मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता,
मुरादाबाद-बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस दिशा पाटनी की बड़ी बहन और इंडियन आर्मी की मेजर खुश्बू पाटनी ने वो मंजर देखा जिसे देखकर किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाए। मुरादाबाद में एक भयानक सड़क हादसे में 6 लोगों की जान चली गई, लेकिन सबसे बड़ा दर्द ये है कि कई लोग एम्बुलेंस के इंतजार में तड़प-तड़प कर मर गए। और ये सब खुश्बू पाटनी ने अपनी आंखों से देखा!
कौन थीं वहां? (
खुश्बू पाटनी उस रात उसी मुरादाबाद-दिल्ली हाईवे से अपनी गाड़ी में गुजर रही थीं। अचानक उनकी नजर सामने हुए भयानक हादसे पर पड़ी। एक तेज रफ्तार बस ने सामने से आ रहे ऑटो रिक्शा को जोरदार टक्कर मार दी थी। ऑटो के परखच्चे उड़ गए। मौके पर ही 1-2 लोगों की मौके पर मौत हो गई, बाकी 4-5 लोग बुरी तरह घायल थे और सांसें ले रहे थे।
क्या हुआ था?
खुश्बू ने बताया, “मैंने तुरंत गाड़ी रोकी। चारों तरफ खून ही खून बिखरा था। कुछ लोग तो बुरी तरह कुचले जा चुके थे। जो 4-5 लोग अभी जिंदा थे, वो दर्द से कराह रहे थे। मैंने फौरन 108 और 112 नंबर पर एम्बुलेंस को कॉल किया। लेकिन पूछा कि कितनी देर में आएगी? जवाब मिला – 15-20 मिनट। लेकिन असल में एम्बुलेंस 90 मिनट बाद पहुंची!”
कब हुआ हादसा?
ये दिल दहला देने वाला हादसा रात करीबजे के आसपास हुआ। ठीक उसी टाइम खुश्बू पाटनी उधर से गुजर रही थीं। एम्बुलेंस पूरे डेढ़ घंटे बाद, यानी करीब साढ़े दस बजे के बाद मौके पर पहुंची। तब तक जिन 4-5 लोगों की सांसें चल रही थीं, वो भी दम तोड़ चुके थे। कुल 6 लोगों की मौत हो गई।
कहां हुआ हादसा?
हादसा मुरादाबाद-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हुआ, जो NHAI का मेंटेन किया हुआ हाईवे है। जगह है – मुरादाबाद शहर से थोड़ा बाहर। यही वो हाईवे है जिस पर हर रोज हजारों गाड़ियां दौड़ती हैं और टोल भी भारी-भरकम वसूला जाता है।
क्यों मर गए इतने लोग?
खुश्बू पाटनी का साफ आरोप है – सिर्फ और सिर्फ सिस्टम की लापरवाही की वजह से!
- एम्बुलेंस 90 मिनट लेट आई
- हाईवे पर कोई इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर या एम्बुलेंस नहीं तैनात
- टोल इतना महंगा, लेकिन इमरजेंसी सर्विस शून्य
- वहां खड़े सैकड़ों लोग तमाशा देखते रहे, किसी ने घायलों को छूने की हिम्मत नहीं की
खुश्बू ने खुद घायलों को गोद में उठाया, उन्हें ऑटो में डाला और नजदीकी अस्पताल भिजवाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कैसे हुआ पूरा मामला? (How)
खुश्बू ने बताया, “मैंने सबसे पहले पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल किया। फिर 108 पर। दोनों जगह से आश्वासन मिला कि 15-20 मिनट में एम्बुलेंस आएगी। मैंने वहां खड़े लोगों से मदद मांगी, लेकिन सब डर रहे थे कि कहीं पुलिस केस न हो जाए। आखिरकार मैंने खुद घायलों को सड़क किनारे किया, शवों को हटाया और जो थोड़े-बहुत जिंदा थे, उन्हें लोकल ऑटो में डालकर अस्पताल भेजा। लेकिन जब तक एम्बुलेंस आई, सब खत्म हो चुका था।”
सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला गुस्सा
अस्पताल से लौटते ही खुश्बू पाटनी ने इंस्टाग्राम पर लंबा पोस्ट लिख मारा। उन्होंने NHAI, मुरादाबाद प्रशासन और यूपी पुलिस को सीधे टैग करते हुए पूछा – “टोल तो भरवाते हो, लेकिन जान बचाने की व्यवस्था कहां है?” पोस्ट में लिखा, “आज मैंने मौत को जिंदा तड़पते देखा। अगर एम्बुलेंस समय पर आती, तो कम से कम 4 जानें बच सकती थीं।”
बस फिर क्या था – पोस्ट वायरल हो गई। #NHAIFail, #AmbulanceLate, #MoradabadAccident जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। हजारों लोग कमेंट कर रहे हैं, गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।