मयंक त्रिगुण, ब्यूरो चीफ
Moradabad news-मुरादाबाद। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने एक बड़े ठगी के मामले में कार्रवाई करते हुए लोन दिलाने के नाम पर मासूम लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले एक चालाक आरोपी को पकड़ लिया है। इस आरोपी का नाम इशरत अली है, जो जिगर कॉलोनी का रहने वाला है। ये शख्स कभी खुद को दरोगा तो कभी बड़ा अधिकारी बताकर लोगों को डराता-धमकाता था और झांसे में लेकर उनकी गाढ़ी कमाई हड़प लेता था। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि इसने अब तक 20 से 25 लाख रुपये तक की ठगी कर डाली है। ये खुलासा इतना हैरान करने वाला है कि पुलिस वाले भी सुनकर दंग रह गए।
पीड़ितों की शिकायत पर खुला राज
सिविल लाइंस इलाके में रहने वाले आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत की कि कोई शख्स बैंक लोन दिलाने का झांसा देकर उनसे पैसे ठग रहा है। पीड़ितों ने अपने-अपने प्रार्थना पत्र सौंपे और अपनी आपबीती सुनाई। इन कहानियों को सुनकर पुलिस भी चौंक गई। शिकायतों के आधार पर तुरंत मुकदमा दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई। जांच के दौरान एक के बाद एक चौंकाने वाले事实 सामने आते गए, जो ये बताते हैं कि ठगी का ये जाल कितना गहरा था।
मकान बेचवाकर हड़प लिए 11 लाख रुपये!
एक पीड़ित नफीस ने पुलिस को बताया कि इशरत अली ने लोन दिलाने का लालच देकर उसे अपने जाल में फंसाया। पहले तो अच्छे से भरोसा दिलाया, फिर कहा कि लोन के लिए कुछ पैसे चाहिए। नफीस ने तो अपना मकान तक बेच दिया और आरोपी को 11 लाख रुपये दे दिए। लेकिन लोन का कुछ अता-पता नहीं और पैसे भी गायब! इसी तरह दूसरे पीड़ितों से भी अलग-अलग बहानों से रकम ऐंठी गई। आरोपी का तरीका था कि वो खुद को पुलिस वाला बताकर लोगों को डराता और चुपचाप पैसे ले लेता। लोग डर के मारे कुछ बोल भी नहीं पाते थे।
फर्जी दस्तावेजों का पूरा जाल बिछाया, कई आधार कार्ड बरामद
पुलिस की गहन जांच में आरोपी के फर्जीवाड़े का पूरा नेटवर्क खुलकर सामने आ गया। इसके पास कई फर्जी आईडी प्रूफ मिले हैं। एक आधार कार्ड नागफनी थाना इलाके के पते पर बना है, तो दूसरा गलशहीद थाना क्षेत्र के एड्रेस पर। जबकि असल में इसका मूल घर डिलारी थाना क्षेत्र के अदलपुर गांव में है। इतना ही नहीं, इसने पीड़ितों को भरोसा दिलाने के लिए कई फर्जी चेक भी दिए थे, जो बाद में बाउंस हो गए। ये सब देखकर साफ हो गया कि आरोपी ने ठगी के लिए पूरा प्लान बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखे थे।
एसपी सिटी ने क्या कहा?
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने मीडिया को बताया कि आरोपी इशरत अली, जो मूल रूप से अदलपुर (डिलारी) का रहने वाला है, ने बैंक लोन दिलाने के नाम पर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। शुरुआती जांच में ठगी की पुष्टि हो चुकी है। मामले में सही धाराओं के तहत केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है।
एसपी साहब ने आगे बताया कि अभी तक 10 से 12 लाख रुपये की ठगी की औपचारिक शिकायतें आई हैं, लेकिन जांच से लग रहा है कि असल रकम इससे बहुत ज्यादा हो सकती है। अगर और पीड़ित सामने आते हैं तो उन्हें भी केस में शामिल किया जाएगा और पूरी जांच की जाएगी।
दरोगा बनकर धमकाता था शिकार करने वालों को
एसपी सिटी ने खुलासा किया कि आरोपी फर्जी कागजात बनवाकर लोगों से पैसे वसूलता था और खुद को दरोगा बताकर उन्हें डराता-धमकाता था। पुलिस ने डुप्लीकेट आधार कार्ड, फर्जी चेक और दूसरे सबूतों को केस में जोड़ लिया है। मामले की गहराई से जांच चल रही है और जो भी नए सबूत मिलेंगे, उसके आधार पर सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस का साफ कहना है कि चाहे आरोपी कितना भी शातिर हो, कानून की गिरफ्त से कोई नहीं बच सकता। आखिरकार ये ठग पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।
ये मामला एक बार फिर साबित करता है कि लोन या आसान पैसे के लालच में आने से पहले सावधान रहें। अगर कोई खुद को अधिकारी या पुलिस वाला बताकर पैसे मांगे तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
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