चेन्नई सुपर किंग्स के लिए तुरप का इक्का साबित हुआ यह गेंदबाज

 
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आइपीएल 2022 का सीजन चेन्नई सुपर किंग्स के लिए शुरूआत में भले ही अच्छा न रहा हो लेकिन अपने सातवे मैच में मुम्बई को रोमांचक मैच में मुम्बई को हराकर अपने इरादे जता दिए हैं। और इस मैच में  (CSK) के तेज गेंदबाज मुकेश चौधरी (Mukesh Choudhary) ने बीते दिन मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले गए आईपीएल (IPL) मैच में 3 विकेट लेकर सनसनी पैदा कर दी. मुकेश चौधरी (Mukesh Choudhary) ने रोहित शर्मा (0), ईशान किशन (0) और डेवाल्ड ब्रेविस (4) को आउट कर मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के खेमे में हड़कंप मचा दिया. इस मैच में मुकेश चौधरी (Mukesh Choudhary) के नाम 4 विकेट होते, लेकिन CSK टीम ने कई कैच भी छोड़े थे.


मुकेश चौधरी (Mukesh Choudhary) सीएसके टीवी को बताया, 'जब मैं छोटा था, तो बड़े लोग मुझे बल्लेबाजी या गेंदबाजी नहीं करने देते थे, लेकिन मैं पूरे दिन फील्डिंग करता था. मेरे घर में स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. मेरे गांव में कोई क्लब या कुछ भी नहीं था, इसलिए यह सब टेनिस गेंद से शुरू हुआ। मुंबई के खिलाफ चौधरी के शानदार प्रदर्शन ने निश्चित रूप से उनके पिता को गौरवान्वित किया होगा. मुकेश चौधरी ने कहा, 'मेरी यात्रा कठिन रही है, लेकिन मेरे परिवार ने मेरा साथ दिया. जब मैं पुणे में अकेला था, तो मेरी बहन ने मेरा बहुत साथ दिया. उसके बिना मैं कुछ भी अच्छा नहीं कर पाता था. यहां तक कि जब मुझे चुना गया, तो उन्होंने मुझे अगले चरणों के बारे में सोचने और अच्छा करने के लिए कहा था।


 मुकेश चौधरी को हालांकि ऐसा प्रदर्शन करने में समय लगा, लेकिन अब उन्होंने टीम प्रबंधन द्वारा उन पर दिखाए गए विश्वास को आगे बढ़ाया है और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की करीबी जीत में अहम भूमिका निभाई. क्रिकेट मुकेश चौधरी (Mukesh Choudhary) का पसंदीदा खेल था, जब वह राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के परदोदास गांव में बड़े हो रहे थे.


मुकेश चौधरी ने कहा, 'चौथी कक्षा में मेरे पिता ने मुझे एक बोर्डिंग स्कूल में डाल दिया, क्योंकि मेरे गांव में पढ़ने की ज्यादा सुविधा नहीं थी. मैंने फिर बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, हॉकी जैसे अन्य खेलों की भी कोशिश की, लेकिन क्रिकेट हमेशा मेरा पसंदीदा था।
मुकेश चौधरी ने कहा, 'दो साल बाद मैंने रणजी ट्रॉफी (महाराष्ट्र के लिए) खेली, तब उन्होंने ठीक महसूस किया और मेरा समर्थन किया. जब तक मैं राज्य के लिए नहीं चुना गया, केवल मेरे भाई को पता था कि मैं गंभीरता से क्रिकेट खेल रहा हूं. मेरे माता-पिता को नहीं पता था.'


मुकेश चौधरी ने कहा, 'मैंने अपने माता-पिता को नहीं बताया, लेकिन मैंने क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू कर दिया. जब मेरा नाम अखबारों में आया, तो मैं उन्हें बताया. तब मेरे पिता ने कहा ठीक है, लेकिन पढ़ाई जारी रखो, क्योंकि बहुत सारे लोग क्रिकेट खेलते हैं।

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