मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद :गंगा स्नान का सीजन जोरों पर है। रविवार को पवित्र गंगा स्नान के खास मौके पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कुंवर आकाश सिंह और सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी कांठ ने नीलकंठ धाम रामगंगा घाट का पूरा निरीक्षण कर लिया। ये घाट भक्तों का पसंदीदा स्पॉट है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु आकर गंगा मां के आशीर्वाद के लिए स्नान करते हैं। लेकिन इस बार सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं होनी चाहिए, इसलिए अधिकारियों ने जमीन से आसमान तक हर कोने का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान सबसे पहले सुरक्षा व्यवस्था पर नजर डाली गई। घाट पर तैनात पुलिस फोर्स कितनी अलर्ट है, बैरिकेडिंग सही जगह लगी है या नहीं, गोताखोर तैयार हैं या नहीं – सब कुछ चेक किया गया। मुरादाबाद जैसे शहर में जहां भीड़ उमड़ने लगती है, वहां छोटी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है। कुंवर आकाश सिंह ने मौके पर मौजूद कांस्टेबलों और अफसरों को सख्त हिदायतें दीं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि भक्तों की जान से ज्यादा कुछ कीमती नहीं, इसलिए 24 घंटे चौकसी बरतें।
सुरक्षा व्यवस्था: कोई चूक नहीं बर्दाश्त!
सुरक्षा का मसला सबसे अहम था। रामगंगा घाट पर गंगा की तेज धारा बहती है, और स्नान के दौरान कभी-कभी हादसे हो जाते हैं। SP कुंवर आकाश सिंह ने चेक किया कि डूबने से बचाव के लिए कितने गोताखोर तैनात हैं, लाइफ जैकेट्स उपलब्ध हैं या नहीं। साथ ही, सीसीटीवी कैमरे सही से काम कर रहे हैं, ये भी देखा। निरीक्षण में पता चला कि घाट पर मेडिकल टीम भी स्टैंडबाय है, ताकि किसी को छोटी-मोटी तकलीफ हो तो तुरंत मदद मिल जाए। अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि बच्चों और महिलाओं को खास ध्यान में रखा जाए। एक तरफ जहां भक्ति का माहौल होता है, वहीं दूसरी तरफ सतर्कता भी जरूरी है।
कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि पिछले सालों के अनुभव से सीख ली गई है। अब घाट पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जो गहरे पानी की चेतावनी देते हैं। पुलिस फोर्स को रोटेशन में ड्यूटी दी गई है, ताकि थकान न हो और अलर्टनेस बनी रहे। ये सब देखकर लग रहा था कि प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। श्रद्धालु जब घाट पर पहुंचेंगे, तो उन्हें लगेगा कि सब कुछ कंट्रोल में है।
यातायात व्यवस्था: ट्रैफिक जाम से राहत की गारंटी
अब बात करते हैं यातायात की। गंगा स्नान के दिन रामगंगा घाट पर वाहनों की भारी भीड़ लग जाती है। पार्किंग की कमी, गाड़ियों का इधर-उधर रुकना – ये सब आम बात है। लेकिन इस बार क्षेत्राधिकारी कांठ ने साफ-साफ प्लान बनाया। निरीक्षण में चेक किया गया कि मुख्य सड़कों पर डायवर्जन साइन लगे हैं या नहीं। पार्किंग जोन को चिह्नित किया गया, जहां बसें, कारें और बाइकें सिस्टमेटिक तरीके से खड़ी होंगी। SP ने अफसरों को निर्देश दिए कि ट्रैफिक पुलिस को ज्यादा तैनात करें, और अगर जरूरत पड़े तो वन-वे ट्रैफिक लागू कर दें।
कल्पना कीजिए, सुबह-सुबह सैकड़ों गाड़ियां घाट की ओर बढ़ रही हैं, लेकिन जाम की वजह से कोई परेशान न हो। इसके लिए घाट से जुड़े रास्तों पर वॉलंटियर्स भी रखे गए हैं, जो श्रद्धालुओं को गाइड करेंगे। कुंवर आकाश सिंह ने जोर देकर कहा कि यातायात सुगम हो, तभी स्नान का मजा दोगुना हो जाता है। निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने मीटिंग भी की, जिसमें ड्राइवरों को भी जागरूक करने का प्लान बना। कुल मिलाकर, ट्रैफिक का झंझट इस बार कम ही होगा।
श्रद्धालुओं की सुविधाएं: भक्ति के साथ आराम भी
सुरक्षा और ट्रैफिक के अलावा श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर भी फुल फोकस रहा। घाट पर पानी की व्यवस्था कैसी है, शौचालय साफ हैं या नहीं, छाया के लिए टेंट लगे हैं या नहीं – ये सब चेक हुआ। क्षेत्राधिकारी कांठ ने देखा कि पेयजल के स्टॉल हर तरफ हैं, ताकि गर्मी में कोई परेशान न हो। महिलाओं और बच्चों के लिए अलग चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं। SP ने निर्देश दिए कि खाने-पीने की स्टॉल्स पर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए, क्योंकि भीड़ में हेल्थ इश्यू न उठे।
नीलकंठ धाम रामगंगा घाट तो भक्ति का केंद्र है ही, लेकिन सुविधाएं न हों तो मजा किरकिरा हो जाता है। अधिकारियों ने लोकल वॉलंटियर्स से बात की, जो भक्तों की मदद करेंगे। निरीक्षण के दौरान कुछ छोटी खामियां भी नजर आईं, लेकिन उन्हें तुरंत ठीक करने के आदेश दे दिए गए। अब लग रहा है कि श्रद्धालु यहां आकर न सिर्फ स्नान करेंगे, बल्कि यादगार अनुभव भी ले जाएंगे।
निर्देश: शांतिपूर्ण स्नान की पूरी तैयारी
निरीक्षण के आखिर में पुलिस बल को साफ निर्देश दिए गए। कुंवर आकाश सिंह ने कहा कि स्नान पर्व बिना किसी हंगामे के संपन्न हो, ये हमारी जिम्मेदारी है। मौके पर मौजूद अफसरों को चेतावनी दी गई कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सहायक पुलिस अधीक्षक कांठ ने जोर दिया कि कम्युनिटी पुलिसिंग पर फोकस करें, यानी श्रद्धालुओं से बातचीत रखें और उनकी परेशानियां सुनें। ये सब सुनिश्चित करने के बाद ही स्नान का आयोजन सुव्यवस्थित माना जाएगा।
मुरादाबाद प्रशासन की ये मुस्तैदी देखकर लगता है कि गंगा स्नान का ये मौका बिना किसी अप्रिय घटना के बीतेगा। भक्तों के लिए ये सिर्फ स्नान नहीं, बल्कि शांति और आस्था का संदेश है। अगर आप भी रामगंगा घाट जाने वाले हैं, तो चिंता मत कीजिए – सब कुछ कंट्रोल में है। प्रशासन की अपील है कि नियमों का पालन करें और दूसरों का भी सहयोग करें। ऐसे ही आयोजनों से हमारी परंपराएं मजबूत होती रहेंगी।