Jagruk youth news-3 September 2025 weather update : भारत के छह राज्यों में अगले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज़ बिगड़ा रहेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 7 सितंबर 2025 तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में तेज़ बारिश के साथ बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।
सितंबर 2025 में भारत के कई हिस्सों में मॉनसून अपनी पूरी ताकत दिखा रहा है। मौसम विभाग ने उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के छह राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। यह अलर्ट 1 सितंबर से शुरू होकर 7 सितंबर तक प्रभावी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसून के निम्न दबाव क्षेत्रों के मिलने से यह स्थिति बनी है। इससे न केवल दैनिक जीवन प्रभावित होगा, बल्कि सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, जबकि दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ की आशंका जताई गई है। यह खबर हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है, जो इन इलाकों में रहता है या वहां की यात्रा की योजना बना रहा है।
किन राज्यों में है भारी बारिश का अलर्ट?
मौसम विभाग ने जिन छह राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है, उनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली शामिल हैं। इन राज्यों में 1 से 7 सितंबर तक अलग-अलग दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। खास तौर पर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां प्रति घंटे 15 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश की आशंका है। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ऑरेंज अलर्ट है, जो मध्यम से भारी बारिश का संकेत देता है। मध्य प्रदेश में भी कई जिलों में तेज बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इन राज्यों में रहने वाले लोगों को मौसम अपडेट पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी: रेड और ऑरेंज अलर्ट का मतलब
मौसम विभाग ने अपनी चेतावनी को दो श्रेणियों में बांटा है: रेड और ऑरेंज अलर्ट। रेड अलर्ट का मतलब है कि बहुत भारी बारिश (15 मिमी प्रति घंटे से ज्यादा) के साथ बाढ़, भूस्खलन और जान-माल के नुकसान का खतरा है। यह अलर्ट हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों के लिए जारी किया गया है। ऑरेंज अलर्ट मध्यम से भारी बारिश (6-11 मिमी प्रति घंटे) का संकेत देता है, जो दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लिए लागू है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि दिल्ली में 1 और 2 सितंबर को भारी बारिश होगी, जबकि 3 से 7 सितंबर तक हल्की बारिश की संभावना है। इन अलर्ट्स के आधार पर लोग अपनी तैयारियां कर सकते हैं।
बारिश का असर: बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
भारी बारिश का सबसे ज्यादा असर पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में देखने को मिलेगा। हिमाचल में पहले ही मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है, जहां अगस्त तक 320 लोगों की मौत और सैकड़ों सड़कों के बंद होने की खबरें आईं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़कें, बिजली ट्रांसफॉर्मर और पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी कई नदियां उफान पर हैं, जिससे खेती और बुनियादी ढांचे को नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की तैयारी
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं। हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर शुरू किए गए हैं। उत्तराखंड में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं, जो भूस्खलन और बाढ़ से निपटने के लिए तैयार हैं। दिल्ली-एनसीआर में गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्कूलों और दफ्तरों के लिए सलाह जारी की गई है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराने की योजना बन रही है। मौसम विभाग और केंद्रीय जल आयोग (CWC) मिलकर बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रहे हैं, ताकि समय पर कदम उठाए जा सकें। प्रशासन ने लोगों से मौसम अपडेट्स फॉलो करने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
लोगों के लिए सलाह: कैसे रहें सुरक्षित?
मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों को कुछ जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है। सबसे पहले, बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें, खासकर पहाड़ी इलाकों में जहां भूस्खलन का खतरा है। नदी-नालों के पास जाने से बचें, क्योंकि अचानक बाढ़ का खतरा हो सकता है। जरूरी सामान जैसे दवाइयां, पानी और खाने की चीजें पहले से तैयार रखें। अगर आप दिल्ली जैसे शहरी इलाके में हैं, तो जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें। मौसम अपडेट्स के लिए IMD की वेबसाइट या मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें। आपातकालीन स्थिति में स्थानीय प्रशासन या पुलिस हेल्पलाइन से संपर्क करें। इन सावधानियों से आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकता है।