Amroha News : गरीबों के लिए मसीहा बनी ज्ञानी की रसोई, ₹10 में मिल रही थाली

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Jagruk youth news-Amroha News : आज के समय में जब खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं, अमरोहा में ज्ञान प्रकाश फाउंडेशन ने एक ऐसी पहल शुरू की है, जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। ‘ज्ञानी की रसोई’ नाम से शुरू की गई इस मुहिम के तहत केवल ₹10 में गरमागरम, स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह पहल गरीबों, मजदूरों, रिक्शा चालकों और असहाय लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस नेक काम ने न केवल लोगों का पेट भरा है, बल्कि उनके चेहरों पर मुस्कान और दिलों में उम्मीद भी जगाई है।

ज्ञान प्रकाश फाउंडेशन का नेक प्रयास

ज्ञान प्रकाश फाउंडेशन पिछले कई सालों से समाजसेवा के क्षेत्र में काम कर रहा है, लेकिन ‘ज्ञानी की रसोई’ उनकी सबसे अनोखी और प्रभावशाली पहल है। इस रसोई का मकसद है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। चाहे वह मजदूर हो, रिक्शा चालक हो या फिर बुजुर्ग, हर जरूरतमंद को केवल ₹10 में पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। इस पहल ने अमरोहा में समाजसेवा का एक नया आयाम स्थापित किया है। फाउंडेशन का यह प्रयास दिखाता है कि अगर दिल में सेवा की भावना हो, तो बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

पंडित मनु शर्मा की प्रशंसा

वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित मनु शर्मा ने रविवार को ‘ज्ञानी की रसोई’ की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब ज्यादातर लोग समाजसेवा के नाम पर सिर्फ दिखावा करते हैं, तब ज्ञान प्रकाश फाउंडेशन जमीन पर उतरकर असली काम कर रहा है। पंडित मनु शर्मा ने इसे मानवता की सच्ची मिसाल बताया और कहा कि केवल ₹10 में भोजन देना सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए सम्मान और संवेदना का प्रतीक है। उनकी तारीफ ने इस पहल को और भी खास बना दिया।

‘ज्ञानी की रसोई’ का संचालन और नेतृत्व

‘ज्ञानी की रसोई’ की सफलता के पीछे ज्ञान प्रकाश फाउंडेशन के अध्यक्ष राहुल कुमार और उनके बड़े भाई रविन्द्र कुमार गुरियल की मेहनत और दूरदर्शिता है। इन दोनों ने मिलकर इस पहल को न केवल शुरू किया, बल्कि इसे कुशलता से चलाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। राहुल और रविन्द्र ने अपनी टीम के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि रसोई में बनने वाला खाना साफ, स्वादिष्ट और पौष्टिक हो। उनके नेतृत्व में यह रसोई न सिर्फ भूख मिटा रही है, बल्कि अमरोहा के लोगों में एक नई चेतना और एकजुटता का संदेश भी दे रही है।

गरीबों के लिए वरदान बनी यह पहल

‘ज्ञानी की रसोई’ आज उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जो रोज़ाना दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं। मजदूर, रिक्शा चालक, बुजुर्ग और असहाय लोग इस रसोई में केवल ₹10 में गरम और पौष्टिक भोजन पा रहे हैं। यह सिर्फ खाना नहीं, बल्कि सम्मान और देखभाल का प्रतीक है। इस पहल ने उन लोगों को राहत दी है, जो महंगाई के इस दौर में भोजन के लिए तरसते हैं। रसोई में परोसी जाने वाली थाली में स्वाद के साथ-साथ प्यार और संवेदना भी शामिल है, जो इसे और भी खास बनाता है।

समाज पर पड़ रहा सकारात्मक प्रभाव

‘ज्ञानी की रसोई’ का असर सिर्फ भोजन देने तक सीमित नहीं है। यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम कर रही है। यह लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। इस रसोई ने अमरोहा में एकजुटता और सेवा की भावना को बढ़ावा दिया है। लोग अब इस बात को समझ रहे हैं कि समाजसेवा का मतलब सिर्फ पैसे देना नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के साथ खड़े होना है। यह पहल समाज में एक नई जागरूकता और प्रेरणा का संचार कर रही है।

अन्य संस्थाओं के लिए प्रेरणा

पंडित मनु शर्मा ने अपने बयान में यह भी कहा कि ‘ज्ञानी की रसोई’ जैसी पहलें अन्य संगठनों और लोगों के लिए प्रेरणा का काम कर सकती हैं। उन्होंने अपील की कि समाज की भलाई के लिए और भी संस्थाएं आगे आएं और जरूरतमंदों की मदद करें। यह पहल दिखाती है कि सही इरादे और मेहनत से समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। अगर अन्य संगठन भी इस तरह की पहल शुरू करें, तो निश्चित रूप से समाज में गरीबी और भुखमरी जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी।

 सेवा का एक अनोखा उदाहरण

‘ज्ञानी की रसोई’ न सिर्फ एक रसोई है, बल्कि यह मानवता, सेवा और संवेदना का प्रतीक है। ज्ञान प्रकाश फाउंडेशन ने अमरोहा में एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो हर किसी को प्रेरित करती है। केवल ₹10 में भोजन देकर यह रसोई न सिर्फ भूख मिटा रही है, बल्कि लोगों के दिलों में उम्मीद और प्यार भी बांट रही है। अगर आप भी इस नेक काम का हिस्सा बनना चाहते हैं या इसके बारे में और जानना चाहते हैं, तो ज्ञान प्रकाश फाउंडेशन से संपर्क करें। आइए, इस तरह की पहलों को समर्थन दें और एक बेहतर समाज की ओर कदम बढ़ाएं।

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