Jagruk youth news-Satya Pal Malik Death : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में निधन हो गया। 79 वर्षीय सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर ने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ा दी है। इस लेख में हम सत्यपाल मलिक के जीवन, उनके राजनीतिक योगदान, और उनके निधन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से जानेंगे।
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से प्राप्त की और बाद में मेरठ विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। मलिक ने अपने करियर की शुरुआत सामाजिक कार्य और छात्र राजनीति से की थी, जिसने उन्हें बाद में राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया।
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जन्म और शिक्षा: बागपत, उत्तर प्रदेश में जन्म; मेरठ विश्वविद्यालय से स्नातक।
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प्रारंभिक रुचि: छात्र राजनीति और सामाजिक कार्य में सक्रियता।
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प्रभाव: ग्रामीण भारत की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए प्रेरित।
Satya Pal Malik Death : राजनीतिक करियर और योगदान
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर दशकों तक फैला हुआ है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अन्य दलों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
Satya Pal Malik Death : उत्तर प्रदेश में शुरुआती राजनीति
मलिक ने 1970 के दशक में उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। वे समाजवादी विचारधारा से प्रभावित थे और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने 1989 में अलीगढ़ से लोकसभा सांसद के रूप में अपनी पहचान बनाई।
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लोकसभा सांसद: 1989 में अलीगढ़ से चुने गए।
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राज्यसभा सदस्य: उत्तर प्रदेश से दो बार राज्यसभा सांसद रहे।
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प्रभावशाली नेतृत्व: ग्रामीण और किसान मुद्दों पर मुखर रहे।
Satya Pal Malik Death : जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल
सत्यपाल मलिक को 2018 में जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया। यह वह समय था जब अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। मलिक ने इस दौरान कई विवादास्पद फैसले लिए और केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाए रखा।
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अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर में विशेष दर्जे को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका।
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सुरक्षा और प्रशासन: आतंकवाद और अशांति के बीच शांति स्थापना के प्रयास।
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विवाद: कुछ नीतियों पर स्थानीय नेताओं के साथ मतभेद।
Satya Pal Malik Death : अन्य राज्यों में राज्यपाल की भूमिका
जम्मू-कश्मीर के बाद, मलिक ने बिहार, ओडिशा, गोवा, और मेघालय जैसे राज्यों में भी राज्यपाल के रूप में सेवा दी। उन्होंने इन राज्यों में विकास और प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया।
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बिहार: शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए पहल।
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गोवा और मेघालय: स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय।
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विशेष योगदान: केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय।
Satya Pal Malik Death : स्वास्थ्य समस्याएँ और RML अस्पताल में भर्ती
सत्यपाल मलिक पिछले कुछ वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनकी मुख्य स्वास्थ्य समस्याएँ किडनी से संबंधित थीं, साथ ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी अन्य बीमारियाँ भी थीं। मई 2025 से वे दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती थे।
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स्वास्थ्य स्थिति: डायबिटिक किडनी रोग, उच्च रक्तचाप, और मोटापा।
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अस्पताल में भर्ती: मई 2025 से RML अस्पताल में इलाज।
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गंभीर स्थिति: जून 2025 में उनकी स्थिति और बिगड़ गई थी।
Satya Pal Malik Death : सत्यपाल मलिक का निधन: अंतिम दिन
5 अगस्त 2025 को सत्यपाल मलिक ने दिल्ली के RML अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उनके निधन की पुष्टि की गई, जिसमें कहा गया कि “पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक जी नहीं रहे।” उनकी मृत्यु की खबर ने उनके समर्थकों और राजनीतिक हलकों में गहरा दुख पैदा किया।
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निधन की तारीख: 5 अगस्त 2025।
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स्थान: राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल, दिल्ली।
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आधिकारिक घोषणा: उनके ट्विटर हैंडल से पुष्टि।
Satya Pal Malik Death : सत्यपाल मलिक के विवाद और भ्रष्टाचार के आरोप
सत्यपाल मलिक अपने कार्यकाल के दौरान कई विवादों में भी रहे। विशेष रूप से, किरू जलविद्युत परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में CBI ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मलिक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वे इस मामले में व्हिसलब्लोअर थे और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी।
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किरू जलविद्युत परियोजना: 2200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप।
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CBI की कार्रवाई: 2025 में मलिक और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट।
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मलिक का दावा: “मैंने भ्रष्टाचार को उजागर किया, बदले में मुझे निशाना बनाया गया।”
Satya Pal Malik Death : उनके निधन पर प्रतिक्रियाएँ
सत्यपाल मलिक के निधन पर कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और आम लोगों ने शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर उनके योगदान को याद किया गया और उनकी साहसिक टिप्पणियों की सराहना की गई।
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राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया: कई नेताओं ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया।
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सोशल मीडिया पर शोक: X पर उनके समर्थकों ने उनके कार्यों को याद किया।
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सामाजिक प्रभाव: किसान आंदोलन और अन्य मुद्दों पर उनके समर्थन को सराहा गया।
Satya Pal Malik Death : सत्यपाल मलिक की विरासत
सत्यपाल मलिक एक ऐसे राजनेता थे जो अपनी स्पष्टवादिता और साहस के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई विवादास्पद मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी, चाहे वह अनुच्छेद 370 हो या किसान आंदोलन। उनकी विरासत को उनके समर्थक और आलोचक दोनों अलग-अलग नजरिए से देखते हैं।
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स्पष्टवादिता: सरकार की नीतियों पर खुलकर आलोचना।
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किसान समर्थक: किसान आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका।
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राजनीतिक प्रभाव: कई राज्यों में उनके प्रशासनिक योगदान।
सत्यपाल मलिक का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके जीवन और कार्यकाल ने देश के कई हिस्सों में गहरी छाप छोड़ी। लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बाद, उन्होंने RML अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। उनकी स्पष्टवादिता, साहस, और जनता के प्रति समर्पण हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन ने एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि जीवन कितना अनमोल है और हमें अपने नेताओं के योगदान को कैसे सम्मान देना चाहिए।