मुरादाबाद में पराली व गन्ने की पती जलाने वालों की अब खैर नहीं, सैटेलाइट से होगी निगरानी

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता

मुरादाबाद -जिले में अब पराली और गन्ने की पत्तियां जलाना महंगा पड़ रहा है। प्रशासन ने इस बार सख्ती दिखानी शुरू कर दी है और सैटेलाइट की मदद से हर आग की घटना पर नजर रखी जा रही है। उप कृषि निदेशक संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अभी तक 7 किसानों पर कुल 35,000 रुपये का जुर्माना ठोका जा चुका है। ये कार्रवाई कोई मामूली नहीं है – राजस्व विभाग, कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं और जिलाधिकारी के सख्त आदेश पर तुरंत एक्शन ले रही हैं।

सैटेलाइट बता रहा है ठीक-ठीक लोकेशन!

अब पराली जलाने की खबर कोई गाँव वाला फोन करके नहीं देता। सीधे अंतरिक्ष से सैटेलाइट तस्वीरें भेज रहा है! हर बार जब कोई खेत में आग लगाता है, सैटेलाइट उसकी सटीक लोकेशन – अक्षांश, देशांतर और पूरा पता – प्रशासन को तुरंत भेज देता है। इसके बाद तुरंत टीम मौके पर पहुँचती है, फोटो खींचती है, रिपोर्ट बनाती है और फिर जुर्माना तय हो जाता है। यानी अब छुपाना नामुमकिन!

कितना लगेगा जुर्माना? देख लो पूरी लिस्ट

कृषि विभाग ने साफ-साफ नियम बता दिए हैं। पराली जलाने पर जुर्माना इस तरह है:

  • 2 एकड़ तक का खेत – 5,000 रुपये
  • 2 से 5 एकड़ तक – 10,000 रुपये
  • 5 एकड़ से ज्यादा – पूरे 30,000 रुपये

और सिर्फ पैसा ही नहीं कटेगा। जो किसान पकड़े जाएंगे, उन्हें कृषि विभाग की सारी योजनाओं का लाभ भी बंद कर दिया जाएगा। गन्ना किसानों का तो सट्टा (गन्ना बिक्री का कोटा) ही लॉक कर दिया जाएगा। यानी नुकसान दोगुना!

पराली जलाने से क्या-क्या नुकसान हो रहा है?

उप कृषि निदेशक संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि पराली जलाने से जो धुआँ उठता है, उसमें कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसें होती हैं। इनसे साँस की बीमारियाँ, स्किन प्रॉब्लम्स, आँखों में जलन और तरह-तरह की एलर्जी होती है। ऊपर से मिट्टी के अंदर मौजूद अच्छे कीड़े-मकोड़े मर जाते हैं, खेत की उर्वरता घटती है और अगली फसल का उत्पादन अपने आप कम हो जाता है। यानी आज पराली जलाई, कल अपना ही नुकसान किया!

जलाने की बजाय खाद बनाओ, कमाई भी होगी!

कृषि विभाग बार-बार समझा रहा है – पराली को जलाओ मत, उससे खाद बनाओ। मल्चिंग करो, पराली को खेत में ही सड़ा दो – इससे मिट्टी में कार्बन, नाइट्रोजन और दूसरे पोषक तत्व बढ़ेंगे। नतीजा? अगली फसल पहले से ज्यादा और अच्छी होगी। कई किसान तो अब ऐसा करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

गौशाला को दान करो, प्रशासन खुद उठवाएगा पराली

अगर आपके पास पराली ज्यादा है और खाद बनाने का मन नहीं है तो एक और शानदार ऑप्शन है। पराली गौशाला को दान कर दो! प्रशासन ने ऐलान किया है कि जो किसान चाहेंगे, उनकी पराली खेत से खुद उठवाकर सीधे गौशाला तक पहुँचा दी जाएगी। न ट्रांसपोर्ट का खर्चा, न मेहनत – बस फोन करो, काम हो जाएगा। गायों को चारा मिलेगा और आपका पुण्य भी हो जाएगा!

किसानों से सीधी अपील

अंत में उप कृषि निदेशक ने सभी किसान भाइयों से हाथ जोड़कर अपील की है – “भाइयो, धान की पराली या गन्ने की पत्ती जलाना बंद कर दो। पर्यावरण बचाओ, अपने बच्चों का भविष्य बचाओ। इतने अच्छे विकल्प मौजूद हैं, उनका इस्तेमाल करो। जुर्माने और बीमारी से बचो।”