मुरादाबाद में पुलिस करेगी किराएदारों का डोर टू डोर सत्यापन

ताजा खबरों का अपडेट लेने के लिये ग्रुप को ज्वाइन करें Join Now

मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता 

मुरादाबाद-दिल्ली में हुए हालिया धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और उत्तर भारत में चौकसी बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस ने एक बड़ा अभियान शुरू किया है। यहां पुलिस किराएदारों का डोर-टू-डोर सत्यापन कर रही है। मुरादाबाद, जो अपनी पीतल की इंडस्ट्री के लिए मशहूर है, यहां बड़ी संख्या में लोग काम और पढ़ाई के लिए बाहर से आते हैं। छात्र-छात्राएं, मजदूर और व्यापारी देश-विदेश से यहां बसते हैं। ऐसे में पुलिस ने बाहरी लोगों पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया है, ताकि कोई संदिग्ध गतिविधि न हो सके।

दिल्ली ब्लास्ट का असर: क्यों बढ़ी चौकसी?

दिल्ली ब्लास्ट की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच एजेंसियां मान रही हैं कि इस तरह की घटनाएं संगठित तरीके से हो सकती हैं, और इसमें बाहरी तत्वों की भूमिका हो सकती है। मुरादाबाद जैसे शहर, जहां आबादी घनी है और लोग लगातार आते-जाते रहते हैं, वहां खतरा ज्यादा माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान सिर्फ रूटीन चेक नहीं है, बल्कि एक जरूरी कदम है जो शहर की सुरक्षा को मजबूत करेगा। स्थानीय निवासियों से बात करने पर पता चला कि लोग इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन कुछ किराएदारों को असुविधा भी हो रही है। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमें लगता है कि यह सही है, क्योंकि सुरक्षा सबसे पहले है। लेकिन पुलिस को जल्दी से काम करना चाहिए ताकि आम जीवन प्रभावित न हो।”

मुरादाबाद पुलिस ने इस अभियान को हाई अलर्ट मोड में चलाया है। टीमों को विभाजित किया गया है, जो अलग-अलग मोहल्लों में जाकर किराएदारों के दस्तावेज चेक कर रही हैं। आधार कार्ड, वोटर आईडी, किराया एग्रीमेंट जैसी चीजें देखी जा रही हैं। अगर कोई संदिग्ध लगता है, तो उसकी जांच और गहराई से की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान कुछ दिनों तक चलेगा और जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है। शहर में पहले से ही सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए गए हैं और चेकिंग पॉइंट्स पर सख्ती है।

मुरादाबाद की विविधता: चुनौती और अवसर

मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है। यहां पीतल के अलावा हैंडीक्राफ्ट, एक्सपोर्ट इंडस्ट्री चलती है। हजारों लोग रोजगार के लिए यहां आते हैं। छात्र-छात्राएं भी विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में पढ़ने आते हैं। विदेशी पर्यटक और व्यापारी भी यहां आते हैं, जो शहर को जीवंत बनाते हैं। लेकिन इसी विविधता के कारण सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। पुलिस का मानना है कि बाहरी लोगों की निगरानी से शहर सुरक्षित रहेगा। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम नहीं चाहते कि कोई घटना हो। इसलिए पहले से ही सतर्क रहना बेहतर है।”

इस अभियान के दौरान पुलिस मकान मालिकों को भी जागरूक कर रही है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि नए किराएदारों को बसाने से पहले उनके दस्तावेज जरूर चेक करें और पुलिस को सूचित करें। यह एक तरह से कम्युनिटी पोलिसिंग है, जहां स्थानीय लोग भी शामिल हो रहे हैं। कुछ इलाकों में मोबाइल ऐप के जरिए रिपोर्टिंग की सुविधा भी दी गई है, ताकि संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत मिल सके।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: डर और सतर्कता का मिश्रण

शहर के लोग इस अभियान से मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ का कहना है कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद यह जरूरी है, जबकि कुछ किराएदारों को लगता है कि इससे उनकी प्राइवेसी प्रभावित हो रही है। एक छात्रा ने बताया, “मैं यहां पढ़ाई के लिए आई हूं। पुलिस चेकिंग से डर लगता है, लेकिन समझती हूं कि यह सबकी सुरक्षा के लिए है।” वहीं, एक मजदूर ने कहा, “हमारे दस्तावेज ठीक हैं, लेकिन बार-बार चेकिंग से काम प्रभावित होता है।” पुलिस ने आश्वासन दिया है कि यह अभियान पारदर्शी तरीके से चलाया जा रहा है और किसी को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाएगा।

सुरक्षा एजेंसियां पूरे उत्तर भारत में इसी तरह के कदम उठा रही हैं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद जैसे शहरों में भी चेकिंग बढ़ी है। मुरादाबाद में यह अभियान एक मिसाल बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में जनता का सहयोग जरूरी है। अगर कोई संदिग्ध दिखे, तो तुरंत रिपोर्ट करें।

आगे क्या? सुरक्षा के नए मानक

दिल्ली ब्लास्ट की जांच अभी चल रही है, लेकिन इसका असर दूर-दूर तक दिख रहा है। मुरादाबाद पुलिस का यह अभियान खत्म होने के बाद भी निगरानी जारी रहेगी। शहर में नए सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जा सकते हैं, जैसे कि किराएदार रजिस्ट्रेशन सिस्टम। यह सब शहरवासियों को सुरक्षित महसूस कराएगा। अंत में, सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है। अगर हम सतर्क रहें, तो ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं।