Moradabad GST fraud fake e-way bill-पंजाब से पकड़ा गया फर्जी ई-वे बिल बनाने वाला मास्टरमाइंड

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मयंक त्रिगुण , संवाददाता

Moradabad GST fraud fake e-way bill-मुरादाबाद। जीएसटी चोरी के बड़े रैकेट में पुलिस और राज्य कर विभाग की एसआईटी टीम लगातार छापेमारी कर रही है। इसी सिलसिले में टीम ने पंजाब से एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है जो फर्जी ई-वे बिल तैयार करने में माहिर था। उसके लैपटॉप से करीब 500 फर्जी बोगस फर्मों का डाटा मिला है, जिससे पूरे नेटवर्क में हड़कंप मच गया है।

क्या हुआ? स्क्रैप से भरी गाड़ियां पकड़ी गईं

ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब 24 अक्टूबर को मुरादाबाद में राज्य कर विभाग की टीम ने दो गाड़ियां रोकीं। इनमें लोहे का स्क्रैप भरा हुआ था। गाड़ियां एके इंटरप्राइजेज नाम की फर्म के कागजात पर चल रही थीं। जांच पड़ताल में पता चला कि इस फर्म से जुड़े मोबाइल नंबरों पर 122 फर्जी बोगस फर्में दर्ज थीं। ये फर्में सिर्फ कागजों पर थीं, असल में कोई कारोबार नहीं होता था।

कौन शामिल था? फर्जीवाड़े के बाद दर्ज हुईं एफआईआर

ये फर्जीवाड़ा इतना बड़ा था कि राज्य कर विभाग ने इसे गंभीरता से लिया। सिविल लाइंस थाने में दो एफआईआर दर्ज कराई गईं। इसके बाद मुरादाबाद के एसएसपी सतपाल अंतिल ने पूरे नेटवर्क को पकड़ने के लिए एक विशेष जांच टीम यानी एसआईटी बनाई।

पहले किनकी गिरफ्तारी हुई?

एसआईटी ने सबसे पहले इस केस में तीन आरोपियों को पकड़ा – अखलाक, दानिश कबाड़ी और सुमित। इनसे पूछताछ में पता चला कि फर्जी ई-वे बिल बनाने वाला मुख्य आरोपी कहां छिपा है। ये जानकारी मिलते ही टीम ने ऐक्शन लिया।

कैसे पकड़ा गया मुख्य आरोपी?

एसआईटी की टीम ने छापा मारकर पंजाब के रहने वाले परविंदर को धर दबोचा। परविंदर ही वो शख्स था जो फर्जी ई-वे बिल बनाता था। गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से 4 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड, एक लैपटॉप, पैन कार्ड और आधार कार्ड बरामद हुए।

क्यों है ये इतना बड़ा खुलासा? लैपटॉप में छिपा था राज

परविंदर के लैपटॉप की जांच की गई तो सब हैरान रह गए। इसमें करीब 500 फर्जी बोगस फर्मों का पूरा डाटा था। पुलिस वाले बताते हैं कि इस डाटा से जीएसटी चोरी के पूरे नेटवर्क का पता चलेगा और और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ये फर्में अलग-अलग नामों से बनाई गई थीं, जिनके जरिए करोड़ों की टैक्स चोरी हो रही थी।

कहां हुई घटना और आगे क्या?

ये पूरी वारदात सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की है। अब एसआईटी और पुलिस टीम लैपटॉप के डाटा और दूसरे डिजिटल सबूतों की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस केस में और गिरफ्तारियां होंगी। जीएसटी चोरी का ये खेल काफी बड़ा है, इसलिए जांच तेजी से चल रही है।

फिलहाल परविंदर पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ जारी है। ये मामला कितना बड़ा है, ये तो जांच पूरी होने पर ही साफ होगा, लेकिन अभी तक जो खुलासे हुए हैं, वो बताते हैं कि फर्जी फर्मों और ई-वे बिल के जरिए कितनी आसानी से टैक्स की चोरी हो रही थी। राज्य कर विभाग और पुलिस अब ऐसे रैकेट पर पूरी नजर रखे हुए हैं।