मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
नई दिल्लीः चुनाव आयोग के निर्देश पर देश भर के कई राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कैंपेन चलाया जा रहा है। इसे लेकर वोटर्स से वेरिफिकेशन के लिए फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। इसी बीच, साइबर क्रिमिनल्स SIR की आड़ में लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। यूपी, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां वोटर लिस्ट अपडेट करने के नाम पर लोगों से ठगी करने की कोशिश की गई। राज्य चुनाव आयोग ने लोगों को SIR फॉर्म के नाम पर हो रहे फ्रॉड से सावधान रहने की सलाह दी है।
साइबर ठग लोगों से मांग रहे ओटीपी
जानकारी के अनुसार, एसआईआर के नाम पर साइबर ठग लोगों को निशाना बना रहे हैं। ठग लोगों से ओटीपी मांग रहे हैं। लोगों से उनके डिटेल्स मांगे जा रहे हैं। ऐसे कुछ मामले संज्ञान में आए हैं जिसमें ठग खुद को बीएलओ बताकर लोगों से उनकी जानकारी ले रहे हैं और ओटीपी मांग रहे हैं।
चुनाव आयोग ने लोगों को सलाह दी है कि अगर कोई आपसे ओटीपी मांगे तो उसे कुछ भी जानकारी न दें। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं से कोई ओटीपी नहीं मांगी जाती है। SIR में ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ती।
SIR नाम पर इस तरह से हो रही ठगी
साइबर फ्रॉड करने वाले लोग SIR के नाम से लोगों को नकली लिंक और APK फाइल भेज रहे हैं। वे चुनाव अधिकारी या बीएलओ बनकर कॉल करते हैं और कहते हैं, ‘आपका नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है, यह फॉर्म तुरंत भरें। जैसे ही लोग उस लिंक या फाइल को खोलते हैं, फ्रॉड करने वाले उनके मोबाइल का एक्सेस पा लेते हैं। इसके बाद वे बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।
SIR के नाम पर होने वाले स्कैम से कैसे बचें
इससे बचने का सबसे आसान तरीका सावधानी हैं। याद रखें इलेक्शन कमीशन या BLO कभी भी किसी लिंक पर क्लिक करने, APK फाइल डाउनलोड करने, OTP शेयर करने या बैंक डिटेल्स देने के लिए नहीं कहते हैं।
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