पानी में गिरे मोबाइल को निकालने में पिता-पुत्र की गई जान, जाने क्या है पूरा मामला

अबोहर (पंजाब): रविवार सुबह करीब नौ बजे ही दोनों पिता-पुत्र गांव दलियावाली से शेरगढ़ पहुंचे और सुखबीर सिंह ने निर्मल सिंह से मोबाइल निकालने की बात कही। 15 दिन पहले पानी की डिग्गी में गिरे मोबाइल ने पिता-पुत्र की जान ले ली। जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना... वह हैरान रह गया। लोगों का कहना है कि मौत भला ऐसे भी आती है।
 
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अबोहर (पंजाब): रविवार सुबह करीब नौ बजे ही दोनों पिता-पुत्र गांव दलियावाली से शेरगढ़ पहुंचे और सुखबीर सिंह ने निर्मल सिंह से मोबाइल निकालने की बात कही। 15 दिन पहले पानी की डिग्गी में गिरे मोबाइल ने पिता-पुत्र की जान ले ली। जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना... वह हैरान रह गया। लोगों का कहना है कि मौत भला ऐसे भी आती है।

अबोहर जिले के गांव शेरगढ़ के खेतों में बनी पानी की डिग्गी में डूबने से पिता-पुत्र की मौत हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि मूलरूप से राजस्थान के गांव दलियांवाली निवासी निर्मल सिंह (45) पुत्र गुरजीत सिंह की गांव शेरगढ़ में दो एकड़ जमीन है। जहां फसल की देखरेख करने निर्मल सिंह और उसका बेटा सुखबीर सिंह यहां आते-जाते रहते हैं।

करीब 15 दिन पहले निर्मल सिंह के बेटे सुखबीर सिंह (15) का मोबाइल पानी की डिग्गी में गिर गया था। उस समय निकालने का कोई प्रयास नहीं किया लेकिन रविवार सुबह करीब नौ बजे ही दोनों पिता-पुत्र गांव दलियावाली से शेरगढ़ पहुंचे और सुखबीर सिंह ने निर्मल सिंह से मोबाइल निकालने की बात कही।


इसके बाद सुखबीर एक रस्सी के सहारे पानी की डिग्गी में उतर गया जबकि उसका पिता निर्मल सिंह ऊपर खड़े होकर रस्सी पकड़ रखा था। लोगों ने बताया कि मोबाइल की तलाश करते हुए सुखबीर सिंह गहरे पानी में घुस गया और संतुलन बिगड़ने पर उसके हाथ से रस्सी छूट गई और वह पानी में डूबने लगा।


बेटे सुखबीर सिंह को पानी में डूबता देख निर्मल सिंह खुद भी पानी में कूद पड़ा। हालांकि निर्मल सिंह तैरना जानता था लेकिन बेटे को बचाने के चक्कर में वह भी अपने आप को बचा नहीं सका और दोनों पिता-पुत्र की पानी में डूबने से मौत हो गई।

घटना का पता चलते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और थाना खुईयां सरवर पुलिस को सूचित किया। वहीं पुलिस ने मौके पर पहुंच कर संस्था नर सेवा नारायण सेवा समिति के सहयोग से दोनों शवों को डिग्गी से बाहर निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल के शवगृह में रखवाया।

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