CM योगी का बड़ा एक्शन, भ्रष्टाचार में लिप्त 5 अफसर और कर्मचारियों को किया सस्पेंड

 
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UP NEws: (लखनऊ) योगी सरकार ने भ्रष्टाचार को लेकर हंटर चलाया है। सीएम योगी के निर्देश पर खनन निदेशालय ने भ्रष्टाचार में लिप्त पांच अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित सस्पेंड कर दिया है, जबकि तीन को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार यूपी के कुछ मुख्य जनपदों में अवैध खनन के परिवहन की शिकायत मिली थी।


निदेशालय ने टीम गठित कर 8-9 फरवरी की रात में वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, मीरजापुर और झांसी में छापेमारी की। इस दौरान 29 वाहन खनिजों का अवैध परिवहन करते हुए पकड़े गए। छापे के दौरान खनिजों का परिवहन करने वाले 21 वाहन बिना अभिवहन प्रपत्र के तथा 08 वाहन अभिवहन प्रपत्र में अंकित मात्रा से अधिक खनिजों का परिवहन करते हुए मिले। जिनका ऑनलाइन चालान किया गया। वाहन चालकों तथा ट्रांसपोर्टरों से पूछताछ करने पर पता चला कि खान अधिकारी और कर्मचारी अवैध परिवहनकर्ताओं से इन्ट्री फीस के रूप में अवैध धन की वसूली का कार्य किया जाता है। इसके साक्ष्य भी टीम को मिले।

इन पर हुई कार्रवाई

खनिजों के अवैध परिवहन में जिन पर कार्रवाई हुई है उनमें वाराणसी के खान अधिकारी पारिजात त्रिपाठी, जौनपुर के खान अधिकारी विनीत सिंह, आजमगढ़/मऊ के खान निरीक्षक सुनील कुमार मौर्य और खनिज लिपिक सुमित श्रीवास्तव शामिल हैं। इन्हें अवैध धन उगाही में संलिप्तता पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। साथ ही खनिज मोहर्रिर राजाराम चौहान को मुख्यालय सम्बद्ध किया गया है।


जनपद मीरजापुर से वाहनों पर अवैध उपखनिज लोड होने के चलते मिर्जापुर खान अधिकारी आशीष चौधरी और झांसी के सर्वेक्षक के सम्बन्ध में शिकायतें प्राप्त होने पर अशोक कुमार मौर्य को तत्काल प्रभाव से मुख्यालय सम्बद्ध किया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश भूविज्ञान एवं खनन विभाग की सचिव/निदेशक रोशन जैकब ने कहा कि खनन विभाग अवैध खनन, खनिजों के अवैध परिवहन और खनिजों के परिवहन करने वाले ट्रकों की ओवरलोडिंग की जांच के लिए राज्यव्यापी अभियान चला रही है, जो भी कर्मचारी/ अधिकारी इन कृत्यों में संलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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