मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
Winter Health Tips:उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों कड़ाके की ठंड और घना कोहरा लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। ठिठुरन इतनी है कि दिन में भी सूरज की किरणें धूप की बजाय ठंडक दे रही हैं। ऐसे में प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्रीमती ममता मालवीय ने आम जनता की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए शीतलहर को लेकर एक जरूरी एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में 11 ऐसे पॉइंट्स हैं जो आपकी और आपके परिवार की जान बचा सकते हैं।
मौसम की हर अपडेट पर रखें नजर
सबसे पहली सलाह यही है कि स्थानीय रेडियो, अखबार, टीवी चैनल और मोबाइल फोन पर मौसम विभाग की जानकारी लगातार लेते रहें। एक दिन की लापरवाही पूरी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। आजकल तो ज्यादातर लोगों के फोन में मौसम ऐप भी होते हैं – उसे ऑन रखें।
अंगीठी-हीटर जलाते वक्त हजार बार सोचें
घर में कोयले की अंगीठी, मिट्टी का तेल वाला चूल्हा या इलेक्ट्रिक हीटर चलाते समय जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। कमरे में हवा का आना-जाना बिल्कुल बंद न करें। वेंटिलेशन जरूरी है वरना जहरीला धुआं जमा हो जाएगा और कार्बन मोनोऑक्साइड की वजह से पूरी फैमिली सोते-सोते चली जाएगी। हर साल ऐसे कई दर्दनाक हादसे हो जाते हैं।
गीले कपड़े = मौत को न्योता
बारिश या ओस में भीग गए हो तो तुरंत कपड़े बदल लें। गीले कपड़े शरीर का तापमान तेजी से गिराते हैं और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। शरीर को हमेशा सूखा रखें।
घर में अलाव नहीं तो सामुदायिक अलाव जरूर जलाएं
जिनके पास अलाव जलाने का सामान नहीं है, वे रात में या सुबह-सुबह प्रशासन द्वारा बनाए गए सामुदायिक अलाव स्थलों पर जरूर जाएं। ये जगहें खास आपके लिए ही बनाई गई हैं। शर्माने की कोई जरूरत नहीं – जान है तो जहान है।
लेयर में कपड़े पहनो, ठंड भाग जाएगी
एक मोटा जैकेट पहनने से बेहतर है कई पतले-पतले गर्म कपड़े लेयर में पहनें। ऊनी स्वेटर, इनर, टोपी, मफलर, मोजे, दस्ताने – सब कुछ लगाओ। इससे शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती और ठंड भी कम लगती है।
छोटे बच्चे और बुजुर्गों को घर में ही रखें
जब कोहरा और ठंड बहुत ज्यादा हो तो बच्चों और बुजुर्गों को बाहर बिल्कुल न निकालें। इनकी इम्यूनिटी कम होती है, जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। घर में ही खेलने-काम करने दें।
गर्म खाना-चाय ही है असली दवा
ठंड में गुड़ वाली चाय, गरम दूध, सूप, देसी घी वाली रोटी, मूंगफली, तिल-गुड़ के लड्डू – ये सब शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। थोड़ा ज्यादा खा लो, कोई दिक्कत नहीं – ठंड में कैलोरी जल्दी बर्न होती है।
हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल
अगर किसी का शरीर असामान्य रूप से ठंडा हो जाए, बोलने में दिक्कत हो, सुस्ती छा जाए, लगातार ठिठुरन हो, बेहोशी जैसी हालत हो तो उसे हाइपोथर्मिया हो गया है। एक मिनट भी देर मत करो, तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाओ।
फ्रॉस्टबाइट – जब अंग हो जाएं सुन्न
अगर कान, नाक, उंगलियां सफेद या पीले रंग की पड़ जाएं, सुन्न हो जाएं, छूने में दर्द न हो तो ये फ्रॉस्टबाइट है। इसे गर्म पानी में नहीं डालना, तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना है।
बिजली चली गई तो घबराओ मत
अगर बिजली कई घंटों तक गुल रहे तो फ्रीजर का दरवाजा बिल्कुल न खोलें। बंद रहेगा तो 48 घंटे तक खाना खराब नहीं होगा। फ्रिज का दरवाजा कम से कम खोलें।
पड़ोसियों का भी खयाल रखें
अपने आस-पास अकेले रहने वाले बुजुर्गों या बीमार लोगों की खबर रखें। रात में एक बार जरूर चेक कर लें। कोई इमरजेंसी लगे तो तुरंत पुलिस या 112 पर कॉल करें।
शीतलहर प्रकृति का कहर है लेकिन सावधानी से हम इसे हरा सकते हैं। ADM ममता मालवीय की ये एडवाइजरी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि हर व्यक्ति तक ये जरूरी जानकारी पहुंचे। ठंड से डरने की नहीं, समझदारी से सामना करने की जरूरत है।
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