Jagruk youth news-changur-baba-जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के मधपुर गांव का एक ऐसा नाम है, जो हाल के दिनों में अवैध धर्मांतरण के एक विशाल नेटवर्क के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है। कभी साइकिल पर अंगूठियां और ताबीज बेचने वाला यह शख्स आज 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक है। छांगुर बाबा ने खुद को पीर बाबा और सूफी हजरत बाबा जलालुद्दीन के रूप में प्रचारित किया, लेकिन उसकी असलियत अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। यूपी एटीएस ने उसे और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
छांगुर बाबा का असली चेहरा तब उजागर हुआ जब उसके करीबी वसीउद्दीन ने उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। वसीउद्दीन का दावा है कि छांगुर ने उसे झूठे मुकदमों में फंसाया और करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया। यह मामला अब केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि विदेशी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्तियों के निर्माण तक फैल चुका है।
changur-baba-40 देशों में फैला नेटवर्क
छांगुर बाबा अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए 40 देशों में अपनी पैठ होने का दावा करता था। वह अपने 20 हजार से अधिक शागिर्दों की धौंस जमाता था, जिससे लोग उसके सामने डरते थे। उसका यह दावा केवल दिखावा नहीं था, बल्कि उसने वास्तव में एक व्यापक नेटवर्क खड़ा किया था, जो भारत से लेकर खाड़ी देशों तक फैला हुआ था। उसने 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं कीं, जिनमें दुबई, सऊदी अरब, और तुर्की जैसे देश शामिल थे।
उसके इस नेटवर्क में कई लोग शामिल थे, जिनमें स्थानीय प्रशासन के कुछ लोग भी थे, जो उसकी गतिविधियों को अनदेखा करते थे। उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल न केवल धर्मांतरण के लिए किया, बल्कि विरोधियों को दबाने और फर्जी मुकदमे दर्ज कराने में भी किया। उसकी एक विशेष टीम थी, जिसमें युवतियां शामिल थीं, जो उसके इशारे पर किसी के खिलाफ भी दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा देती थीं।
changur-baba-धर्मांतरण का गोरखधंधा
छांगुर बाबा का मुख्य उद्देश्य हिंदू लड़कियों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाकर उनका धर्म परिवर्तन कराना था। वह लोगों को लालच देकर, प्रेम जाल में फंसाकर, या डराने-धमकाने के जरिए इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करता था। उसने इसके लिए तीन श्रेणियां बनाई थीं: पहली में गरीब और अनुसूचित जाति की महिलाएं, दूसरी में देह व्यापार में लिप्त युवतियां, और तीसरी में मुस्लिम युवक जो हिंदू नाम रखकर लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाते थे।
उसके इस नेटवर्क ने न केवल बलरामपुर, बल्कि अयोध्या, बरेली, और आजमगढ़ जैसे शहरों में भी अपनी जड़ें जमा ली थीं। उसने कोडवर्ड्स का इस्तेमाल किया, जैसे लड़कियों को “प्रोजेक्ट”, धर्मांतरण को “मिट्टी पलटना”, और ब्रेनवॉश को “काजल करना”। यह संगठित अपराध का एक ऐसा रूप था, जिसे वह वर्षों से बेखौफ होकर चला रहा था।
changur-baba-प्रतिबंधित पशु का मांस और वीडियो रिकॉर्डिंग
छांगुर बाबा की सबसे घृणित करतूत थी धर्मांतरण के लिए लोगों को पहले कलमा पढ़वाना और फिर प्रतिबंधित पशु का मांस खिलाना। वह यह सुनिश्चित करना चाहता था कि व्यक्ति हिंदू धर्म से पूरी तरह मोहभंग हो जाए। इस पूरी प्रक्रिया की वह वीडियो रिकॉर्डिंग करता था और उसे उन इस्लामिक संस्थाओं को भेजता था, जो उसे फंडिंग प्रदान करती थीं।
जांच में सामने आया कि जो महिलाएं धर्मांतरण के लिए राजी नहीं होती थीं, उनका दुष्कर्म कर वीडियो बनाया जाता था, और फिर उसे वायरल करने की धमकी देकर उन्हें मजबूर किया जाता था। यह काम विशेष रूप से उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन और अन्य महिलाओं को सौंपा गया था। एटीएस के अनुसार, नीतू ने अकेले 1500 में से 700 महिलाओं का धर्मांतरण कराया था।
changur-baba-विदेशी फंडिंग और आलीशान साम्राज्य
छांगुर बाबा के साम्राज्य का आधार विदेशी फंडिंग थी। जांच में पता चला कि उसे पिछले तीन वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली, जिसमें से 200 करोड़ बैंकिंग माध्यमों से और 300 करोड़ हवाला के जरिए नेपाल से आए। इस पैसे का इस्तेमाल उसने आलीशान कोठी, लग्जरी गाड़ियां, और पुणे, बलरामपुर जैसे शहरों में संपत्तियां खरीदने में किया।
उसके 40 से अधिक बैंक खातों में 100 करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ, जिसमें अधिकांश रकम मध्य पूर्व के इस्लामिक देशों से आई। उसने अस्वी इंटरप्राइजेज, आस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट जैसी फर्जी संस्थाओं के नाम पर ये खाते खोले थे। उसकी मधपुर गांव की कोठी, जो सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी, में 70 से अधिक कमरे थे और इसमें विदेशी नस्ल के घोड़े, कुत्ते, और जर्सी गायें रखी जाती थीं। इस कोठ xxunk बुलडोजर से ढहा दी गई।
अवैध धर्मांतरण के गहरे और संगठित नेटवर्क को उजागर
छांगुर बाबा का मामला भारत में अवैध धर्मांतरण के गहरे और संगठित नेटवर्क को उजागर करता है। उसने न केवल लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया, बल्कि विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल कर एक काला साम्राज्य खड़ा किया। यूपी एटीएस और एसटीएफ इस नेटवर्क की और परतें उघाड़ने में जुटी हैं, और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू कर दी है। यह मामला न केवल कानूनी कार्रवाई की मांग करता है, बल्कि समाज को भी जागरूक करता है कि ऐसे छद्म संतों और उनके नेटवर्क से सावधान रहने की जरूरत है।
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छांगुर बाबा: जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का मास्टरमाइंड।
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धर्मांतरण: हिंदू लड़कियों और कमजोर वर्गों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करना।
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विदेशी फंडिंग: खाड़ी देशों से प्राप्त 500 करोड़ रुपये, जिसका इस्तेमाल नेटवर्क चलाने में हुआ।
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प्रतिबंधित पशु का मांस: धर्मांतरण के लिए लोगों को जबरन गाय का मांस खिलाना।
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20 हजार शागिर्द: छांगुर का दावा कि उसके पास 20,000 अनुयायी हैं।
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40 देशों में पैठ: उसका अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, जिसमें इस्लामिक देश शामिल थे।
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वीडियो रिकॉर्डिंग: धर्मांतरण की प्रक्रिया को रिकॉर्ड कर फंडिंग के लिए भेजना।
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