22 September 2025 milk price : GST कम होने से सस्ता हुआ दूध, क्या है आपके शहर में कीमत?

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22 September 2025 milk price : देश में दूध की कीमतों में बदलाव हमेशा से लोगों के लिए अहम मुद्दा रहा है। 22 सितंबर 2025 को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में कमी के बाद दूध के दामों में बदलाव की खबरें सुर्खियों में हैं। सरकार ने हाल ही में दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा की, जिसके बाद उपभोक्ताओं के मन में सवाल उठ रहे हैं कि अब दूध की कीमतें क्या होंगी? आइए, इस लेख में हम आपको दूध के नए रेट्स और इससे जुड़ी हर जानकारी आसान भाषा में बताते हैं।

जीएसटी में कटौती का ऐलान

हाल ही में सरकार ने डेयरी उत्पादों पर जीएसटी की दर को कम करने का फैसला लिया है। पहले दूध और दूध से बने कुछ उत्पादों पर 5% से 12% तक जीएसटी लगता था, लेकिन अब इसे घटाकर 0% से 5% के दायरे में लाया गया है। इस बदलाव का मकसद आम लोगों को राहत देना और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना है। इस फैसले के बाद डेयरी कंपनियों और उपभोक्ताओं में एक नई उम्मीद जगी है। लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई में दूध की कीमतें कम होंगी?

22 सितंबर 2025 को दूध के नए रेट

जीएसटी में कटौती के बाद देश के कई हिस्सों में दूध की कीमतों में मामूली कमी देखी गई है। औसतन, प्रति लीटर दूध की कीमत में 2 से 5 रुपये की कमी आई है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में अमूल का फुल क्रीम दूध, जो पहले 66 रुपये प्रति लीटर था, अब 62-64 रुपये प्रति लीटर में उपलब्ध है। वहीं, मदर डेयरी और अन्य स्थानीय ब्रांड्स ने भी अपने दामों में 3-4 रुपये की कटौती की है। हालांकि, कुछ राज्यों में कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, क्योंकि वहां परिवहन और उत्पादन लागत अभी भी अधिक है।

अलग-अलग शहरों में दूध की कीमत

शहरों के हिसाब से दूध की कीमतों में थोड़ा अंतर देखने को मिलता है। मुंबई में फुल क्रीम दूध की कीमत 65-68 रुपये प्रति लीटर है, जबकि कोलकाता में यह 60-63 रुपये के बीच है। चेन्नई और बेंगलुरु जैसे दक्षिणी शहरों में दूध के दाम 62-66 रुपये प्रति लीटर के आसपास हैं। उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में स्थानीय डेयरियों से दूध 55-60 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है। ये कीमतें ब्रांड, दूध की गुणवत्ता (फुल क्रीम, टोंड, या डबल टोंड) और स्थानीय करों पर निर्भर करती हैं।

उपभोक्ताओं और डेयरी उद्योग पर असर

जीएसटी में कमी का सबसे ज्यादा फायदा आम उपभोक्ताओं को होगा, क्योंकि दूध हर घर की जरूरत है। खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए ये राहत की खबर है। वहीं, डेयरी उद्योग के लिए ये कटौती नए अवसर लेकर आई है। कम जीएसटी से डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, जिससे किसानों और डेयरी कंपनियों को फायदा होगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि परिवहन लागत और कच्चे माल की कीमतें अगर बढ़ीं, तो ये राहत ज्यादा समय तक नहीं टिक सकती।

क्या दूध की कीमतें और कम होंगी?

फिलहाल, बाजार में दूध की कीमतें स्थिर दिख रही हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में कीमतों में और कमी हो सकती है। अगर डेयरी कंपनियां जीएसटी कटौती का पूरा फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं, तो दूध और डेयरी उत्पाद और सस्ते हो सकते हैं। साथ ही, सरकार की नई नीतियां और सब्सिडी योजनाएं भी डेयरी क्षेत्र को और मजबूत कर सकती हैं।

उपभोक्ताओं के लिए सलाह

अगर आप दूध खरीदते समय पैसे बचाना चाहते हैं, तो स्थानीय डेयरियों या कोऑपरेटिव सोसाइटी से दूध लेने पर विचार करें। इसके अलावा, टोंड या डबल टोंड दूध का इस्तेमाल करके भी आप अपने खर्चे कम कर सकते हैं। दूध की कीमतों पर नजर रखने के लिए स्थानीय दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की तुलना करें।