मुरादाबाद में अनोखा ट्रैफिक अभियान देखकर हर कोई रहेगा हैरान, जानें

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता  

मुरादाबाद। सड़क पर रोज़ाना हजारों लोग नियम तोड़ते हैं, लेकिन अगर कोई नियम मानकर चल रहा हो तो उसकी पीठ थपथपाई भी जाए – यही सोच लेकर शहर की मशहूर संस्था ‘परिवर्तन दी चेंज’ संस्था ने यातायात पुलिस के साथ मिलकर कुछ ऐसा कर दिखाया कि हर कोई वाह-वाह कर उठा। यातायात माह के मौके पर चलाए गए इस जागरूकता अभियान में अच्छे ड्राइविंग करने वालों को चॉकलेट दी गई, तो बिना हेलमेट वालों को मशहूर यूट्यूबर अमान अली की तरफ से फ्री हेलमेट भेंट किया गया।

हनुमान मूर्ति तिराहा और फव्वारा चौराहा बना जागरूकता का केंद्र

शहर के दो सबसे व्यस्त चौराहों – हनुमान मूर्ति तिराहा और फव्वारा चौराहा पर संस्था के स्वयंसेवकों ने सुबह से ही डेरा जमा लिया। आने-जाने वाले हर वाहन चालक को ट्रैफिक नियमों की याद दिलाई गई। खास तौर पर कोहरे के इस मौसम में धीरे चलने, फॉग लाइट जलाने और दूरी बनाए रखने जैसे ज़रूरी टिप्स दिए गए। लोग रुक-रुक कर सुनते भी रहे और सराहना भी करते रहे।

नियम मानो तो मिले चॉकलेट, न मानो तो भी नाराज़गी नहीं – मिला हेलमेट!

अभियान का सबसे मजेदार हिस्सा था – जो ड्राइवर और बाइक सवार सभी नियम मानकर चल रहे थे, उन्हें तुरंत चॉकलेट देकर शुक्रिया कहा गया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई मुस्कुराता हुआ चॉकलेट लेता दिखा। वहीं जिन पांच लोगों को बिना हेलमेट के पकड़ा गया, उन्हें डांटने की बजाय मुरादाबाद के फेमस यूट्यूबर अमान अली की तरफ से ब्रांड न्यू हेलमेट गिफ्ट किया गया। साथ ही प्यार से समझाया गया कि “भाईसाहब, अब से रोज़ हेलमेट पहना करो, जिंदगी बहुत कीमती है।”

संस्था के सदस्य खुद हेलमेट लगाकर, सीट बेल्ट बांधकर खड़े थे ताकि लोगों को लगे कि सुरक्षित ड्राइविंग कोई बोझ नहीं, स्टाइल है!

विश्वविद्यालय से लेकर पुलिस तक – सबने दिया साथ

इस खूबसूरत पहल में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार के रजिस्ट्रार श्री गिरीश कुमार द्विवेदी और प्रोफेसर अदिति सिंधु ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यातायात पुलिस की टीम में टी.आई. मिथलेश कुमार, टीएसआई हरिकेश सिंह, टीएसआई रामकुमार तोमर, कांस्टेबल मोहम्मद अजहर, सुनील सहित कई जांबाज़ अधिकारी मौजूद रहे।

‘परिवर्तन दी चेंज’ की तरफ से संस्थाध्यक्ष कपिल कुमार, आदित्य कुमार, प्रिंस कुमार और दर्जनों स्वयंसेवक पूरे जोश में जुटे रहे। हर कोई एक ही बात दोहरा रहा था – “सड़क सुरक्षा सिर्फ पुलिस या सरकार का काम नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है।”

आखिर में यही संदेश – जागरूक बनो, जिंदगी बचाओ

ये पूरा अभियान सिर्फ एक दिन का शो नहीं था। इसका मकसद था कि लोग खुद-ब-खुद नियम मानने लगें। क्योंकि एक छोटी सी गलती कई जिंदगियां छीन लेती है। संस्था ने वादा किया है कि ऐसे अभियान आगे भी चलते रहेंगे।

तो अगली बार जब आप बाइक निकालो या गाड़ी स्टार्ट करो, याद रखना – हेलमेट और सीट बेल्ट सिर्फ जुर्माने से बचाने के लिए नहीं, आपकी और आपके परिवार की खुशी के लिए हैं।