मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद। मंगलवार दोपहर सिविल लाइन स्थित जिला अस्पताल परिसर अचानक जोशीले नारों से गूंज उठा। स्वास्थ्य विभाग, फ़ार्मेसी, शिक्षा विभाग और कई अन्य सरकारी संगठनों के सैकड़ों कर्मचारी एक साथ सड़क पर आ गए। सबकी दो बड़ी मांगें – “पुरानी पेंशन तुरंत बहाल करो” और “25 नवंबर दिल्ली आंदोलन के नेताओं पर दर्ज FIR फौरन रद्द करो”। कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी – अगर मांगें नहीं मानी तो पूरा उत्तर प्रदेश सड़कों पर उतर आएगा!
कब और कहाँ हुआ प्रदर्शन?
मंगलवार (2 दिसंबर 2025) दोपहर करीब 2:30 बजे मुरादाबाद के सिविल लाइन जिला अस्पताल परिसर में धरना शुरू हुआ। कर्मचारी हाथों में बैनर-पोस्टर लिए जोर-जोर से नारे लगा रहे थे। पूरी सड़क “इंकलाब जिंदाबाद… पुरानी पेंशन बहाल करो… FIR वापस लो” के नारों से गूंजती रही।
कौन-कौन शामिल हुआ?
- स्वास्थ्य विभाग के फ़ार्मासिस्ट
- नर्सिंग स्टाफ
- शिक्षा विभाग के शिक्षक
- अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी मुरादाबाद में फ़ार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष संदीप भदौला और फ़ार्मासिस्ट नेता हेमंत चौधरी ने मोर्चा संभाला। नर्स यूनियन की मंडल अध्यक्ष बेलमा विक्टर भी पूरी ताकताकत से साथ थीं।
क्या हुआ और क्यों भड़के कर्मचारी?
मूल वजह है 25 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुआ देशव्यापी आंदोलन। उस दिन लाखों कर्मचारी-शिक्षक शांतिपूर्ण तरीके से पुरानी पेंशन बहाली की मांग लेकर पहुंचे थे। लेकिन आंदोलन के बाद सरकार ने राष्ट्रीय नेतृत्व और तीन राष्ट्रीय अध्यक्षों पर मुकदमा ठोक दिया। कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उनका कहना है – “हम संविधान के दायरे में अपना हक मांग रहे हैं, हमें अपराधी बना दिया गया। ये हिटलरशाही नहीं चलेगी!”
कैसे बढ़ेगा आंदोलन?
कर्मचारियों ने खुली चेतावनी दे दी है:
- अगर FIR वापस नहीं ली गई और पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो आंदोलन कई गुना बड़ा होगा
- लखनऊ और दिल्ली में जल्द ही विशाल महारैली होगी
- पूरा स्वास्थ्य अमला और शिक्षक एक साथ सड़कों पर उतरेंगे
- उत्तर प्रदेश के हर जिले में आज ही (2 दिसंबर) विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं
हेमंत चौधरी ने कहा, “सरकार ने हमारी आवाज दबाने की कोशिश की है, लेकिन हम डरने वाले नहीं। अगला आंदोलन इतना बड़ा होगा कि सरकार को झुकना पड़ेगा।”
नर्स यूनियन की बेलमा विक्टर बोलीं, “लोकतंत्र की ताकत को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। हम हर कीमत पर अपने नेताओं के साथ हैं। मांगें पूरी नहीं हुईं तो पूरा स्वास्थ्य विभाग बंद हो जाएगा।”
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