UP NEWS- (गोंडा) उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार, 3 अगस्त 2025 की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। एक बोलेरो कार, जिसमें 15 लोग सवार थे, अनियंत्रित होकर सरयू नहर में जा गिरी। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर एक ही परिवार के थे। सभी लोग मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव से पृथ्वीनाथ मंदिर जल चढ़ाने जा रहे थे। हादसा इटियाथोक थाना क्षेत्र के रेहरा बेलवा बहुता गांव के पास सरयू नहर पुल पर हुआ। स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और चार लोगों को कार का शीशा तोड़कर सुरक्षित निकाला, लेकिन बाकी 11 लोग इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे।
यह हादसा इतना भयावह था कि कार पूरी तरह पानी में डूब गई, और गेट लॉक होने के कारण लोग बाहर नहीं निकल सके। बारिश के कारण नहर में पानी का स्तर भी काफी ऊंचा था, जिसने बचाव कार्य को और मुश्किल बना दिया। मृतकों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं, जिससे इस त्रासदी का दुख और गहरा हो गया है।
कैसे हुआ यह भयावह हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा सुबह करीब 6 बजे हुआ। बोलेरो कार तेज रफ्तार में थी, और नहर के किनारे की सड़क बारिश के कारण फिसलन भरी और संकरी हो गई थी। चालक ने संभवतः मोड़ पर नियंत्रण खो दिया, जिसके कारण कार सीधे सरयू नहर में जा गिरी। कार में सवार लोग पृथ्वीनाथ मंदिर में सावन के पवित्र महीने में जल चढ़ाने जा रहे थे। हादसे के समय हल्की बारिश हो रही थी, जिसने सड़क को और खतरनाक बना दिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कार के नहर में गिरते ही चीख-पुकार मच गई। कुछ लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और कार का शीशा तोड़कर चार लोगों को बाहर निकाला। हालांकि, कार के गेट लॉक होने और तेज पानी के बहाव के कारण बाकी लोगों को बचाना संभव नहीं हो सका। यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र के लिए एक बड़ा आघात है।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
हादसे की सूचना मिलते ही इटियाथोक थाना पुलिस, जिला प्रशासन, और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल और जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बचाव कार्यों की निगरानी की। स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की मदद से 11 शवों को नहर से निकाला गया, जबकि चार घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, और उनका इलाज जारी है।
पुलिस ने बताया कि कार में जरूरत से ज्यादा लोग सवार थे, जो संभवतः हादसे का एक कारण हो सकता है। थानाध्यक्ष इटियाथोक केजी राव ने कहा कि सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जनपद गोंडा में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।” उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने और घायलों के समुचित इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जाएं, ताकि पीड़ितों को तत्काल सहायता मिल सके। उनकी इस त्वरित प्रतिक्रिया को स्थानीय लोगों ने सराहा है, लेकिन साथ ही सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।
सड़क सुरक्षा और नहरों के पास खतरे
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और नहरों के किनारे बनी सड़कों के खतरों को उजागर करता है। गोंडा जिले में सरयू नहर के किनारे की सड़कें अक्सर संकरी और खतरनाक होती हैं, खासकर बारिश के मौसम में। इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं, जैसे कि हाल ही में बठिंडा में सरहिंद नहर में कार गिरने की घटना, जहां सौभाग्यवश कोई हताहत नहीं हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि नहरों के किनारे रेलिंग और चेतावनी बोर्ड की कमी, साथ ही सड़कों की खराब स्थिति, इस तरह के हादसों को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, वाहनों में जरूरत से ज्यादा सवारी और तेज रफ्तार भी इन दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं। प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, जैसे कि सड़कों का चौड़ीकरण, रेलिंग की स्थापना, और नियमित सड़क सुरक्षा अभियान।
गोंडा का यह हादसा न केवल एक परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चेतावनी है। पृथ्वीनाथ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए जाने चाहिए। यह घटना हमें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होने और प्रशासन से बेहतर बुनियादी ढांचे की मांग करने के लिए प्रेरित करती है। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं, और हम उम्मीद करते हैं कि प्रशासन इस त्रासदी से सबक लेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएगा।