भूदेव भगलिया, वरिष्ठ पत्रकार
पति-पत्नी का रिश्ता जीवन का आधार होता है, लेकिन जब यह कलह में बदल जाता है, तो सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं निर्दाेष बच्चे। आज के दौर की कड़वी सच्चाई है। वैवाहिक विवादों के कारण न केवल परिवार टूटते हैं, बल्कि बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है। हाल की घटनाओं ने समाज को झकझोर दिया है, जहां माता-पिता ने अपने कलह को समाप्त करने के लिए बच्चों की जान ले ली।
भारत में वैवाहिक कलह के कारण होने वाली घटनायें बढ़ रही हैं। हाल के वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां माता-पिता ने अपने बच्चों को भी मौत के घाट उतार दिया। ये केस न केवल दिल दहला देते हैं, बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर कर देते हैं।
ऐसे में उत्तर प्रदेश, बांदा जिले की घटना (अगस्त 2025) एक महिला ने अपने पति से विवाद के बाद तीनों बच्चों को दुपट्टे से बांध लिया और केन नहर में कूद गई। तीनों बच्चों की उम्र 2, 5 और 7 वर्ष थी। शव नहर से बंधे हुए मिले, जो कलह की गहराई दर्शाता है।
तेलंगाना, बैचुपल्ली की त्रासदी (अगस्त 2025) एक मां ने घरेलू विवाद के बाद दो बच्चों के साथ सम्प में कूदने का प्रयास किया। स्थानीय लोगों ने मां को बचा लिया, लेकिन बच्चे मर गए। यह घटना दर्शाती है कि कैसे कलह माता का मानसिक संतुलन बिगाड़ देता है।
तेलंगाना में पिता की क्रूरता (मई 2025) पत्नी से विवाद के बीच एक पिता ने दो बच्चों की हत्या कर ली और फिर आत्महत्या कर ली। बच्चे 4 और 6 वर्ष के थे। पुलिस ने इसे पारिवारिक कलह से जोड़ा।
ओडिशा, नयागढ़ जिले का मामला (मार्च 2025)पुनर्विवाह की योजना पर असहमति के कारण एक पिता और उसकी मां ने दो नाबालिग बेटों की हत्या कर दी। बच्चे पिता के फैसले के खिलाफ थे।
गुजरात, कपड़वांज की घटना (जुलाई 2025) पुत्र की चाहत में एक पिता ने 7 वर्षीय बेटी को नहर में फेंक दिया। पत्नी को झूठ बोलने पर मजबूर किया। यह लिंग भेदभाव और कलह का घातक मिश्रण था। फिलहाल में एक पति अपनी पत्नी की हरकतों से परेशान होकर चार बच्चों संग नदी में कुद गया था।
ये घटनाएं बताती हैं कि कलह कब हिंसा में बदल जाती है। फिलहाल, एक पिता ने बच्चों के साथ नहर में कूदने जैसी घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया, जो वैवाहिक तनाव का चरम रूप है।
पति-पत्नी के बीच कलह के कई कारण होते हैं, जो धीरे-धीरे जहर की तरह फैलते हैं। ये कारण न केवल रिश्ते तोड़ते हैं, बल्कि बच्चों को भी प्रभावित करते हैं। ये घटना के मुख्य कारण आर्थिक तंगी, प्रेम-प्रसंग, दहेज लिंग भेदभाव और मानसिक तनवा सहित परिवारिक दबाव से घटनाओं को जन्म मिलता है।
पति-पत्नी का कलह बच्चों का भविष्य नष्ट कर देता है, जैसा हाल की घटनाओं से स्पष्ट है। समाज को जागरूक होना होगा। यदि आपका घर कलह से ग्रस्त है, तो आज ही मदद लें। याद रखें, प्यार और समझ से हर समस्या हल हो सकती है।
ये लेखक की निजी विचार है।