबाद के व्यापारी वर्ग ने इस कदम की तारीफ की है, क्योंकि इससे ईमानदार बिजनेस को फायदा होगा।

पकड़ी गई 341 करोड़ रुपये की GST चोरी  

सबसे बड़ा खुलासा तो ये है कि 341 करोड़ रुपये की साफ-साफ GST चोरी हो चुकी थी। ये पैसे सरकार के रेवेन्यू से गायब हो गए थे। अगर ये रिकवर हो जाएं, तो सड़कों, स्कूलों और हॉस्पिटल्स पर खर्च हो सकते थे। GST अधिकारियों ने छापों में कैलकुलेट किया कि इन बोगस फर्मों ने फर्जी इनवॉयस से कितना फायदा उठाया। ये चोरी इतनी स्मार्ट तरीके से की गई थी कि शुरुआत में किसी को शक भी न हुआ। लेकिन अब सब उजागर हो गया है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसे स्कैम देशभर में फैले हैं, और मुरादाबाद का केस एक मिसाल बनेगा।

2 मोबाइल नंबरों से खोली गई 122 बोगस कंपनी 

क्या आप यकीन करेंगे कि सिर्फ दो फोन नंबरों से 122 कंपनियां चला ली गईं? ये नंबर इस्तेमाल करके PAN कार्ड, GSTIN और बैंक अकाउंट्स बनाए गए। हर कंपनी का नाम अलग, पता अलग – लेकिन असल में सब एक ही चेन का हिस्सा। इनसे फर्जी ट्रांजेक्शन होते, और टैक्स बचत का खेल चलता। जांच में पता चला कि ये कंपनियां कभी एक्टिव नहीं हुईं, बस पेपर पर बनी रहीं। ये तरीका इतना आसान लगता है, लेकिन कानून की नजर से बचना मुश्किल है। GST पोर्टल अब स्मार्ट हो गया है, जो ऐसे फ्रॉड को जल्दी पकड़ लेता है।

बोगस फर्मों के जरिए 1811 करोड़ का कागजी कारोबार 

इन 122 फर्जी फर्मों ने मिलकर 1811 करोड़ रुपये का कागजी कारोबार दिखाया। मतलब, बिना कुछ किए इतने पैसे का टर्नओवर क्लेम किया। इससे इनपुट टैक्स का फायदा मिला और आउटपुट टैक्स चोरी हो गया। ये आंकड़े इतने बड़े हैं कि पूरे जिले की इकोनॉमी हिल जाए। विभाग ने कहा कि ये स्कैम कई राज्यों से जुड़ा हो सकता है। अब SIT इसे ट्रेस करेगी। इस मामले से ये सीख मिलती है कि डिजिटल इंडिया में फ्रॉड भी डिजिटल हो गए हैं, लेकिन लॉ एनफोर्समेंट भी तेज है।

मुरादाबाद के इस केस ने पूरे देश को हिला दिया है। एसएसपी सतपाल अंतिल और उनकी टीम को सलाम, जो इतनी तेजी से एक्शन ले रही है। उम्मीद है कि दोषी सजा पाएंगे और टैक्स सिस्टम मजबूत बनेगा। अगर आपके पास भी कोई टिप्स हैं, तो कमेंट में बताएं। ये खबर शेयर करें, ताकि और लोग जागरूक हों।