मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
UPNEWS-उत्तर प्रदेश में मकान मालिक और किरायेदारों के बीच होने वाले झगड़ों को खत्म करने के लिए योगी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो लाखों लोगों की जेब ढीली कर देगा। जी हां, अब रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन कराना बेहद सस्ता हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्टांप ड्यूटी में भारी कटौती कर दी गई है। पहले जहां लोग 4 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के बोझ से रजिस्ट्रेशन से बचते थे, अब सिर्फ 500 से 2500 रुपये में सब कुछ हो जाएगा। यह कदम न सिर्फ विवादों को कम करेगा, बल्कि किराए के नियमों को भी पारदर्शी बनाएगा। आइए जानते हैं इस फैसले की पूरी डिटेल और यह आपकी जिंदगी को कैसे आसान बनाने वाला है।
यूपी सरकार का मास्टरस्ट्रोक: मकान मालिक–किरायेदार विवाद अब होंगे खत्म
उत्तर प्रदेश सरकार ने हमेशा से ही आम जनता की समस्याओं को समझते हुए बड़े-बड़े फैसले लिए हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। मकान मालिक और किरायेदारों के बीच सबसे बड़ा झगड़ा रेंट एग्रीमेंट को लेकर होता था। कोई लिखित में कुछ और कहता, तो मुंह पर कुछ और। रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगते थे। लेकिन अब योगी सरकार ने इस समस्या की जड़ पर ही प्रहार कर दिया। स्टांप ड्यूटी घटाकर सरकार ने साफ संदेश दे दिया है कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा। रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य नहीं है, लेकिन जो कराएंगे, उन्हें कानूनी सुरक्षा मिलेगी और विवाद की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।
CM योगी के निर्देश पर स्टांप ड्यूटी में भारी कटौती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप किया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। नतीजा यह हुआ कि रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन की स्टांप ड्यूटी को घटाकर न्यूनतम स्तर पर ला दिया गया। अब आपको महंगे-महंगे स्टांप पेपर खरीदने की जरूरत नहीं। सिर्फ 500 रुपये से लेकर अधिकतम 2500 रुपये तक की फीस में आपका एग्रीमेंट रजिस्टर्ड हो जाएगा। यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होने वाला है, जो शहरों में किराए पर रहते हैं। चाहे नोएडा हो, लखनऊ, कानपुर या गाजियाबाद – हर जगह इस राहत का असर दिखेगा। सरकार का मानना है कि सस्ता रजिस्ट्रेशन लोगों को कानूनी रास्ते पर लाएगा और ब्लैकमनी का चलन भी रुकेगा।
पहले 4% स्टांप ड्यूटी के कारण लोग करते थे किनारा
सोचिए, अगर आपका किराया 20,000 रुपये महीना है, तो सालाना 2.4 लाख रुपये। अब 4 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी का मतलब था करीब 9600 रुपये सिर्फ स्टांप पर। ऊपर से रजिस्ट्रेशन फीस, वकील की फीस – कुल मिलाकर 15-20 हजार तक का खर्च। ऐसे में कौन कराता रजिस्ट्रेशन? ज्यादातर लोग मौखिक समझौते पर ही भरोसा करते थे। नतीजा – किराया बढ़ाने, घर खाली कराने या सिक्योरिटी वापस करने को लेकर रोज झगड़े। पुलिस थाने, कोर्ट और लोक अदालतें ऐसे मामलों से भरी पड़ी रहती थीं। लेकिन अब योगी सरकार ने इस पुरानी व्यवस्था को बदल दिया। सस्ती स्टांप ड्यूटी से लोग बेझिझक रजिस्ट्रेशन कराएंगे और दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी।
अब रजिस्ट्रेशन सिर्फ 500-2500 रुपये में – जानिए कैसे?
नई व्यवस्था के तहत स्टांप ड्यूटी फिक्स नहीं रहेगी, बल्कि किराए की राशि के हिसाब से स्लैब में बंटी है। छोटे किराए वाले घरों के लिए न्यूनतम 500 रुपये और बड़े फ्लैट्स या कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए अधिकतम 2500 रुपये तक। यह राशि इतनी कम है कि कोई भी आसानी से अफोर्ड कर सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आपको सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाना होगा, जहां आधार कार्ड, किराए की डिटेल और दोनों पक्षों की सहमति के साथ एग्रीमेंट जमा करना होगा। ऑनलाइन पोर्टल पर भी यह सुविधा जल्द शुरू होने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले एक साल में 50 प्रतिशत से ज्यादा रेंट एग्रीमेंट रजिस्टर्ड हो जाएं।
किरायेदारों को मिलेगी मजबूती, मकान मालिकों को भी फायदा
यह फैसला सिर्फ किरायेदारों के लिए नहीं, मकान मालिकों के लिए भी फायदेमंद है। रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने से किराया समय पर मिलेगा, घर खाली कराने में दिक्कत नहीं होगी और टैक्स संबंधी कोई झंझट नहीं। किरायेदारों को भी डर नहीं रहेगा कि मकान मालिक अचानक किराया बढ़ा दे या बिना नोटिस घर खाली करा दे। दोनों पक्षों के बीच विश्वास बढ़ेगा और समाज में शांति बनी रहेगी। योगी सरकार ने साबित कर दिया कि छोटे-छोटे बदलाव से बड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।
आने वाले दिनों में और क्या बदलेगा?
सरकार इस दिशा में और कदम उठाने वाली है। रेंट कंट्रोल एक्ट में संशोधन, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल और किराया बढ़ोतरी की सीमा तय करने जैसे प्रस्ताव पर काम चल रहा है। जल्द ही पूरे यूपी में किराए से जुड़े सभी नियम एक छत के नीचे उपलब्ध होंगे। अगर आप किराए पर रहते हैं या मकान देते हैं, तो यह सही समय है रजिस्ट्रेशन कराने का। देर मत कीजिए, वरना बाद में पछताना पड़ेगा।
यह फैसला उत्तर प्रदेश को किराया बाजार में नंबर वन बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। योगी सरकार की यह पहल न सिर्फ आर्थिक बोझ कम करेगी, बल्कि सामाजिक सद्भाव भी बढ़ाएगी। लाखों लोग इस राहत के लिए मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।