इन श्रमिकों की कभी नहीं आयेगी 1000 रूपये की किस्त, ऐसे चेक करें अपना नाम

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित कामगारों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है
 
E-shram card

E shram card installment: सरकार ने श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिये देशभर में ई-श्रम कार्ड e-shram card  बनवाये है। श्रमिक को एक ई-श्रम कार्ड जारी हुआ है। साथ राज्यें सरकारों ने भी राज्य स्तर पर श्रम कार्ड जारी कर रखे है । इस कार्ड से राज्य स्तर की योजनाओं का लाभ मिल रहा है । श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित कामगारों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है, जिसे आधार के साथ जोड़ा जाएगा।

इसमें नाम, व्यवसाय, पता, शैक्षिक योग्यता, कौशल स्वरूप और परिवार इत्यादि का विवरण होगा ताकि उनकी रोजगार क्षमता का इष्टतम उपयोग हो सके और उन तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों का विस्तार किया जा सके। इस क्रम में सबसे पहले यूपी सरकार ने श्रमिकों को भत्ता देने शुरू किया है। जिसकी दो तीन किस्ते जारी भी कर दी गई है।यूपी सरकार ने प्रदेश के करीब डेढ़ करोड़ श्रमिकों को 500 रूपये की राशि उनके खाते में भेज दी है। प्रदेश में कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या 50908745 करोड़ (पांच करोड़ 90 लाख आठ हजार 745) है।

ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित कामगारों की संख्या 38160725 और बीओसी डब्लू बोर्ड https://upbocw.in  के अंतर्गत कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या 12748020 है। इनमें से पहले चरण में दिंसबर और जनवरी माह के करीब डेढ़ करोड़ कामगारों के खाते में भरण पोषण भत्ता भेजा दिया था। छह फरवरी को फरवरी माह के 500 रूपये भरण पोषण भत्ता श्रमिकों के खाते भेज दिया है।

E-shram card
बीते माह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले भी श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। उत्तर प्रदेश को देश का पहला राज्य बनाने का काम किया था। जिसके बाद कई राज्यों ने भी योगी सरकार की व्यवस्था को लागू किया।


यूपी सरकार ने 500 रुपए प्रति माह देने की घोषणा

1.50 करोड़ कामगारों को भरण पोषण भत्ता राशि देने का शुभारम्भ किया है। इसमें 500 रुपए प्रति माह के अनुसार दो महीने का एक हजार रुपए भत्ता जनवरी में दे दिया है जबकि फरवरी को भी जारी कर दिया गया है। इस तरह कामगारों और निर्माण श्रमिकों को कुल 1500 करोड़ रुपए हस्तांतरित करेगी। श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देकर देश में प्रदेश को पहले पायदान बैठाने का काम किया था।क्योंकि योगी सरकार से पहले देश के किसी प्रदेश ने इस व्यवस्था पर काम नहीं किया था।हालांकि इसके बाद कई राज्यों ने इस व्यवस्था को अपने यहां लागू किया। योगी सरकार एक बार फिर कोरोना काल में श्रमिकों और वंचित तबके की जीवन और जीविका बचाने का काम फिर शुरू करने जा रही है।

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वैश्विक महामारी कोरोना की मार से समाज का हर तबका प्रभावित रहा। चूंकि दूसरी लहर पहले की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक थी, लिहाजा इसका असर भी उसी अनुसार रहा। इसके साथ यह भी सच है कि समाज का सबसे वंचित तबका जिसके परिवार का गुजारा उसकी मुखिया की रोज की कमाई पर निर्भर करता है,वह इस अभूतपूर्व और अप्रत्याशित महामारी से सर्वाधिक प्रभावित रहा।

श्रमिकों को किसे मिलेगा लाभ

इसमें सड़क के किनारे रेहड़ी,खोमचा लगाने वाले,रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता आदि शामिल हैं। इसके अलावा एक बड़ा वर्ग उन श्रमिकों का है जो निर्माण कार्य से जुड़े हैं। कोरोना के पहले संक्रमण के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे आकर समाज के इस सबसे वंचित वर्ग की हर संभव मदद की थी।


इन श्रमिकों की नहीं आयेगी किस्त

जिन श्रमिकों की धनराशि नहीं मिली है तो वह अपने यूपी सरकार के e-shram card  श्रम कार्ड की ई केवाईसी कर सकते है। ekyc ई-केवाईसी CSC सीएससी केन्द्र पर जाकर करा सकते है। जिनके श्रम कार्ड और आधार कार्ड में नाम और जन्मतिथि में मिस्टक है। उसकी वजह से भी धनराशि नहीं आ रही है। अपने नजदीक के जनसेवा केंद्र पर जाकर अपने आधार और श्रम कार्ड को लिंक करायें। आने वाले समय में आपकी किश्त आ जायेंगी। जो श्रमिक किसी सरकारी अन्य योजना का लाभ ले रहे तो उन्हे भी इसका लाभ नहीं मिलेगा । आपका कार्ड निरस्त तो नहीं हुआ है इस https://upbocw.in  बेवसाइड पर चेक कर सकते है। 

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