Amroha News : अमरोहा जिले के हसनपुर थाना क्षेत्र के रुखालू गांव से वैष्णो देवी दर्शन के लिए निकली श्रद्धालुओं की बस जम्मू में एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। इस दुर्घटना में एक युवक की मौके पर मौत हो गई, जबकि 39 लोग घायल हो गए। बस में कुल 60 यात्री सवार थे, जो सभी धार्मिक यात्रा पर जा रहे थे। यह घटना सड़क सुरक्षा की कमी और चालक की लापरवाही को उजागर करती है।
अमरोहा से वैष्णो देवी जा रही यह बस 18 अगस्त को रुखालू गांव से रवाना हुई थी। बस में करीब 60 श्रद्धालु सवार थे, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे। ये सभी माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए उत्साहित थे। लेकिन यात्रा के दौरान एक अप्रत्याशित हादसा हो गया। बस जम्मू की ओर बढ़ रही थी, जब अचानक वह अनियंत्रित होकर पलट गई और एक सूखी नहर में जा गिरी। इस हादसे में बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
घटना इतनी भयानक थी कि मौके पर ही एक श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घायलों को निकाला गया। यह दुर्घटना वैष्णो देवी यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि ऐसी यात्राएं अक्सर लंबी दूरी की होती हैं और सड़क हादसों का खतरा रहता है। वैष्णो देवी मंदिर जम्मू-कश्मीर में स्थित है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु जाते हैं, लेकिन सड़क मार्ग की जोखिम भरी यात्रा कभी-कभी ऐसी त्रासदियां लाती है। इस तरह की घटनाएं सड़क परिवहन विभाग को अधिक सतर्क रहने की जरूरत बताती हैं।
वैष्णो देवी यात्रा उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है, और अमरोहा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से लोग समूहों में जाते हैं। इस बस में सवार यात्री मुख्य रूप से रुखालू गांव के निवासी थे, जो एक-दूसरे के रिश्तेदार या पड़ोसी थे। हादसे के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घटना की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरू हो गई, जहां लोग सड़क सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं।
दुर्घटना का स्थान और समय
यह हादसा जम्मू के लखनपुर बॉर्डर के पास हुआ, जो पंजाब-जम्मू सीमा के निकट है। बस शिवखोड़ी दर्शन के लिए जा रही थी, जब लखनपुर से थोड़ी दूरी पर एक मोड़ पर यह अनियंत्रित हो गई। समय रात के करीब 2:35 बजे का था, जब अधिकांश यात्री सो रहे थे। बस एक पुल पर थी, जहां से वह सीधे सूखी नहर में पलट गई।
लखनपुर बॉर्डर वैष्णो देवी जाने वाले मार्ग पर एक महत्वपूर्ण बिंदु है, जहां से यात्री आगे कटरा की ओर बढ़ते हैं। यह क्षेत्र पहाड़ी इलाका नहीं है, लेकिन रात के समय ड्राइविंग में जोखिम रहता है। मौसम सामान्य था, कोई बारिश या कोहरा नहीं था, जो हादसे को और रहस्यमयी बनाता है। जम्मू में ऐसी नहरें सड़कों के किनारे आम हैं, जो सिंचाई के लिए बनाई गई हैं, लेकिन सूखी होने पर भी खतरा पैदा कर सकती हैं।
समय के हिसाब से, रात का समय होने से बचाव कार्य में भी देरी हुई, क्योंकि अंधेरा था। लेकिन स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। यह स्थान राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है, जहां यातायात सामान्य रहता है, लेकिन रात में कम ट्रैफिक होने से मदद मिलने में समय लगा।
हताहत और घायलों की सूची
इस दुर्घटना में एक श्रद्धालु की मौत हुई, जिसका नाम इकबाल (उम्र 30 वर्ष) है। वह हरवंश का बेटा था और रुखालू गांव का निवासी था। इकबाल एक मजदूर था, जो परिवार का पालन-पोषण करता था।
घायलों की संख्या 39 है, जिनमें बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। कुछ घायल गंभीर रूप से चोटिल हैं और उन्हें एम्स रेफर किया गया है। घायलों की सूची निम्नलिखित है
इसके अलावा, कुछ गंभीर घायल जैसे पुष्पेंद्र, भगवान सहाय, खूबचंद, जीराज, बिजेंद्र, पूनम और बस चालक राजेंद्र (खुर्जा, बुलंदशहर का निवासी) को एम्स भेजा गया। अन्य घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। घायलों में ज्यादातर चोटें सिर, हाथ-पैर और पीठ पर हैं, जो बस पलटने से लगीं।
एक अन्य रिपोर्ट में घायलों की संख्या 10 से अधिक बताई गई है, लेकिन विस्तृत जानकारी से 39 की पुष्टि होती है। यह हादसा दिखाता है कि बस दुर्घटनाओं में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
बचाव कार्य और चिकित्सा सहायता
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। घायलों को बस से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। मृतक इकबाल के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया। पुलिस ने क्रेन की मदद से बस को नहर से निकाला।
घायलों को पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया। गंभीर मामलों को एम्स रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि अधिकांश घायलों की हालत स्थिर है, लेकिन कुछ को ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है। परिवार के सदस्यों को सूचित किया गया, और वे घायलों से मिलने पहुंचे।
बचाव कार्य में स्थानीय लोगों ने भी मदद की, जो रात के समय होने के बावजूद मौके पर आए। यह दिखाता है कि आपात स्थिति में समुदाय की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है।
दुर्घटना के संभावित कारण
प्रारंभिक जांच में पता चला कि चालक को नींद आ गई, जिससे बस मोड़ पर अनियंत्रित हो गई। एक रिपोर्ट में टायर फटने का भी जिक्र है, जो हादसे का कारण हो सकता है। रात का समय होने से चालक की थकान बढ़ गई होगी। बस पुरानी नहीं थी, लेकिन लंबी यात्रा में मेंटेनेंस की कमी हो सकती है।
ऐसे हादसों में अक्सर ओवरस्पीडिंग, नींद या यांत्रिक खराबी कारण होते हैं। पुलिस जांच कर रही है, और चालक से पूछताछ की जाएगी। यह घटना सड़क परिवहन नियमों की अनदेखी को दर्शाती है।
सड़क सुरक्षा के उपाय और सुझाव
ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए:
- चालकों को पर्याप्त आराम दें।
- बस की नियमित जांच करें।
- रात की यात्रा में अतिरिक्त सावधानी बरतें।
- यात्रियों को सीट बेल्ट का उपयोग करें।
- सरकारी स्तर पर सड़क सुधार।