पतंजलि घी खाने लायक नहीं, कोर्ट ने ठोका 1.40 लाख का जुर्माना

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पिथौरागढ़ (उत्तराखंड). योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का दावा है कि उनका घी शुद्ध देसी गाय का है, लेकिन उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हुई जांच ने सबके होश उड़ा दिए हैं। पतंजलि गाय के घी का सैंपल दोनों बड़ी लैब में फेल हो गया। खाद्य विभाग ने साफ कह दिया – यह घी खाने योग्य नहीं है, इससे सेहत को नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने आखिरकार पतंजलि समेत तीन लोगों पर कुल 1 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना ठोक दिया है।

कहां से शुरू हुआ पूरा मामला?

दरअसल, ये मामला बहुत पुराना है – साल 2020 का। 20 अक्टूबर 2020 को पिथौरागढ़ के कासनी इलाके में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम रूटीन चेकिंग कर रही थी। वहां करन जनरल स्टोर से फूड सेफ्टी ऑफिसर दिलीप जैन ने पतंजलि गाय का घी का सैंपल लिया। सैंपल सील करके पहले उत्तराखंड की राजकीय लैब रुद्रपुर भेजा गया।

रुद्रपुर लैब की रिपोर्ट आई तो सभी हैरान रह गए – घी मानकों पर खरा नहीं उतरा। यानी स्टैंडर्ड से नीचे क्वालिटी।

पतंजलि ने की दोबारा जांच की मांग

रिपोर्ट मिलते ही पतंजलि को 2021 में नोटिस भेजा गया। कंपनी ने पहले तो कोई जवाब नहीं दिया। फिर काफी देर बाद 15 अक्टूबर 2021 को पतंजलि ने अपील की कि सैंपल की दोबारा जांच कराई जाए, वो भी सेंट्रल लैब से। कंपनी ने इसके लिए 5 हजार रुपए फीस भी जमा कर दी।

16 अक्टूबर 2021 को खाद्य विभाग की टीम सैंपल लेकर गाजियाबाद की नेशनल लैब (Central Food Laboratory) पहुंची। वहां भी 26 नवंबर 2021 को रिपोर्ट आई और फिर वही बात – पतंजलि का घी फिर फेल! मानक पूरा नहीं कर पाया।

दो महीने स्टडी, फिर कोर्ट में केस

रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने पूरी स्टडी की, फिर 17 फरवरी 2022 को पिथौरागढ़ कोर्ट में केस दायर कर दिया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने कोर्ट में सारे सबूत पेश किए।

लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार 1,348 दिन बाद यानी इस हफ्ते गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (निर्माता कंपनी) पर 1 लाख रुपए, डिस्ट्रीब्यूटर ब्रह्म एजेंसिज पर 25 हजार रुपए और दुकानदार करन जनरल स्टोर पर 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। कुल जुर्माना – 1 लाख 40 हजार रुपए।

अधिकारी बोले – सेहत को हो सकता है नुकसान

पिथौरागढ़ खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के असिस्टेंट कमिश्नर आरके शर्मा ने साफ-साफ कहा, “यह घी खाने योग्य नहीं है। अगर किसी ने इसे खा लिया तो साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, बीमार पड़ सकते हैं।” उनका कहना है कि घी में वो सारे पैरामीटर नहीं मिले जो FSSAI के नियमों में जरूरी हैं।

अब सवाल ये उठ रहा है कि जिस ब्रांड पर करोड़ों लोग भरोसा करते हैं, उसका घी अगर इस तरह फेल हो रहा है तो बाकी प्रोडक्ट्स की क्या गारंटी? लोग सोशल मीडिया पर भी गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। कई यूजर्स पूछ रहे हैं – क्या पतंजलि अब माफी मांगेगी या फिर अपील करेगी?