पुलिस की पिटाई से नहीं, इस वजह से हुई दलित युवक की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा

 
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आगरा: आगरा जिले के जगदीशपुरा थाना के मालखाना से 25 लाख रुपये की चोरी में सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की हिरासत में मौत अचानक हृदय गति रुकने से हुई थी. यह जानकारी बुधवार देर रात एसएसपी मुनिराज ने मीडिया को दी है. परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस की कस्टडी में उनकी मौत हो गई थी.


जानकारी के मुताबिक देर रात मेडिकल बोर्ड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस की ओर से अरुण की मौत का यह खुलासा किया गया. इस सम्बंध में जानकारी देते हुए एसएसपी मुनिराज ने बताया कि जगदीशपुरा थाना पुलिस की हिरासत में सफाई कर्मचारी अरुण का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराया गया था. ​जिसमें चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, अरुण की मौत हार्ट अटैक से हुई थी न कि पुलिस की पिटाई से.


एसएसपी मुनिराज ने बताया कि इस मामले में अब तक 11 पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं. जगदीशपुरा थाना की जीडी की रवानगी के दौरान मौजूद क्रिमनल इंटेलीजेंस विंग के इंस्पेक्टर आनंद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही महेंद्र रूपेश और सत्यम को सस्पेंड कर दिया है. वहीं मामले की जांच को भी एक टीम गठित कर दी गई है.

इससे पहले एडीजी राजीव कृष्ण ने थाना के मालखाने से चोरी के मामले में लापरवाही बरतने पर जगदीशपुरा थाना के प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी, समेत छह पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं.

वहीं अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने का वादा किया है. प्रशासन ने बताया कि मालखाने में हुई चोरी और आरोपी की हिरासत में हुई मौत के मामले में अभी तक 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. आगरा के जिलाधिकारी पी. एन. सिंह ने बताया कि प्रशासन की अनुशंसा पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सफाईकर्मी की नौकरी देने का फैसला लिया गया है

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