Success story: ट्रेन एक्सीडेंट में दोनों पैर-एक हाथ कटा, हिम्मत नहीं हारी और बन गये IAS
success story:सूरज तिवारी ने यूपीएससी परिक्षा में अपना परचम लहरा दिया है. ट्रेन हादसे में सूरज ने अपने दोनों पैर और एक हाथ को गवां दिया था. इसके बावजूद सूरज ने हिम्मत नहीं हारी और यूपीएससी परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल कर ली. इनकी सफलता की स्टोरी बहुत जटील है. भिन्न भिन्न परिस्थीतों के बीच रहेकर उन्होंने परीक्षा पास की. आज माता पिता सहित सबको उन पर नाज है.
सूरज ने लोगों के सामने एक मिसाल पेश की है कि हालात चाहे कितने भी मुश्किल क्यों न हो... लेकिन कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सूरज के दोनों पैर व एक हाथ नहीं है और दूसरे हाथ में केवल तीन उंगलियां है, लेकिन ये उसकी मेहनत और लगन ही थी जो आज सूरज ने ये मुकाम हासिल किया है.
सूरज के पिता टेलर हैं
यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने के लिए सूरज ने 18 से 20 घंटे तक पढ़ाई करते की. सूरज ने ये सफलता बिना किसी कोचिंग व एक्स्ट्रा क्लासेज के हासिल की है. सूरज एक मध्यमवर्गीय परिवार से है. इनके पिता राजेश तिवारी, टेलर मास्टर हैं और इनकी एक छोटी सी सिलाई की दुकान कुरावली में है, जिससे परिवार का खर्चा चलता है.
2017 में एक ट्रेन हादसे में सूरज में अपने दोनों पैर व एक हाथ को गवां दिया था. 4 महीने तक सूरज का इलाज चला था. घर की माली हालत और खराब होने लगी और उसके कुछ समय बाद सूरज के एक भाई की भी मौत हो गई थी. इस घटना से पूरा परिवार दुखी था लेकिन सूरज ने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य पर एकाग्र होकर ये सफलता प्राप्त की.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा, मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है. सूरज की इस ‘सूरज’ जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाए.