अब घर बैठे ट्रांसफर कराएं अपनी गाड़ी, नहीं जाना होगा आरटीओ

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता 

नई दिल्ली। वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर आ रही है। क्या आप भी अपनी गाड़ी का ट्रांसफर कराने के लिए आरटीओ ऑफिस के लंबे-लंबे चक्कर काटकर थक चुके हैं? अब ये झंझट खत्म होने वाला है! परिवहन विभाग ने गाड़ी ट्रांसफर और दूसरे जिले में रजिस्ट्रेशन के लिए एनओसी की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की तैयारी कर ली है। इससे लाखों लोगों की जिंदगी आसान हो जाएगी, और वो घर बैठे ही सब कुछ निपटा सकेंगे। विभाग की अतिरिक्त परिवहन आयुक्त (आईटी) सुनीता वर्मा ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव को परिवहन मंत्रालय के पास भेज दिया गया है, और जैसे ही मंजूरी मिलेगी, ये सेवा पूरे प्रदेश में शुरू हो जाएगी।

ये बदलाव क्यों जरूरी था? आज के दौर में हर कोई डिजिटल सुविधाओं की उम्मीद करता है। पहले गाड़ी ट्रांसफर कराने में कितनी मुश्किलें आती थीं – लंबी लाइनें, कागजों का ढेर, और कभी-कभी तो भ्रष्टाचार की शिकायतें भी। लेकिन अब ये सब इतिहास बनने वाला है। विभाग पहले से ही कई सेवाओं को ऑनलाइन कर चुका है, और अब ये दो नई सुविधाएं जोड़कर लोगों की मदद कर रहा है। इससे न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि पेपरलेस सिस्टम से पर्यावरण को भी फायदा होगा। आम आदमी के लिए ये एक क्रांतिकारी कदम है, जो सरकारी कामकाज को और पारदर्शी बनाएगा।

ऑनलाइन ट्रांसफर ऐसे होगा

अब तक गाड़ी ट्रांसफर कराने का तरीका कितना पुराना था, याद है? आपको फॉर्म-29 और फॉर्म-30 भरकर आरटीओ ऑफिस में जमा करना पड़ता था। साथ में आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट), इंश्योरेंस पॉलिसी, पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट और पता प्रमाण जैसे दस्तावेज भी लगते थे। ये सब लेकर ऑफिस जाना, इंतजार करना, और फिर अप्रूवल का इंतजार – ये प्रक्रिया महीनों तक खिंच सकती थी। लेकिन नई व्यवस्था में सब कुछ बदल जाएगा। अब आप घर बैठे ही सब कुछ कर सकेंगे, और वो भी कुछ ही क्लिक्स में।

नई सिस्टम कैसे काम करेगी? सबसे पहले, परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरें। फिर, आधार नंबर से ओटीपी वेरिफिकेशन होगा, जो आपकी पहचान को सुरक्षित रखेगा। उसके बाद, सभी जरूरी दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करें – जैसे स्कैन किए हुए आरसी, इंश्योरेंस और अन्य पेपर्स। आपकी फाइल सीधे आरटीओ के पोर्टल पर पहुंच जाएगी, जहां अधिकारी इसे चेक करेंगे। और सबसे अच्छी बात? आरटीओ से अप्रूवल भी ऑनलाइन जारी होगा। यानी, न तो लाइन में खड़े होने की जरूरत, न चक्कर लगाने की, और न ही किसी की मेहरबानी की। ये प्रक्रिया इतनी आसान होगी कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वो शहर में हो या गांव में, इसे बिना किसी मदद के पूरा कर सकेगा।

इस बदलाव से क्या फायदे होंगे? सोचिए, अगर आप अपनी पुरानी कार बेच रहे हैं, तो बायर को ट्रांसफर के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। या अगर आप दूसरे जिले में शिफ्ट हो रहे हैं, तो एनओसी के लिए भागदौड़ खत्म। विभाग का कहना है कि इससे समय की बचत होगी, और लोग ज्यादा प्रोडक्टिव रह सकेंगे। साथ ही, डिजिटल ट्रांसफर से फर्जी दस्तावेजों की गुंजाइश भी कम हो जाएगी, क्योंकि सब कुछ वेरिफाइड होगा। ये सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी जो कामकाजी हैं और ऑफिस से छुट्टी नहीं ले सकते।

ऑनलाइन सेवाओं के बाद अब दो और सुविधाएं

परिवहन विभाग पहले से ही डिजिटल क्रांति की दिशा में काम कर रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन से जुड़ी कुल 49 सेवाओं को पहले ही डिजिटल कर दिया गया है। अब इन दो अहम सेवाओं – वाहन ट्रांसफर और दूसरे जिले में एनओसी – को भी ऑनलाइन किया जा रहा है। ये कदम प्रदेश को पेपरलेस बनाने की ओर एक बड़ा कदम है, जहां भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं रहेगी। सुनीता वर्मा ने बताया कि मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही ये सेवाएं शुरू हो जाएंगी, और लोगों को सूचना दी जाएगी।

ये बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है? आजकल हर कोई स्मार्टफोन यूज करता है, और सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन लाना समय की मांग है। इससे न सिर्फ आम जनता को फायदा होगा, बल्कि आरटीओ ऑफिसों पर बोझ भी कम होगा। पहले जहां हफ्तों लगते थे, अब शायद कुछ दिनों में काम हो जाएगा। साथ ही, ये सिस्टम सुरक्षित होगा, क्योंकि आधार वेरिफिकेशन से कोई फ्रॉड नहीं हो सकेगा। विभाग का लक्ष्य है कि पूरे प्रदेश में ये व्यवस्था लागू करके अन्य राज्यों के लिए मिसाल कायम की जाए।

इससे जुड़ी कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं, जैसे इंटरनेट की पहुंच या डिजिटल साक्षरता। लेकिन विभाग इसके लिए हेल्पलाइन और गाइडलाइंस भी जारी करेगा, ताकि कोई पीछे न छूटे। कुल मिलाकर, ये खबर उन लाखों वाहन मालिकों के लिए खुशखबरी है जो सालों से इस सुविधा का इंतजार कर रहे थे। अगर आप भी गाड़ी ट्रांसफर प्लान कर रहे हैं, तो जल्द ही ये ऑनलाइन ऑप्शन चेक करें। ये बदलाव न सिर्फ सुविधाजनक है, बल्कि आधुनिक भारत की तस्वीर भी पेश करता है, जहां सब कुछ डिजिटल हो रहा है।