संभल में कमरे में मृत मिले बीएलओ,साथी शिक्षक बोले SIR को लेकर था तनाव

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संभल। सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाली खबर ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। गांव के लोग अभी सोकर उठ भी नहीं पाए थे कि खबर फैल गई – चौकुनी गांव के 40 साल के हेडमास्टर अरविंद कुमार अपने कमरे में मृत पाए गए। शिक्षक साथी खुलकर रो रहे हैं और बार-बार एक ही बात कह रहे हैं – “SIR ड्यूटी और BLO के काम का इतना तनाव था कि सर सहन नहीं कर पाए।”

कौन थे अरविंद कुमार? (

अरविंद कुमार अमरोहा के हसनपुर तहसील में स्थित प्राथमिक विद्यालय फैय्याज नगर के प्रधानाध्यापक थे। बेहद मिलनसार और मेहनती शिक्षक के रूप में उनकी अच्छी पहचान थी। इस बार उन्हें बूथ नंबर 226 पर सहायक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) भी बनाया गया था। घर में पत्नी प्रतिभा, 13 साल की बेटी गरिमा और 10 साल के बेटे लविश हैं। दोनों बच्चे अमरोहा के ढ़वारसी गांव के वेदांत स्कूल में पढ़ते हैं।

कब और कहां हुई घटना?

घटना सोमवार (1 दिसंबर 2025) तड़के करीब 4 बजे की है। जगह है संभल जिले के थाना नखासा क्षेत्र अंतर्गत गांव चौकुनी। अरविंद अपने घर के एक कमरे में सो रहे थे।

क्या हुआ था ठीक-ठीक?

पत्नी प्रतिभा रोज की तरह सुबह करीब 4 बजे उन्हें जगाने कमरे में गईं। कई बार आवाज लगाई, हिलाया-डुलाया, लेकिन अरविंद ने कोई हलचल नहीं की। डर गए परिजन। फिर रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बुलाया गया। जब कमरे का दरवाजा पूरी तरह खोला गया तो सबके होश उड़ गए – अरविंद बिस्तर पर मृत पड़े थे। देखते ही देखते पूरे घर में चीख-पुकार मच गई।

कैसे हुई मौत? अभी तक रहस्य

अभी तक मौत का सटीक कारण सामने नहीं आया है। परिजन पूरी तरह सदमे में हैं, इसलिए उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं बताया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं, जिससे प्रथम दृष्टया हार्ट अटैक या कोई अचानक बीमारी की आशंका जताई जा रही है।

क्यों था इतना तनाव? शिक्षक साथी ने खोली पोल

अरविंद के स्कूल पहुंचते ही दर्जनों शिक्षक उनके घर जमा हो गए। सभी की आंखें नम थीं। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “सर पिछले 15-20 दिनों से SIR ड्यूटी (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) और BLO के काम में दिन-रात लगे थे। सुबह स्कूल, दोपहर में वोटर लिस्ट चेक करना, रात तक फील्ड में घूमना – नींद पूरी नहीं हो रही थी। कई बार सर ने कहा भी था कि ‘बहुत थकान हो रही है, शरीर साथ नहीं दे रहा।’”

दूसरे शिक्षक ने बताया, “पिछले हफ्ते भी सर ने छुट्टी मांगी थी, लेकिन SIR ड्यूटी की वजह से मना कर दिया गया।”

पुलिस का क्या कहना है?

थाना नखासा के इंस्पेक्टर संजीव बालियान ने बताया, “हमें मौखिक सूचना मिली है। अभी तक परिजनों की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। जैसे ही शिकायत मिलेगी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आएगी, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।” गांव में तरह-तरह की अफवाहें चल रही हैं, लेकिन पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

गांव में मातम, बच्चे अनाथ जैसे

अरविंद की बेटी गरिमा और बेटा लविश अभी तक कुछ समझ नहीं पा रहे। मां प्रतिभा बेहोश होती जा रही हैं। रिश्तेदार किसी तरह सांत्वना दे रहे हैं। पूरे गांव में मातम पसरा है। लोग कह रहे हैं – “इतना अच्छा इंसान चला गया, दो छोटे-छोटे बच्चे छोड़कर।”

फिलहाल शव को पोस्टमोर्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि यह महज एक दुखद हादसा था या ड्यूटी के भारी बोझ तले टूट गए एक मेहनती शिक्षक की कहानी।