खुदरा महंगाई ने दिया झटका, महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा आम आदमी का बजट

 
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खुदरा महंगाई ने आम आदमी को महंगी ने झटका दिया है। वहीं मानसून की बारिश की वजह से सब्जियों के रेट आसमान पर पहंुच गये है। जिस हर कोई की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। भारत का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति पांच महीने में पहली बार जून 2023 में बढ़कर 4.81ः हो गई।

सरकार ने बुधवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। मई में खुदरा मुद्रास्फीति 4.31 प्रतिशत रही थी जबकि साल भर पहले जून, 2022 में यह सात प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति 4.49 प्रतिशत रही जबकि मई में यह 2.96 प्रतिशत थी। सीपीआई में खाद्य उत्पादों का भारांक लगभग आधा होता है। जून में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़ने के बावजूद यह भारतीय रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के नीचे है।

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सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। रिजर्व बैंक खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े को ध्यान में रखते हुए द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा करता है। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा था। इसके साथ ही उसने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.6 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था।

देश का औद्योगिक उत्पादन मई में 5.2 प्रतिशत बढ़ा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन पिछले साल मई में 19.7 प्रतिशत बढ़ा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन इस साल मई में 5.7 प्रतिशत बढ़ा। आंकड़ों के अनुसार, खनन क्षेत्र के उत्पादन में आलोच्य महीने में 6.4 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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